ADVERTISEMENTREMOVE AD

Delhi Air Pollution:खांसी,आंखों में जलन,सांस लेने में कठिनाई, दिल्ली NCR के लोग क्या करें?

Air Pollution: प्रदूषण या वायरल इन्फेक्शन की वजह से जो लोग बीमार पड़ रहे हैं, उनका इलाज लक्षणों के आधार पर होना चाहिए.

Published
फिट
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

Delhi-NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों में बढ़ते प्रदूषण ने सांस फूलना, गले में जलन, घरघराहट वाली खांसी के मामले अचानक बढ़ा दिये हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में ये लक्षण देखने को मिल रहे हैं. ऐसे तो दिल्ली-एनसीआर इस मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) में प्रदूषण का लेवल हर साल ही बढ़ जाता है पर इस बार बीते सालों की तुलना में जल्दी, जहरीली हवाओं ने दिल्ली एनसीआर को अपनी चपेट में ले लिया है.

फिट हिंदी से बात करते हुए, दिल्ली एनसीआर के डॉक्टरों ने कहा कि वे पिछले कुछ हफ्तों में सांस संबंधी समस्या के लक्षणों के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं. क्या हैं सारे लक्षण? क्या हैं बचाव के तरीके? कब डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए? बच्चों का कैसे रखें ख्याल? जानते हैं एक्सपर्ट्स से.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई...

दिल्ली स्थित एक सिटीजन ग्रुप 'लोकलसर्किल्स' द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चला है कि पिछले दो हफ्तों में, राष्ट्रीय राजधानी में लगातार गिरते AQI लेवल के अनुरूप, क्षेत्र के 4 में से 3 परिवारों ने बताया कि एक या अधिक सदस्यों को गले में खराश, खांसी और आंखों में जलन की समस्या है.

सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 32,000 लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल थीं. यहां इन 75% को गले में खराश और/या खांसी थी, 75% ने 'आंखों में जलन' होने की बात कही. 38% ने सांस लेने में कठिनाई या अस्थमा होने का संकेत दिया.

लोग पड़ रहे बीमार, क्या ये सिर्फ प्रदूषण के कारण हो रहा है?

डॉक्टर तुषार तायल फिट हिंदी से कहते हैं, "हमने ये देखा है कि पिछले कुछ दिनों में वातावरण में प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है और एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब होता जा रहा है. कुछ जगहों पर तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ज्यादा जा रहा है. इस वजह से काफी लोगों को गाला खराब/गले में खराश, खांसी होना, आंखों में जलन, आंखे लाल होना या आंखों से पानी आना और सांस फूलने की दिक्कत हो रही है".

"इन लक्षणों का मुख्य कारण प्रदूषण है, साथ ही काफी लोग अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से भी बीमार पड़ रहे हैं. वातावरण में जो वायरस रहते हैं जैसे फ्लू, स्वाइन फ्लू या ये भी कह सकते हैं कोविड वायरस, ये सब भी लोगों को बीमार कर रहे हैं और उनकी बीमारी प्रदूषण की वजह से बिगड़ रही है."
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे समय में हमें खास ध्यान रखते हुए प्रदूषण से अपना बचाव करने की जरूरत है.

0

क्या लक्षण देखने को मिल रहे हैं?

"ओपीडी में हमारे पास आने वाले मरीजों की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि हुई है, जिनमें तेज खांसी के लक्षण हैं जो इलाज के बावजूद भी बनी रहती है."
डॉ. भरत गोपाल, निदेशक, पल्मोनोलॉजी, दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट

हमने दिल्ली-एनसीआर के जिन डॉक्टरों से बात की, उनके अनुसार वे जो लक्षण देख रहे हैं उनमें शामिल हैं:

  • सूखी खांसी (बुखार, वजन में कमी, भूख में कमी और दूसरे सिस्टमैटिक लक्षणों के साथ नहीं)

  • गले में जलन घरघराहट

  • सांस फूलना

  • आंखों में जलन

  • स्किन इर्रिटेशन

  • सीने में जकड़न और कंजेशन महसूस होना

एलर्जी संबंधी खांसी आम तौर पर सूखी, अचानक होती है और फ्लू के दूसरे लक्षणों के साथ नहीं होती है. ये आमतौर पर धूल, परागकण या हवा में मौजूद दूसरे जलन पैदा करने वाले तत्वों के कारण खांसी की समस्या पैदा करता है.

किसे अधिक ध्यान रखने की जरूरत है?

