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Air Pollution: नासा की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि उत्तर भारतीय राज्यों, खासकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के ऊपर जहरीली हवा और धुंध का घना बादल बन गया है.
नासा वर्ल्डव्यू की तस्वीरें क्षेत्र की बिगड़ती एयर क्वालिटी की चिंताजनक तस्वीर दिखाती हैं. यह खबर विशेष रूप से दिल्ली के लिए चिंताजनक है, जहां पूरे नवंबर में पहले से ही "गंभीर" AQI स्तर रहे है.
अमेरिका स्थित स्पेस ऑर्गनाइजेशन, NASA के डेटा ने हाल ही में उत्तर-पश्चिमी भारत में पराली की आग में 740% की वृद्धि को भी उजागर किया है, जो इसे खराब एयर क्वालिटी लेवल के सोर्स में से एक के रूप में पहचान करता है.
लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है. दिल्ली में निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ वाहनों से होने वाला एमिशन (emission) भी कारणों में से है.
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जहरीली हवाएं केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पड़ोसी शहरों और राज्यों में भी फैल चुकी है.
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि धुंध की मोटी परत पंजाब से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है. क्षेत्र में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
पराली जलाना और खेतों में आग लगाना
गाड़ी का एमिशन
कचरा जलाना
निर्माण का मलबा
सड़क की धूल
इंडस्ट्री का कूड़ा
2016 में दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए आईआईटी-कानपुर के नेतृत्व वाले स्टडी में, प्रदूषण के प्रमुख सोर्सेज की पहचान इस प्रकार की गई:
बायोमास जलना (26%)
वाहन (25%)
सेकेंडरी पोल्यूटेंट (30%) - जो पोल्यूटेंट और गैसों के मिश्रण से बनते हैं
एमएसडब्ल्यू बर्निंग (9%)
मिट्टी और सड़क की धूल
2018 ने द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) द्वारा किए गए एक दूसरे स्टडी ने इन्हें मुख्य पोल्यूटेंट के रूप में पहचाना:
उद्योग (30%)
वाहन (28%)
दिल्ली:
दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को पराली जलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
दिल्ली सरकार ने दूसरे राज्यों से ऐप-आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
स्कूलों को अपनी शीतकालीन छुट्टियां (winter vacations) नवंबर में शुरू करने और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए भी कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट के ऑड-ईवन की प्रभावशीलता की समीक्षा करने के बाद दिल्ली में ऑड-ईवन फिर से बहाल हो सकता है.
20-21 नवंबर को प्रदेश में आर्टिफिशियल बारिश की बौछार भी हो सकती है.
दिल्ली ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के स्टेज 4 को भी लागू किया है.
मुंबई:
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 6 नवंबर को कहा कि दिवाली (12 नवंबर) पर पटाखे केवल शाम 7-10 बजे के बीच ही फोड़े जा सकते हैं.
निर्माण कार्य का मलबा ले जाने वाले वाहनों पर 10 नवंबर तक रोक लगा दी गई है.
बृहन्मुंबई नगर निगम ने सभी निर्माण स्थलों पर शीट एनक्लोजर और स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग अनिवार्य कर दिया है.
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