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Heat Wave: गर्मी का मेंटल हेल्थ पर होता बुरा असर, एक्सपर्ट बता रहे कैसे रखें ख्याल?

Heat Wave Affects Mental Health: मेंटल हेल्थ पर गर्मी से जुड़ी खबरों का क्या असर होता है?

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>मेंटल हेल्थ पर गर्मी से जुड़ी खबरों का क्या असर होता है?</p></div>
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मेंटल हेल्थ पर गर्मी से जुड़ी खबरों का क्या असर होता है?

(फोटो: विभूषित सिंह/फिट हिंदी)

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Heat Wave Affects Mental Health: स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि इस साल 1 मार्च से 18 जून के बीच देश के कई हिस्से में चल रही भीषण गर्मी से कम से कम 110 लोगों की जान चली गई और 40,000 से अधिक लोग संभावित हीट स्ट्रोक के शिकार हुए.

दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से प्रभावित मरीजों की भीड़ देखी जा रही है, जिससे डॉक्टरों को राष्ट्रीय राजधानी में परेशान कर देने वाली गर्मी और उमस के बीच बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों को घर के अंदर रहने की सलाह मिल रही है.

गर्मी का बुरा प्रभाव सिर्फ फिजिकल हेल्थ पर ही नहीं पड़ता बल्कि लोगों के मेंटल हेल्थ भी इससे बुरी तरह प्रभावित होते हैं.

गर्मी का मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? क्या गर्मी के कारण नींद कम आना, स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है? मेंटल हेल्थ पर गर्मी से जुड़ी खबरों का क्या असर होता है? ऐसे में कैसे रखें मेंटल हेल्थ का ख्याल? इन सवालों के जवाब जानने के लिए फिट हिंदी ने मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से बात की.

गर्मी का मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है?

हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों वातावरण और तापमान से जुड़े हैं. तापमान के बढ़ने और घटने का असर हमारे पूरे हेल्थ पर देखने को मिलता है.

डॉ. समीर कलानी बताते हैं कि गर्मियों में मन में तेजी आ जाती है, जिसको मिनिया बोलते हैं.

"बहुत अधिक गर्मी तो सभी को परेशान कर देती है पर बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे मरीज गर्मियों में बहुत परेशान हो जाते हैं. ऐसे मौसम में उन्हें दवाओं की अधिक जरूरत पड़ती है. उनके अंदर गुस्सा बढ़ जाता है. अक्सर इस समय साइकेट्री/मेंटल हेल्थ विभाग में बाइपोलर मरीजों के भर्ती होने के मामले बढ़ जाते हैं."
डॉ. समीर कलानी, साइकेट्रिस्ट एंड एचओडी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

वहीं डॉ. त्रिदीप चौधरी बताते हैं कि असहनीय गर्मी झेल रहे लोगों में कई कारणों से कंसंट्रेशन पॉवर कम हो जाता है, जिस कारण लोगों में गुस्सा और चिड़चिड़ापन बहुत बढ़ जाता है.

गर्मी में धूप और ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है, जिसके कारण पसीने के रूप में शरीर का पानी और नमक निकलता रहता है. उससे शरीर में थकावट ज्यादा होती है, जिस कारण हमारा कंसंट्रेशन पॉवर कम हो जाता है, जिससे प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है.

"गर्मी के कारण होने वाली थकावट हमारी सोचने की क्षमता और किसी परेशानी को सुलझाने की क्षमता को कम कर देती है."
डॉ. त्रिदीप चौधरी, साइकेट्रिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

गर्मी में नींद का कम आना, स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन बढ़ जाना आम बात बन गई

गर्मी की वजह से नींद कम आने पर मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है. सहन करने की क्षमता में कमी आती है, जिस कारण स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है.

