युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी दूसरी समस्याएं दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. फिट हिंदी ने देश के कई अनुभवी हार्ट स्पेशलिस्ट से इस बारे में बातचीत की और जानने की कोशिश की कि उन 5 कारगर तरीकों के बारे में जो हार्ट हेल्थ को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
अधिकतर डॉक्टरों का कहना है कि बढ़ता स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल जैसे कई कारण युवाओं के लिए धीरे-धीरे जानलेवा साबित हो रहे हैं.
आज इस आर्टिकल में हम आपको अपने दिल को हेल्दी रखने के 5 आसान और बेहद कारगर उपाय बताएंगे.
1. स्ट्रेस से बनाए दूरी
बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस और स्ट्रेस मैनेजमेंट हेल्दी हार्ट के लिए जरुरी है लेकिन वर्तमान वर्क-कल्चर का मॉडल जिसका युवा पालन करते हैं, अक्सर तनाव, निराशा और नेगेटिविटी का कारण बन जाता है. ऑफिस स्ट्रेस यानी कि कामकाज के तनाव से लोगों में मानसिक और शारीरिक समस्याएं बढ़ रही हैं. एक्स्पर्ट्स की मानें तो युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक का प्रमुख कारण स्ट्रेस है.
हर दिन बढ़ता हुआ काम, नंबर की चिक-चिक, बॉस की डिमांड, आसमान छूती महंगाई, शहरों में रहन-सहन का खर्चीला तरीका, आसपास का माहौल, खराब रिश्ते कई बार इतने तनाव दे देते हैं कि हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर के साथ ही हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ जाती है.
ऐसी स्थिति में डॉक्टर की ये सलाह मानें,
प्रेशर में आकर कोई भी काम नहीं करें. प्रेशर में आकर काम करना, काम का स्ट्रेस लेना बेहद गंभीर परिणाम का कारण बन सकता है.
स्ट्रेस के कारणों को समझें और अपनी प्राथमिकता तय करें. जितना काम खुशी-खुशी और बिना तनाव में आए हो सके उतना ही करें.
अपने लिए अवास्तविक टारगेट्स न खड़ी करें न दूसरों को करने दें.
डीस्ट्रेस होने के तरीकें खोजें और उन्हें अपने रूटीन में शामिल करें.
2. एक्सरसाइज करें मगर संभल कर
अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए अपने वजन को बहुत ध्यान से देखना और अपने शरीर की लंबाई के अनुसार वजन के करीब रहना महत्वपूर्ण है. आजकल ज्यादातर युवा कई कारणों से या तो एक्सरसाइज कर नहीं पाते हैं या करना ही नहीं चाहते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं, जो जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर अपने हार्ट को खतरे में डाल देते हैं.
हेल्दी बॉडी और माइंड के लिए एक्सरसाइज बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि सप्ताह में केवल 5 दिन और हर दिन 45 मिनट से ज्यादा एक्सरसाइज न करें.
जेनेटिक हिस्ट्री या खुद बीपी, हार्ट या दूसरी किसी बीमारी के शिकार होने पर एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें.
एक्सरसाइज करने से पहले किसी सर्टिफाइड ट्रेनर से जरुर मिलें.
इस बात पर भी ध्यान दें कि दिनभर में एक जगह पर अधिक समय तक नहीं बैठे रहें.
3. डाइट का ख्याल रखें
हार्ट हेल्थ को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खाने-पीने पर विशेष ध्यान देना जरुरी है. बढ़ते फ़ास्ट फूड / जंक फूड कल्चर ने युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी अपनी और खींच रखा है. डॉक्टर कहते हैं, सब कुछ खाएं लेकिन हिसाब से.
अधिक मात्रा में नमक और चीनी का प्रयोग स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं.
फल और सब्जियां फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं, जो स्वाभाविक रूप से हार्ट की रक्षा करते हैं.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर दिन कम से कम पांच सर्विंग सब्जियां और दो सर्विंग फल खाना आवश्यक है.
स्मोकिंग नहीं करने से हार्ट और बॉडी के दूसरे अंग स्वास्थ्य रहते हैं. ऐसा ही अल्कोहल और कोल्ड ड्रिंक नहीं पीने से होता है.
शाकाहारी हों या मांसाहारी हिसाब से खाना खाएं.
फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स खाते रहें.
अपने रोज के खाने में इंद्रधनुष के रंगों के आहारों का उपयोग करें तो अच्छा होगा.
4. नींद से करें दोस्ती
नींद की कमी हार्ट की बीमारी सहित कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम के लिए एक प्रमुख कारक बन रही है.
कई बार लोग क्रोनिक इंसोम्निया के शिकार हो जाते हैं. यह हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ाता है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा जोखिम कारक है.
काम या स्क्रीन देखने के चक्कर में आजकल युवा अकसर अपनी नींद से समझौता करते रहते हैं. जबकि हमारे अनुभवी डॉक्टर नींद से दोस्ती के कई चमत्कारी फायदे बताते रहते हैं.
रात की एक अच्छी नींद की कमी का नुकसान झपकी या ‘भरपाई’ वाली नींद से वापस नहीं पाई जा सकती है. बॉडी और माइंड दोनों को आराम की जरुरत होती है, जो पर्याप्त मात्रा में नींद लेने से पूरी होती है. कम से कम 8 घंटे की नींद पूरी करना हार्ट के साथ-साथ बॉडी और माइंड को फिट रखता है.
5. रेग्युलर हेल्थ चेकअप है जरूरी
“अगर पल्स रेट लगातार बिना वजह के 90-100 से ऊपर जा रहा हो, बेवजह थकान लगे या ऐसा लग रहा है कि गर्दन में कुछ खिंचाव हो रहा है या छाती में भारीपन है या बहुत ज्यादा गैस बनने के लक्षण हैं, तो ये चेतावनी संकेत हैं.”डॉ उद्गीथ धीर, डायरेक्टर एंड एचओडी-सीटीवीएस, फोर्टिस हॉस्पिटल
उम्र और फैमिली हिस्ट्री को देखते हुए अपना हेल्थ चेकअप जरुर कराते रहें. शरीर में हो रहे बदलाव या परेशानियों को अनदेखा नहीं करें. आपकी बॉडी आपको रेड फ्लैग्स यानी कि चेतावनी संकेत भेजती रहती है. उसपर जरुर ध्यान दें. उदाहरण के तौर पर अगर खाना खाने के बाद लगातार गैस बनती हो या बिना कारण छाती में बाईं तरफ दर्द रह रहा हो.
डॉक्टर से मिलें और उसके बताए टेस्ट्स बिना भूले या इग्नोर किए कराएं.
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