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Ramsay Hunt Syndrome के चलते जस्टिन बीबर को लगा लकवा, कितना खतरनाक है सिंड्रोम?

Justin Bieber को हुआ Ramsay Hunt Syndrome, एक ऐसा सिंड्रोम है, जिसमें पैरालिसिस और दर्द का सामना करना पड़ता है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Justin Bieber को हुआ&nbsp;Ramsay Hunt Syndrome</p></div>
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Justin Bieber को हुआ Ramsay Hunt Syndrome

(फोटो: इंस्टाग्राम)

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हॉलीवुड के मशहूर सिंगर जस्टिन बीबर ( Justin Bieber) ने आज अपने फैंस के साथ एक वीडियो शेयर कर के बताया कि उन्हें रामसे हंट सिंड्रोम ( Ramsay Hunt Syndrome) नाम का खतरनाक सिंड्रोम हो गया है. जिसकी वजह से उनका आधा चेहरा पैरालाइज (paralysis) कर गया है.

जस्टिन बीबर को रामसे हंट सिंड्रोम नाम के रेयर सिंड्रोम का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से उन्हें कुछ समय के लिए अपने म्यूजिकल कान्सर्ट्स को रोकना पड़ा है

क्या है रामसे हंट सिंड्रोम ( Ramsay Hunt Syndrome)? इसके लक्षण क्या हैं? क्या ये बीमारी लाइलाज है या इसका कोई इलाज है हमारे डॉक्टरों के पास?

इन सवालों के जवाब जानने के लिए फिट हिंदी ने कुछ अनुभवी डॉक्टरों से बातचीत की.

क्या है रामसे हंट सिंड्रोम ( Ramsay Hunt Syndrome)?

फिट हिंदी को फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल डायरेक्टर और एचओडी डॉ प्रवीण गुप्ता के अनुसार, रामसे हंट सिंड्रोम ( Ramsay Hunt Syndrome) एक वायरल इन्फेक्शन होता है. जो वेरीसेल्ला जोस्टर वाइरस (varicella-zoster virus) के कारण होता है. इसे हर्पीस जोस्टर ओटिकस या जीनिकुलेट गैंग्लियन हर्पीस जोस्टर के रूप में भी जाना जाता है. यह चेहरे की 7वीं नर्वे के पैरालाइज होने से होता है और यह शरीर के दूसरे हिस्सों को नुकसान नहीं पहुंचता है.

इस बीमारी का नाम जेम्स रामसे हंट नाम के एक अमेरिकी न्यूरोलॉजिस्ट के नाम पर रखा गया है. हंट को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एक सेना अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था और इस दौरान उन्होंने तीन सिंड्रोम के बारे में लिखा. उनमें से एक है, रामसे हंट सिंड्रोम.

क्यों होता है रामसे हंट सिंड्रोम ?

रामसे हंट सिंड्रोम तब होता है, जब दाद (shingles) का प्रकोप कानों के पास चेहरे की नर्वस को प्रभावित करता है.

चिकनपॉक्स के लिए जिम्मेदार वायरस ही रामसे हंट सिंड्रोम के लिए भी जिम्मेदार होता है. ज्यादातर मामलों में चिकनपॉक्स आमतौर पर बिना किसी समस्या के ठीक हो जाता है. हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें यह वायरस शरीर में लंबे समय तक निष्क्रिय (deactive) रहता है और कई वर्षों के बाद फिर से सक्रिय हो जाता है.

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रामसे हंट सिंड्रोम के लक्षण

वैरीसेला-जोस्टर वायरस, अपने प्रारंभिक चरण में चिकनपॉक्स का कारण बनता है. इसलिए यदि आप वीजेडवी (VZV) से संक्रमित हैं, तो आप पहले चिकनपॉक्स से पीड़ित होंगे और ठीक हो जाएंगे. लेकिन जब वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद यह वायरस दूसरी बार आपके शरीर में पुन: सक्रिय होता है तो ये तीन लक्षण सबसे अधिक देखे जाते हैं.

  • कान में दर्द

  • चेहरे का पक्षाघात यानी फेस पैरालिसिस

  • कान में द्रव (fluid) से भरे छाले

इसके अलवा कुछ मरीजों में ये लक्षण भी देखने को मिलते हैं:

  • स्वाद में बदलाव

  • शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता (हाइपरक्यूसिस)

  • नाक में रुकावट का भी अनुभव

  • टिनिटस (कान बजना)

  • सूखी आंखें या एक आंख बंद करने में कठिनाई

  • चक्कर आना या वर्टिगो

रामसे हंट सिंड्रोम का इलाज

"इस सिंड्रोम के इलाज में आमतौर पर एंटी वायरल और स्टेरॉड्स दिए जाते हैं. 6 हफ्ते से 3 महीने के अंदर लोग स्वस्थ हो जाते हैं."
डॉ प्रवीण गुप्ता

रामसे हंट सिंड्रोम कुछ लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है - खास कर कमजोर इम्यूनिटी वाले या किसी दूसरी गंभीर बीमारी के शिकार लोगों के लिए. चिकनपॉक्स के खिलाफ लगने वाला वैक्सीन वैरिसेला-जोस्टर वायरस से संक्रमित होने की संभावना को कम करता है, जिस कारण वह रामसे हंट सिंड्रोम से बचाता है.

रामसे हंट सिंड्रोम को रोकने के लिए 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक शिंगल टीका का भी उपयोग किया जाता है।

"यह किसी में भी हो सकता है, लेकिन बुजुर्ग व्यक्ति में अधिक आम है क्योंकि उम्र एक जोखिम कारक है. यह कमजोर इम्यूनिटी वाले रोगियों में भी हो सकता है साथ ही जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो, जिन्हें एचआईवी हो या कुछ अन्य ऑटोइम्यून समस्या के शिकार हों. उनमें ये सिंड्रोम होने की आशंका बढ़ जाती है."
डॉ. (लेफ्टिनेंट जनरल) सीएस नारायणन, वीएसएम एचओडी और सलाहकार - न्यूरोलॉजी विभाग एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल

क्या ये संक्रमण एक से दूसरे में फैल सकता है?

"अगर इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर फोड़े हैं और उन फोड़ों में भरे द्रव (fluid) के संपर्क में कोई और व्यक्ति आ जाए तो उनमें भी रामसे हंट सिंड्रोम होने की आशंका बढ़ जाती है" ये कहना है डॉ तुषार का.

डॉ. (लेफ्टिनेंट जनरल) सीएस नारायणन कहते हैं, "यह आमतौर पर आत्म-सीमित होता है लेकिन कभी-कभी यह मेनिन्जाइटिस और एन्सेफलाइटिस जैसी समस्याओं, दिमाग में संक्रमण या कुछ नर्वस जो रीढ़ की हड्डी से जुड़े होते हैं उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकता है. अच्छी बात ये है कि ऐसा मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं".

क्या यह सिंड्रोम खतरनाक है? 

"यह खतरनाक तब हो जाता है, जब इससे संक्रमित व्यक्ति की आंखों में संक्रमण फैल जाता है यानी कि जब द्रव (fluid) भरे फोड़े आंखों में हो जाते हैं. इससे व्यक्ति की दृष्टि को हानि पहुंचती है."
डॉ तुषार तायर, सीनियर कंसल्टेंट, इंटर्नल मेडिसिन, नारायण हॉस्पिटल, गुरुग्राम

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Published: 11 Jun 2022,02:18 PM IST

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