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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'द लिवरडॉक' ने ऑनलाइन एब्यूज के लिए 'एक्स' यूजर के खिलाफ शिकायत कराई दर्ज

'द लिवरडॉक' ने ऑनलाइन एब्यूज के लिए 'एक्स' यूजर के खिलाफ शिकायत कराई दर्ज

लिवरडॉक ने कहा कि पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बारे में पोस्ट करने के बाद उन्हें ऑनलाइन धमकियां मिलनी शुरू हो गईं.

अनुष्का राजेश
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>TheLiverDoc Online Abuse:&nbsp;</strong>द लिवरडॉक<strong>, </strong>डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स</p></div>
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TheLiverDoc Online Abuse: द लिवरडॉक, डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स

(फोटो:फिट हिंदी)

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हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स, जिन्हें 'द लिवरडॉक' के नाम से जाना जाता है, ने राइट विंग समर्थक श्री विजय पटेल के खिलाफ केरल साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने ऑनलाइन एब्यूज, उत्पीड़न और धमकी देने का आरोप लगाया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर किए गए एक पोस्ट में डॉ. फिलिप्स ने कहा कि उन्होंने कोच्चि सिटी पुलिस, केरल राज्य साइबर सेल और पुलिस उपायुक्त, केरल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने सेक्शन IPC 153A- गैर-जमानती धारा के तहत धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना की शिकायत दर्ज कराई है.

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पटेल ने फिट से कहा, 'यह बेबुनियाद आरोपों वाला एक फर्जी मामला है.'

दूसरी ओर, डॉ. फिलिप्स ने कहा, "अब तक, मुझे ऑनलाइन जो धमकियां मिली हैं, वे ज्यादातर बिनाइन थीं लेकिन यह अलग है. वे पूरी तरह से ऑनलाइन चरित्र हनन पर उतर आए हैं और यह एक व्यक्ति और एक डॉक्टर के रूप में मुझे प्रभावित करता है."

यहां फिट आपको इस मुद्दे के बारे में विस्तार से बता रहा है.

क्या है मामला?

23 नवंबर को, डॉ. एबी फिलिप्स ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर कहा कि उन्हें "श्री विजय पटेल द्वारा संचालित हिंदुत्व हैंडल से भयानक ऑनलाइन एब्यूज, उत्पीड़न, अश्लीलता और चरित्र हनन का शिकार होना पड़ा."

डॉ. फिलिप्स के अनुसार, कथित ऑनलाइन एब्यूज तब शुरू हुआ जब उन्होंने 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश, जिसमें भ्रामक विज्ञापनों पर पतंजलि को चेतावनी दी गई थी पर रेस्पोंड करते हुए एक पोस्ट डाला.

मैंने बस अदालत के उस आदेश को कोट करते हुए पोस्ट डाला कि सुप्रीम कोर्ट ने सही काम किया, क्योंकि वे (पतंजलि) बहुत लंबे समय से भ्रामक विज्ञापन कर रहे हैं,'' उन्होंने फिट को बताया.

उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन एब्यूज की शुरुआत पटेल ने मेरे पोस्ट पर "सांप्रदायिकता का इस्तेमाल करने और धार्मिक अपमान करने वाले" पोस्ट से की.

डॉ. फिलिप्स ने कहा, "उन्होंने कहा कि मैं आयुर्वेद और योग को नष्ट करना चाहता हूं क्योंकि मैं एक ईसाई मिशनरी कार्टेल का हिस्सा हूं."

पटेल के हैंडल को ब्लॉक करने पर डॉ. फिलिप्स ने कहा कि कथित तौर पर पटेल के कहने पर कई दूसरे राइट विंग ट्रोल्स ने उन पर ऑनलाइन हमला किया था.

डॉ. फिलिप्स ने कहा, "पतंजलि की पूरी कहानी खत्म हो गई है और फोकस अब मैं और मेरा परिवार हो गया है."

दर्ज की गई शिकायत: शिकायत के बारे में बात करते हुए, डॉ. फिलिप्स ने फिट को बताया, "मैंने लगभग छह दिन पहले पलारिवट्टोम पुलिस स्टेशन को शिकायत सौंपी थी. इसे कोच्चि सिटी कमिश्नर के कार्यालय भेज दिया गया है. पुलिस ने कहा है कि वे मुझे एफआईआर दर्ज करने की रसीद दें."

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"शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने इस पूरी कहानी को सांप्रदायिक एंगल में बदल दिया है, जिसके कारण दूसरे लोगों ने मुझे ऑनलाइन मौत की धमकियां भेजी हैं. दूसरा भाग मानहानि का आरोप है."
डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स

शिकायतकर्ता की प्रतिक्रिया: पटेल, जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, ने कहा कि उन्हें अभी तक अधिकारियों से कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है.

डॉ. फिलिप्स के आरोपों का जवाब देते हुए पटेल ने फिट से कहा, 'वह सिर्फ मुझे फर्जी मामले में फंसाना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, "योग और आयुर्वेद को निशाना बनाने के लिए चुनिंदा डेटा के साथ उनके एकतरफा आरोप रहते हैं. उनका मानना ​​है कि मॉडर्न मेडिसिन बेहतर है. यह दोहरा चेहरा है और यह मुझे उन्हें प्रोपेगैंडा डॉक्टर बताने की ओर ले जाता है."

बड़ी तस्वीर: यह पहली बार नहीं है, जब डॉ. फिलिप्स आयुर्वेद और 'वैकल्पिक चिकित्सा' के समर्थकों के निशाने पर आए हैं.

डॉ. एबी फिलिप्स को हेल्थ संबंधी गलत सूचनाओं को डिबंक (debunk) करने के लिए अपने प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने और अल्टरनेट मेडिसिन और हर्बल उत्पादों को बनाने और मार्केटिंग में खतरनाक और 'अनसाइंटिफिक' प्रक्रियाओं को उजागर करने के लिए जाना जाता है.

सितंबर में, डॉ. फिलिप्स के एक्स अकाउंट को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया था जब बेंगलुरु सिविल कोर्ट ने हिमालय वेलनेस कंपनी द्वारा दायर एक मामले के जवाब में एक एक्स-पार्टे (ex-parte), इंटरिम इंजनक्शन (interim injunction) आदेश पारित किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कंपनी को बदनाम करने के लिए अपने एक्स अकाउंट का इस्तेमाल किया था.

दो सप्ताह बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निलंबन रद्द कर दिया.

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