"जब इंसान कम सोता है, तो उसके दिमाग के एग्जीक्यूटिव फंक्शंस या जजमेंट और रीजनिंग वाले फंक्शन सही ढंग से काम नहीं करते, जिस कारण किसी तरह का कॉन्फ्लिक्ट होने पर वो उसे सुलझा नहीं पाते या सुलझाने में कठिनाई महसूस करते हैं."
डॉ. त्रिदीप चौधरी, साइकेट्रिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

ये समस्या पारिवारिक रिश्तों में, ऑफिस में या खुद से भी हो सकती है, जिससे डील करने में दिक्कत महसूस होने लगती है.

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मेंटल हेल्थ पर गर्मी से जुड़ी खबरों का क्या असर होता है?

गर्मी झेल रहे और गर्मी से होने वाली मौतों और हेल्थ प्रॉब्लम्स से जुड़ी खबरें पढ़ रहे लोगों के मन में डर बैठना स्वाभाविक है. इन खबरों को पढ़ने/सुनने से व्यक्ति घबराता है, गर्मी के कारण हुई परेशानी याद आती है. मन में डर पैदा होता है कि क्या आने वाले सालों में गर्मी और बढ़ेगी? क्या आगे चल ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे जो रहने लायक न रहें?

इस तरह के डर पैदा करने वाली बातों की के पीछे छुपी सच्चाई को परखने की बात कहते हुए डॉ. त्रिदीप चौधरी फिट हिंदी से कहते हैं,

"इन सवालों के पीछे है इससे जुड़ी खबरें जो लोग देख या पढ़ रहे हैं और ज्यादातर जिनके पीछे साइंटिफिक एविडेंस नहीं होते हैं. ऐसी खबरों को परखना जरुरी है. देखना चाहिए कि क्या ये खबर किसी साइंटिफिक फैक्ट पर आधारित है और अगर नहीं है, तो खुद को और दूसरों को ऐसी खबरों से बचाना भी बहुत जरुरी है. इसके बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है."
डॉ. त्रिदीप चौधरी, साइकेट्रिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

बढ़ती हुए गर्मी एक समस्या है, जिसका हल भी है. पर्यावरण का ध्यान रखना हम सभी के हाथों में है. हरियाली बढ़ाना, पानी का इस्तेमाल सोच-समझ कर करना, बिजली की खपत पर लगाम लगाना, प्रदूषण रोकने के उपायों पर अमल करना, इनमें से कुछ हैं.

⁠ऐसे में कैसे रखें मेंटल हेल्थ का ख्याल?

एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे में अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ का पूरा ध्यान रखें. चाहे परिस्थिति गर्मी की हो या स्ट्रेस से भारी हो.

"अलर्ट रहें, गर्मी के कारण बॉडी से लगातार निकल रहे पसीने से होने वाले पानी और नमक की कमी को होने से रोकें. ऐसा करने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है. ऐसी गर्मी में बेल और सत्तू का शरबत फायदा पहुंचाता है."
डॉ. समीर कलानी, साइकेट्रिस्ट एंड एचओडी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

गर्मी में मेंटल हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए हमें कुछ बातों पर ध्यान देना जरुरी है.

  • जहां तक हो सके बीमार कर देने वाली गर्मी से बचें

  • हाइड्रेटेड रहें और ताजी फल-सब्जी अधिक खाएं

  • अगर किसी को कोई मानसिक समस्या है और उसके लिए पहले से दवा चल रही है, तो अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और दवा लेते रहें.

  • बिना वजह घबराहट न फैलाएं. अगर किसी को गर्मी के कारण बैचनी हो रही है या लग रहा है कि बढ़ती गर्मी का बुरा असर उनके हेल्थ पर हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलें न कि घबड़ाहट में अपना और अपने आसपास के लोगों को परेशान करें.

  • रात में पर्याप्त नींद लेना बहुत जरुरी है.

  • बहुत अधिक गर्मी में अपनी एनर्जी का इस्तेमाल सोच-समझ कर करें.

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