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Menstrual Hygiene Day:क्या खराब मेंस्ट्रुअल हाइजीन से है सर्वाइकल कैंसर का खतरा

HPV इन्फेक्शन एक से ज्यादा लोगों के साथ सेक्स करने के कारण होता है और यह सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Menstrual Hygiene Day 2022:&nbsp;मेंस्ट्रुअल हाइजीन का ध्यान रखना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी&nbsp;</p></div>
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Menstrual Hygiene Day 2022: मेंस्ट्रुअल हाइजीन का ध्यान रखना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी 

फोटो: चेतन भाकुनी/फिट हिंदी 

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World Menstrual Hygiene Day 2022: हर साल 28 मई को दुनिया भर में महिलाओं को मेन्स्ट्रुएशन यानी मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है. मेन्स्ट्रुएशन, जिसे हम पीरियड्स भी कहते हैं.

पीरियड्स (Periods) के दौरान महिलाओं को मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्टस (Menstrual hygiene products) पर पूरी तरह से निर्भर रहना होता है.

आइए, सी के बिरला हॉस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्टट्रिशन डॉ. अरुणा कालरा से जानते हैं, क्या खराब मेंस्ट्रुअल हाइजीन के कारण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर या बच्चादानी के मुंह का कैंसर बढ़ता है और साथ ही कैसे रखें मेंस्ट्रुअल हाइजीन का ध्यान.

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण 

“सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के बहुत से कारण होते हैं. बार-बार गर्भपात होना, बार-बार गर्भ धारण करना, रिकरेंट जेनाइटल इंफेक्शन, एचपीवी भी उनमें से हैं. जब सर्विक्स अपने आपको लगातार वजाइनल इन्फेक्शन से हील कर रहा होता है, उसी दौरान हीलिंग प्रॉसेस कभी-कभी असामान्य हो जाती है और असामान्य उभार या विकास शुरू हो जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.”
डॉ. अरुणा कालरा, सीनियर गयनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्स्टट्रिशन, सी के बिरला हॉस्पिटल
एचपीवी (HPV) इन्फेक्शन एक से ज्यादा लोगों के साथ सेक्स करने के कारण होता है और सर्वाइकल कैंसर का ये प्रमुख कारण है.

भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है, पर अगर समय पर इसका पता लग जाए तो इसका इलाज और इससे बचाव दोनों सम्भव है. हलांकि, भारत में अभी भी सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता की कमी है. शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण महिलाएं इस जानलेवा बीमारी से अभी भी पूरी तरह से परिचित नहीं है.

NFHS-5 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी 15-24 साल की करीब 50 फीसदी महिलाएं पीरियड्स के दिनों में सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) या दूसरे साफ-सुथरे मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्टस की जगह पुराने और गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं. NFHS-5 की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई कि अगर महिलाएं अशुद्ध कपड़े का दोबारा इस्तेमाल करती हैं, तो इससे उनमें कई तरह के संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. यकीनन ऐसा वह जागरूकता की कमी के कारण करती हैं.

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क्या पिरीयड्स के समय साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देने से सर्वाइकल कैंसर खतरा बढ़ता है?

डॉ. अरुणा कालरा फिट हिंदी को बताती हैं, "महिलाओं के लिए वजाइनल हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरुरी है. अगर वजाइनल इन्फेक्शन (Virginal infection) है, तो सर्विक्स (Cervix) की सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती हैं.

अगर हम मेन्स्ट्रूअल हाइजीन का ध्यान नहीं देते हैं. खास कर तब जब हमारी इम्यूनिटी कमजोर होती है, तो मेन्स्ट्रुअल ब्लड में बैक्टीरिया पनपने की आशंका बढ़ जाती है, तब सर्वाइकल कैंसर की आशंका भी बढ़ जाती है.

पिरीयड्स के दौरान समय-समय पर मेन्स्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट को बदलते रहना चाहिए. मेन्स्ट्रुअल कप (Menstrual cup) को हर 6 घंटे बाद बदलना चाहिए और उसकी सफाई अच्छे से करने के बाद दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए. पिरीयड्स खत्म होने के बाद मेन्स्ट्रुअल कप को साफ करने के बाद धूप लगा कर पैक कर के रख देना चाहिए.

"सैनिटेरी पैड या टैम्पोन को लगातार 12 घंटे तक इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है. उसकी वजह से वजाइनल या जेनाइटल इन्फेक्शन हो सकते है और टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम, सर्वाइकल कैंसर या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का भी खतरा बढ़ जाता है."
डॉ. अरुणा कालरा, सीनियर गयनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्स्टट्रिशन, सी के बिरला हॉस्पिटल
मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के लिए सबसे जरुरी है, हर 6 घंटे बाद मेन्स्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट को बदलना यानी कि सैनिटेरी पैड, टैम्पोन (tampon), मेन्स्ट्रुअल कप या जो भी साफ-सुथरा मेन्स्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट महिला इस्तेमाल करती हैं उसे बदलना.

ऐसे ध्यान रखें मेन्स्ट्रुअल हाइजीन का 

मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के लिए सबसे जरूरी है साफ-सुथरे मेन्स्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट का उपयोग करना. उसके अलावा डॉक्टर ने बताए हैं ये कुछ सरल उपाय:

  • हर रोज 2 बार नहाएं

  • कॉटन अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल करें

  • वजाइना को साफ करने के लिए कोई भी लोशन या खुश्बू वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें

  • वजाइनल वाश नहीं लगाएं क्योंकि वो वजाइना के गुड बैक्टीरिया को मरता है

  • यूरीने को रोक कर न रखें और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें

क्या पीरियड्स में सेक्स सुरक्षित है?

"पीरियड्स में सेक्स करना बिल्कुल सुरक्षित है. सेक्स के बाद साफ-सफाई का ध्यान रखें और यूरीने (urine) जरूर पास करें. बेहतर होगा अगर इन्फेक्शन से बचने के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का उपयोग करें"

अगर किसी के टेम्परेरी सेक्स पार्ट्नर (temporary sex partner) हैं या मल्टिपल सेक्स पार्ट्नर (multiple sex partner) हैं, तो पीरियड्स में सेक्स के दौरान हमेशा बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड यानी कंडोम का इस्तेमाल करें. ये आपको वजाइनल इन्फेक्शन से बचाएगा और साथ ही सर्वाइकल कैंसर से भी.

डॉक्टर की सलाह 

  • वजाइनल इन्फेक्शन होने पर गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाए बिना, दवा न लें. बिना डॉक्टर की सलाह अपना इलाज खुद करने से बचें

  • मॉर्निंग आफटर पिल्स नहीं लेने चाहिए. ये फलोपियन ट्यूब में गर्भ धारण का खतरा बढ़ता है

  • वजाइनल वॉशेज का इस्तेमाल न करें. इससे वजाइनल गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं. जिसके कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है

  • मल्टी सेक्स पार्ट्नर से परहेज करें और अगर ऐसा है, तो हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें

  • यूटीआई (UTI) का इलाज हमेशा यूरीन टेस्ट के बाद ही कराएं.

  • सिंथेटिक अंडरगारमेंट्स न पहनें

  • सेफ और साफ सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करें

  • टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को 6 घंटे से ज्यादा पहनकर न रहें

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