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Measles In India: खसरे के फैलने से हो रही मौतें, ये हैं बचने के उपाय

मीजल्स यानी खसरे का 1 मामला 12 से 18 बच्चों/लोगों को संक्रमित कर सकता है.

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मीजल्स (Measles) जिसे आम बोलचाल की भाषा में हम खसरा भी कहते हैं, आजकल एक नई मुसीबत बन गया है. पिछले कुछ दिनों से खास कर मुंबई, केरल और गुजरात में मीजल्स के मामले बढ़ रहे हैं. आमतौर पर खसरा बच्चों में होने वाली बीमारी मानी जाती है मगर जैसे मामले सामने आ रहे हैं उससे पता चल रहा है कि ऐसा नहीं है. युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.

फिट हिन्दी ने एक्सपर्ट्स से जाना कि खसरा क्या है? क्यों होता है? कितना खतरनाक है? इससे कैसे बचा जा सकता है और होने पर क्या करना चाहिए?

मीजल्स क्या है?

मीजल्स एक एक्‍यूट वायरल रेस्पिरेट्री डिजीज है, जिससे कभी-कभी छोटे बच्‍चों की जान तक चली जाती है. यह एक संक्रामक बीमारी है. खसरा संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े के बलगम और लार के संपर्क में आने पर यह फैल जाता है. खसरा से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के कारण यह संक्रमण हवा में जल्दी फैल जाता है और दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी दावा किया है कि खसरे का 1 मामला 12 से 18 बच्चों/लोगों को संक्रमित कर सकता है. स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी घोषित किया कि खसरा विश्व स्तर पर सबसे बड़े खतरों में से एक बन गया है.

मीजल्स यानी खसरा क्यों फैल रहा है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस वर्ष देश में अब तक कम से कम 9489 मामलों की सूचना के साथ भारत में खसरे का सबसे अधिक मामला सामने आया है.

फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक्स, डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल ने फिट हिन्दी को बताया कि कोविड के कारण रूटीन टीकाकरण में गिरावट आयी है. जिसकी वजह से पुरानी बीमारियां अब सामने आ रही हैं.

2021 में, 18 देशों में टीकाकरण अभियानों में COVID-19 से संबंधित देरी के कारण लगभग 61 मिलियन खसरे के टीके की खुराक स्थगित या छूट गई थी. टीकाकरण में देरी से खसरे के प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है.

हाल ही में एक विज्ञप्ति में, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि 2021 में, दुनिया भर में खसरे से अनुमानित (estimated) 9 मिलियन मामले और 128,000 मौतें हुईं. 22 देशों ने बड़े और विघटनकारी प्रकोपों ​​(disruptive outbreaks) का अनुभव किया.

उसी वर्ष, लगभग 40 मिलियन बच्चों की एक रिकॉर्ड ऊंचाई खसरे के टीके की खुराक से चूक गई. 25 मिलियन बच्चे अपनी पहली खुराक से चूक गए और बाकी बचे 14.7 मिलियन बच्चे अपनी दूसरी खुराक लेने से चूक गए.

मीजल्स के लक्षण क्या हैं?

खसरे के लक्षण आम तौर पर संक्रमण के दूसरे हफ्ते में आने शुरू हो जाते हैं.

  • जुकाम 

  • खांसी

  • आंखों का लाल होना

  • बुखार

  • नाक बहना 

  • शरीर में दर्द 

  • आंखों में जलन 

  • मांसपेशियों में दर्द

  • गले में खराश

  • मुंह के भीतर सफेद धब्बे होना 

मीजल्स का पता कैसे लगाएं?

इस सवाल पर डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल कहते हैं, "अगर किसी क्षेत्र में खसरा फैला हुआ है तो उस क्षेत्र के सरकारी कर्मचारी और डॉक्टरों को पहले ही पता होगा. कोई भी बुखार और रैश वाले केस को हम संदेह के घेरे में रखते हैं और सोचते हैं कि इसे मीजल्स है. अगर मरीज को बुखार, खांसी, नजाला, मुंह के अंदर सफेद दाने और शरीर में कान के पास से ले कर शरीर में फैला हो तो उसे क्लिनिकल डायग्नोसिस कहते हैं. फिर अगर डॉक्टर या सरकारी कर्मचारी रिकमेंड करेंगे तो मरीज का मीजल्स का टेस्ट किया जाएगा. उसमें पता चलेगा कि उसको मीजल्स है या नहीं".

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मीजल्स का इलाज क्या है?

फिट हिन्दी को एक्सपर्ट ने बताया कि मीजल्स यानी खसरा एक वायरल बीमारी है. इसका इलाज एंटीबायोटिक से नहीं किया जा सकता है. इसका इलाज होगा लक्षणों के अनुसार. अगर बुखार आया है तो पेरासिटामोल (Paracetamol) दिया जाएगा, अगर पेट खराब है तो ओआरएस (ORS) का घोल देना होगा, अगर मरीज को निमोनिया हो रहा है, सांसें तेज हो रही हैं तो ये खतरे कि घंटी है. ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.

घरेलू नुस्खे के झांसे में ना आएं क्योंकि इससे बीमारी बढ़ सकती है और निमोनिया हो सकता है. डॉक्टर से संपर्क करें.

अगर खसरा हो जाता है तो क्या विटामिन ए की दवा लेनी चाहिए?

WHO के अनुसार विटामिन ए (Vitamin A) की खुराक लेने से खसरे के कारण होने वाली मृत्युदर में कमी आयी है लेकिन ये खुराक डॉक्टर की सलाह पर ही लें.

डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल कहते हैं, "अगर खसरा हो जाता है तो उस समय विटामिन ए की खुराक सरकारी कर्मचारी या डॉक्टर मरीज को देंगे. अपने मन से विटामिन ए की खुराक नहीं लेनी चाहिए. कई बार इसके ओवरडोज से भी हानि हो सकती है".

खसरा किसे हो सकता है?

  • बिना टीकाकरण वाले बच्चों को खसरे का सबसे अधिक खतरा होता है.

  • गर्भवती महिलाओं को भी खसरे से संक्रमित होने की आशंका होती है.

  • किसी भी ऐसे व्यक्ति को खसरा हो सकता है जिसने इसकी वैक्सीन ना ले रखी हो.

मीजल्स से कैसे बचें?

"मीजल्स से बचने का एक मात्र उपाय है वैक्सीन."
डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, सीनियर कंसल्टेंट -पीडियाट्रिक्स, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद

मीजल्स का पहला टीका 9 महीने पर दूसरा 15 महीने पर और तीसरा 5 साल पर एमएमआर (MMR) या एमआर (MR) वैक्सीन के रूप में दिया जाता है.

यदि आपने बचपन में टीके की दोनों खुराक ले रखी है, तो आप जीवन भर के लिए खसरे से सुरक्षित हो जाते हैं.

क्या ये बीमारी जानलेवा हो सकती है?

अतीत में खसरे का प्रकोप हर 2 से 3 साल में होता था और दुनिया भर में हर साल लगभग 26 लाख लोगों की मौत होती थी. साल 1963 में खसरे के टीके की खोज के बाद दुनिया भर में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ. लेकिन अकेले 2021 में दुनिया भर में खसरे से 1 लाख 28 हजार लोगों की मौत हुई.

इसलिए यदि आप अपने बच्चों को एमआर या एमएमआर का टीका लगवाने से चूक गये हैं तो इसे अवश्य लगवायें.

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