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Dry Ice And Liquid Nitrogen Health Risks: आजकल कैफे, रेस्टोरेंट और बार में तरह-तरह के फैंसी फूड और ड्रिंक सर्व किए जाते हैं. कई बार उनसे निकलता सफेद धुआं देखने में इतना अट्रैक्टिव होता है कि सामने वाले का मन देखते ही ट्राय करने को ललच जाता है. आसपास के लोगों के टेबल पर ऐसे आकर्षित फूड/ड्रिंक आइटम को देख कई बार हम उस खाद्य पदार्थ के बारे में बिना कुछ जाने ऑर्डर कर देते हैं और टेबल आते ही उस पर टूट पड़ते हैं.
क्या कभी आपने सोचा है कि ड्रिंक या फूड से निकलता धुआं क्या है? क्या ऐसी चीजों को खाने/पीने का अलग तरीका होता है? क्या ये हमारी सेहत के लिए सही है?
ऐसे ही कई सवाल मन में उठे जब हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट में कथित तौर पर ड्राई आइस सर्व कर देने का मामला सामने आया.
फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात की और लिक्विड नाइट्रोजन और ड्राई आइस के संपर्क में आने पर हेल्थ को क्या रिस्क्स हो सकते हैं के बारे में जाना.
लिक्विड नाइट्रोजन मूल रूप से एक नाइट्रोजन के 2 मॉलिक्यूल को मिला कर बनाया जाता है, जो नॉर्मल कमरे के टेंपरेचर में लिक्विड के रूम में रहता है. इसका तापमान बहुत ही कम होता है, जैसे -196 डिग्री सेल्सियस.
साल 2017 में ये खबर आई थी कि दिल्ली में एक व्यक्ति ने बार में गलती से ऐसा ड्रिंक पी लिया जिसमें लिक्विड नाइट्रोजन था. दरअसल इस व्यक्ति को उनके ड्रिंक से निकल रहे धुएं को हटने के बाद लेना था लेकिन वह उसे ऐसे ही पी गए जिसकी वजह से उन्हें दर्द, पेट में सूजन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी.
इस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया. वहां उनकी सर्जरी हुई जिसमें ये पाया गया कि उनके पेट में एक बड़ा छेद हो चुका है.
ड्राई आइस फ्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड होता है, जिसका सरफेस टेम्परेचर -109 डिग्री होता है. इसे कार्बन डाइऑक्साइड को कंप्रेस और ठंडा कर बनाया जाता है.
लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल:
हेल्थ इंडस्ट्री में इसका इस्तेमाल प्री-कैंसर या कैंसर वाले लेशंस को निकालने के लिए होता है
ब्लड बैंक में प्लाज्मा को फ्रिज करने के लिए
फूड इंडस्ट्री में खाने-पीने की चीजों को ठंडा रखने में
गर्म तापमान के कारण चीजों को ट्रांसपोर्टेशन के समय खराब होने से बचाने के लिए
ड्राई आइस का इस्तेमाल:
रेस्टोरेंट में खाने की चीजों को आकर्षित दिखाने के लिए धुंआ के रूप में
शादी में दुल्हन या दूल्हे की एंट्री के समय फॉग के रूप में
कोल्ड स्टोरेज के लिए
आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक बनाने में कूलिंग एजेंट के रूप में
बर्फ से बने पुतलों को पिघलने से बचाने के लिए
नाइट्रोजन को जब -196 डिग्री सेल्सियस से नीचे ले जाया जाता है, तो वो लिक्विड नाइट्रोजन बन जाता है. वैसे ही जब कार्बन डाइऑक्साइड को -80 डिग्री सेल्सियस के नीचे ले जाने पर वो सॉलिड फॉर्म ले लेती है, जिसको ड्राई आइस बोलते हैं.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लिक्विड नाइट्रोजन इतनी खतरनाक नहीं होती जितनी ड्राई आइस होती है क्योंकि वो शरीर में जल्दी अब्सॉर्ब करती है. लेकिन डॉक्टरों का ये भी कहना है कि अगर ढंग से इस्तेमाल नहीं किया जाए तो लिक्विड नाइट्रोजन हानिकारक हो सकता है.
एक्सपर्ट्स ने दो तरह के हेल्थ रिस्क की बात कही.
पहली, जब सिलिंडर या पाइप लाइन में लिक्विड नाइट्रोजन रखी या ट्रांसपोर्ट हो रही है और वो लीक करने लगे तो लिक्विड नाइट्रोजन बहुत तेजी से एक्सपैंड करने लगती है. ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो वहां मौजूद लोगों में सांस की दिक्कत हो सकती है.
दूसरी, अगर कोई उसे निगल ले तो ये कोल्ड बर्न यानी कोल्ड थर्मल इंजरी कर देती है. जैसे कि मुंह में अलसर, मुंह से खून आना, फूड पाइप और पेट में अलसर और खून की उल्टियां.
डॉ. जयदीप घोष इस सवाल पर कहते हैं कि लिक्विड नाइट्रोजन या ड्राई आइस का फूड इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होता है, इसके कई सारे फायदे हैं, तो ये खतरनाक तो नहीं हैं. लेकिन इसको हैंडल करने के कुछ तरीके का ध्यान रखना आवश्यक होता है.
ड्राई आइस के डायरेक्ट संपर्क में नहीं आना चाहिए वहीं लिक्विड नाइट्रोजन से बने खाद्य पदार्थों को खाने-पीने से पहले उसे सर्व करने वाले व्यक्ति से सही तरीके के बारे में पूछ लेना चाहिए.
अगर कोई लिक्विड नाइट्रोजन कंज्यूम करता है, तो वहां से ब्लीडिंग होने की आशंका हो सकती है.
रूम टेम्परेचर वाले पानी से मुंह को तुरंत धोना चाहिए
पेट के अंदर लिक्विड नाइट्रोजन गया है, तो 4-5 चम्मच एंटासिड सिरप पी लेनी चाहिए
नजदीकी हॉस्पिटल में तुरंत ले जाना चाहिए
लिक्विड नाइट्रोजन या ड्राई आइस का फूड इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होता है. सावधानी से इस्तेमाल करने से इसके कई सारे फायदे हैं. इसको हैंडल करने के लिए कुछ तरीके का ध्यान रखना जरुरी होता है.
मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करना क्योंकि इनका डायरेक्ट एक्सपोजर हानिकारक हो सकता है.
लिक्विड नाइट्रोजन उन्हीं जगहों पर इस्तमाल करना चाहिए जो खुली हुई हों और अच्छी तरह वेंटिलेटेड हों.
लिक्विड नाइट्रोजन का यूज कमरे के ऑक्सीजन लेवल को मॉनिटर करते हुए करना चाहिए क्योंकि लिक्विड नाइट्रोजन लीक करने पर सफोकेशन पैदा कर सकता है.
फूड में लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी हैं जैसे कि:
जिन खाने-पीने की चीजों में इसका इस्तेमाल किया गया है उनके बारे में रेस्टोरेंट/बार/कैफे वालों को बताना चाहिए और साथ ही कस्टमर को उसे कंज्यूम करने के सही तरीके के बारे में भी बताना चाहिए.
कस्टमर को बताए गए इंस्ट्रक्शंस को ध्यान में रख उन खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए.
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