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इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तरुण साहनी ने फिट हिंदी को बताया, ''हम दिल्ली में मंप्स के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं, खासकर बच्चों और युवा वयस्कों में.''
केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2024 तक देश में मंप्स के कम से कम 15,637 मामले सामने आए हैं.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली एनसीआर के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में भी मंप्स के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है.
फिट हिंदी मंप्स से जुड़े आपके सभी अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब यहां दे रहा है.
क्या हैं मंप्स के लक्षण?
डॉ. तरूण साहनी बताते हैं, ''जब किसी को मंप्स हो जाता है, तो उसकी सलीवरी ग्लैंड (salivary gland) बहुत अधिक सूज जाती है. लेकिन चूंकि यह एक वायरल इंफेक्शन है, इसलिए इसके दूसरे सामान्य लक्षण भी होते हैं.”
इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
तेज बुखार
कांपना
ठंड लगना
बहती नाक
कुछ लोगों को मंप्स के कारण टेस्टिकल्स में दर्द या असुविधा भी हो सकती है.
कैसे फैलता है ये इन्फेक्शन?
डॉ. साहनी के अनुसार, मंप्स का रोग एक संक्रमित व्यक्ति से हेल्थ व्यक्ति में छींकने, खांसने और शारीरिक संपर्क के अलावा दूसरी चीजों के जरिए भी फैल सकता है.
आप मंप्स का इलाज कैसे करते हैं?
डॉ. साहनी का कहना है कि वायरल इन्फेक्शन होने के कारण मंप्स का इलाज रोगी में दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर किया जाता है. वह कहते हैं, "हम आमतौर पर बुखार, बहती नाक या दूसरे लक्षणों के लिए एंटीवायरल दवा देते हैं."
जब कोई मंप्स से पीड़ित हो तो ये चीजें भी मदद कर सकती हैं:
अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना
बेड रेस्ट पर रहना
लिक्विड/सेमी-सॉलिड डाइट पर रहना
आप कौन-कौन सी सावधानियां बरत सकते हैं?
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आइसोलेट करें.
अच्छी स्वच्छता बनाए रखें.
अपने हाथ नियमित रूप से धोएं.
छींकते या खांसते समय अपना मुंह ढक लें.
मंप्स के खिलाफ एक टीका भी है, जिसे एमएमआर या खसरा, मंप्स और रूबेला टीका कहा जाता है, जो शिशुओं को दिया जाता है.
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