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इंपेला डिवाइस, जो एक छोटा सा पंप होता है, दिल की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के जीवन को बचा सकता है, यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हाल ही में अपने पोस्ट-अप्रूवल स्टडी में कहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपकरण दिल की बीमारियों के इलाज के तरीके में बड़े बदलाव ला सकता है और हाल ही में भारत के कई अस्पतालों में इसका इस्तेमाल किया गया है.
पिछले महीने, इम्पेला डिवाइस से मुंबई के एक 68 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाई गई, जिसे तीन कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा था. इसी साल जुलाई में चंडीगढ़ के PGI के एडवांस्ड कार्डिएक सेंटर में इसका इस्तेमाल 90 साल के एक बुजुर्ग इंसान पर किया गया था, जिनका ओपन हार्ट सर्जरी करना काफी जोखिम भरा हो सकता था.
इम्पेला डिवाइस वास्तव में क्या है? यह कैसे काम करता है? फिट आपको बताता है.
एक लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD), इम्पेला वेंट्रिकुलर सपोर्ट सिस्टम एक छोटा उपकरण है जो उन रोगियों के शरीर में रक्त पंप करता है, जिन्हें अल्पकालिक समर्थन की आवश्यकता हो सकती है. इसका मतलब यह है कि यह उपकरण रोगी के शरीर में पर्याप्त रक्त तब तक पंप कर सकता है, जब तक कि एक्सटेंसिव चिकित्सा सहायता प्रदान नहीं की जाती है.
इम्पेला वास्तव में "एक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ कैथेटर के अंदर" एक छोटा पंप है. यह प्रति मिनट लगभग 2.5 से 5 लीटर रक्त पंप कर सकता है और एक चीरे (incision) के माध्यम से रोगी के हृदय में बाईं ओर इमप्लान्ट किया जाता है.
चेन्नई के कावेरी अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ आर अनंतरामन का कहना है कि इम्पेला एक सहायक उपकरण है, जो उन रोगियों की मदद कर सकता है, जिन्हें मेजर हार्ट अटैक आया है या जिनके ब्लड वेसेल्स ब्लॉक्ड हैं.
इम्पेला रक्त को हृदय से खींचकर महाधमनी (aorta) में डालता है. यह बाएं वेंट्रिकल, जो पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए जिम्मेदार होता है, को बाईपास कर देता है.
यह केवल तभी इस्तेमाल किया जाता है, जब बायां वेंट्रिकल काम करना बंद कर देता है, ताकि शरीर में ऑक्सीजनेशन को रिस्टोर किया जा सके और बाएं वेंट्रिकल को रिकवर करने का समय मिल सके.
एक इम्पेला डिवाइस का सपोर्ट सात दिनों तक चल सकता है. इससे रोगी को आवश्यक चिकित्सा सहायता लेने के लिए पर्याप्त समय मिल सकता है.
इतना ही नहीं, डॉ. निखिल परचुरे, कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई के अनुसार:
इम्पेला उपकरणों का अक्सर उन लोगों में उपयोग किया जाता है, जिन्हें सिवियर हार्ट फेल्यर या कार्डियोजेनिक शॉक हुआ है. इन सभी परिस्थितियों में हृदय ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के बाकी हिस्सों में पंप करने में असमर्थ होता है, जो घातक हो सकता है.
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार, इम्पेला का उपयोग करने के जोखिमों में किडनी की समस्या, अत्यधिक ब्लीडिंग, स्ट्रोक, या यहां तक कि उन रोगियों की मृत्यु भी शामिल है जो "स्टेंट प्रक्रियाओं से गुजरते हैं."
एफडीए (FDA) ने एक बयान में कहा, "FDA का मानना है कि जब डिवाइस का उपयोग उचित रूप से चुने रोगियों में स्वीकृत संकेत के लिए किया जाता है, तो इंपेला RP सिस्टम के लाभ जोखिम से अधिक हैं."
भारत में इम्पेला डिवाइस की कीमत करीब 20 लाख रुपये या इससे ज्यादा हो सकती है. कीमत अधिक होने के कारण इन उपकरणों का उपयोग कम हो रहा है, विश्व स्तर पर केवल 2.5 लाख रोगियों में.
इंपेला डिवाइस पूरे भारत में बहुत कम अस्पतालों में उपलब्ध हैं, जिनमें से अधिक संख्या में अस्पताल दक्षिणी राज्यों में हैं.
(मेडिकल डिवाइस नेटवर्क और सैन एंटोनियो रीजनल हॉस्पिटल से इनपुट्स के साथ)
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