हर वर्ग के व्यक्ति को अपना ध्यान रखना चाहिए. लेकिन खास कर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से सांस की परेशानी के शिकार लोग जैसे की अस्थमा और सीओपीडी से ग्रसित लोगों को.

डॉक्टर तुषार तायल सलाह देते हैं कि 6 महीने की उम्र से बड़े सभी लोगों को फ्लू वैक्सीन ले लेनी चाहिए. इसके अलावा बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग करना चाहिए. घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें ताकि बाहर का बहुत ज्यादा प्रदूषण अंदर न आ सके. घर में एयर प्युरीफायर है, तो उसका इस्तेमाल करें.

"घर के नुस्खे भी अपना सकते है. काढ़ा पी सकते हैं. काढ़ा में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंटस होते हैं जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं."
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या एंटीबायोटिक्स ऐसे हालात में काम करता है?

एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बहुत सोच-समझ कर करना चाहिये क्योंकि ये केवल बैक्टीरिया पर काम करता है. वायरस पर इसका कोई असर नहीं होता है और न तो प्रदूषण के कारण हुई बीमारी पर होता है.

इन्फेक्शन होने की सूरत में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है.

प्रदूषण या वायरल इन्फेक्शन की वजह से जो लोग बीमार पड़ रहे हैं, उनका इलाज लक्षणों के आधार पर होना चाहिए.

"बुखार होने पर बुखार की गोली, खांसी होने पर कफ सिरप, एंटीएलर्जिक गोली. ज्यादा दिक्कत होने पर नेबुलाइजर की भी सहायता ली जा सकती है."
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

तबीयत में सुधार नहीं आने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बढ़ते प्रदूषण से बच्चों को कैसे बचाएं?

ऐसे में बच्चों को बीमार पड़ने से बचाना कठिन काम होता है क्योंकि उन्हें मास्क पहनना और घर के अंदर रखना मुश्किल है.

"सबसे जरुरी है बाहर निकलते समय मास्क पहनना और घर वापस आ कर हाथ, आंखों और चेहरे को अच्छे से पानी से साफ करना."
डॉ. अंकित प्रसाद, कंसलटेंट पीडियाट्रिक्स विभाग- फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
  • बच्चों को हाइड्रेटेड रखें. गुनगुना पानी, सूप, ओआरएस पिलाएं.

  • प्रिजर्वेटिव फूड खाने न दें.

  • ताजे फल और सब्जी खिलाएं ताकि विटामिन ए और सी बॉडी में पर्याप्त मात्रा में रहें.

  • डॉक्टर की सलाह से मल्टीविटामिन सिरप या टेबलेट दें.

  • पर्याप्त नींद लेने दें.

  • हाथ की स्वच्छता बनाए रखें.

  • उनकी बाहरी गतिविधियों को सीमित करें, खासकर शाम को.

  • बच्चे को अस्थमा है, तो उसकी जांच करवाएं और डॉक्टर की बताई दवा दें.

"स्कूल जाना जरुरी है पर कोशिश करें कि उसके अलावा बच्चे घर पर ही रहें, बाहर नहीं जाने दें."
डॉ. अंकित प्रसाद, कंसलटेंट पीडियाट्रिक्स विभाग- फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

कब डॉक्टर से कंसल्ट करें?

सांस लेने में परेशानी होने पर ध्यान दें और डॉक्टर से संपर्क करें, नहीं तो ये निमोनिया में बदल सकती है. सर्दी-खांसी, आंखों में जलन बढ़ने पर भी डॉक्टर को बताएं.

"दिवाली के आसपास प्रदूषण बढ़ेगा, बच्चों को फ्लू वैक्सीन जरुर लगवाएं. ऐसा करने से बच्चा सेफ रहेगा."
डॉ. अंकित प्रसाद, कंसलटेंट पीडियाट्रिक्स विभाग- फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली में GRAP स्टेज III लगा

हवा की क्वालिटी खराब होने पर 2 नवंबर को दिल्ली में GRAP स्टेज III लगाया गया.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर जानकारी दी कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट प्राइमरी स्कूल अगले 2 दिनों तक बंद रहेंगे.

वहीं कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने अपने आदेश में कहा है कि एयर क्वालिटी के मौजूदा हालत को देखते हुए, एयर क्वालिटी और खराब होने से रोकने के लिए, CAQM ने निर्णय लिया कि GRAP स्टेज III - ‘सिव्यर’ (severe) एयर क्वालिटी (दिल्ली AQI 401-450) के तहत सभी एक्शन तुरंत लागू किए जाएं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×