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अमेरिका में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित एक गर्भवती महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. वर्तमान प्रकोप में पहली बार, अमेरिका में एक गर्भवती महिला में मंकीपॉक्स का पता चला था. महिला और उसका बच्चा दोनों ठीक हैं.
दुनिया भर के वैज्ञानिक मंकीपॉक्स पर रिसर्च कर रहे हैं. इस बीमारी की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है.
यूएस सीडीसी के ब्रेट पीटरसन ने वेबिनार में कहा कि नवजात शिशु को रोगनिरोधी रूप से आईजी दिया गया है. मां और बच्चा दोनों ठीक हैं. ब्रूक्स ने कहा कि मंकीपॉक्स का प्रकोप फैलने के बाद संक्रमित गर्भवती महिला के प्रसव का यह पहला मामला सामने आया है. हालांकि, पिछले प्रकोपों में, विशेष रूप से अफ्रीका में गर्भवती महिलाओं को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा था.
यूएस और यूके में मंकीपॉक्स के खिलाफ पहले ही टीकाकरण शुरू कर दिया गया था.
चेचक के टीके मंकीपॉक्स के खिलाफ अभी तक प्रभावी पाए गए हैं. हालांकि, जब 1980 में चेचक बीमारी के खत्म होते ही, टीके भी बंद कर दिए गए थे.
फिलहाल, मंकीपॉक्स के लिए यूएस एफडीए ने 2 टीके अप्रूव किए हैं. वो हैं ACAM2000, JYNNEOS.
शुरुआत में ही कई देशों ने उच्च जोखिम वाले रोगियों को चेचक के टीके देना और टीकों को स्टॉक करके रखना शुरू कर दिया था.
सीडीसी (CDC) के अनुसार, यूएस में 2 बच्चों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं. रोगियों में कैलिफोर्निया का एक बच्चा और एक शिशु, जो अमेरिकी निवासी नहीं है, शामिल हैं. एक बयान में, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों बच्चे ठीक हैं और उनका इलाज किया जा रहा है.यूएस सीडीसी के अनुसार दोनों बच्चे, जो एक दूसरे से असंबंधित हैं, स्वस्थ हैं.
चेचक, चिकनपॉक्स और अधिकांश वायरल इन्फ़ेक्शन की तरह ही मंकीपॉक्स का भी कोई स्पेसिफ़िक इलाज नहीं है.
ज्यादातार रोगी सिम्प्टमैटिक मैनज्मेंट के साथ कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं.
फिलहाल, मंकीपॉक्स के लिए यूएस एफडीए ने 2 टीके अप्रूव किए हैं. वो हैं ACAM2000, JYNNEOS.
वहीं भारतीय वैज्ञानिकों ने एक मरीज के नमूने से मंकीपॉक्स वायरस को सफलतापूर्वक अलग कर बीमारी के खिलाफ टेस्ट किट और टीकाकरण पर काम शुरू करने का रास्ता आसान बना दिया है.
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