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World AIDS Day 2023: एड्स एक लाइलाज बीमारी पर इस पर लगाम लगाना संभव

AIDS Prevention: भारत में एड्स की महामारी अब भी काफी हद तक कायम है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी है.

अश्लेषा ठाकुर
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<div class="paragraphs"><p>World AIDS Day 2023: AIDS&nbsp;एक क्रॉनिक और लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन है.</p></div>
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World AIDS Day 2023: AIDS एक क्रॉनिक और लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन है.

(फोटो:iStock)

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World AIDS Day 2023: एड्स (AIDS) यानी एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम, ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होने वाली एक क्रॉनिक और लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन है. आपके इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाकर, एचआईवी (HIV) आपके शरीर की इन्फेक्शन और बीमारी से लड़ने की क्षमता में रुकावट डालता है.

एचआईवी (HIV) एक यौन संचारित संक्रमण (STI) है. यह संक्रमित खून (infected blood) के संपर्क से और संक्रमित इंजेक्शन दवा के उपयोग या सुइयों को शेयर करने से भी फैल सकता है.

यह गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है. बिना दवा के कुछ सालों में एचआईवी (HIV) आपकी इम्यून सिस्टम को इस हद तक कमजोर कर सकती है कि आपको एड्स (AIDS) हो जाए.

क्या कहता है एड्स का डेटा भारत के मामले में?

"भारत में एड्स की महामारी अब भी काफी हद तक कायम है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी है."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

डॉ. राजीव गुप्ता आगे कहते हैं कि भारत में 2010 के बाद से एड्स के कारण होने वाली मौतों में 76.5% की कमी हुई है और नए संक्रमणों में भी 46.3% गिरावट आयी है.

अभी भी देश में अनुमानित (estimated) 24.01 लाख रोगी हैं, जिनमें 12 साल से कम उम्र के 51,000 बच्चे शामिल हैं.

एक्सपर्ट के मुताबिक, एंटीरेट्रोवायरल इलाज की उपलब्धता में हुई बढ़ोतरी, टार्गेटेड बचाव प्रोग्राम में विस्तार और जागरूकता बढ़ाने वाले अभियानों में तेजी के चलते इस तरह के पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले हैं.

उन्होंने ये भी कहा...

"इस क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं, तो भी एचआईवी (HIV) से निपटने के भारत के प्रयास इस खतरनाक रोग से मुक्त भविष्य के लिए उम्मीद की किरण की तरह हैं."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

एड्स का इलाज नहीं है

एचआईवी/एड्स का कोई इलाज नहीं है लेकिन दवाएं इन्फेक्शन कंट्रोल कर सकती हैं और बीमारी को बढ़ने से रोक सकती हैं. एचआईवी के लिए एंटीवायरल उपचारों ने दुनिया भर में एड्स से होने वाली मौतों को कम कर दिया है. वहीं इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशनल रिर्सोसेस (international organisational resources) गरीब देशों में रोकथाम के उपायों और इलाज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

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एचआईवी/एड्स पर लगाम संभव

डॉक्टरों का कहना है कि कुछ सरल उपाय अपनाकर इस बीमारी पर लगाम लगाई जा सकती है:

  • बॉडी फ्लूइड से बचें: किसी भी दूसरे व्यक्ति के खून या दूसरे बॉडी फ्लूइड से दूर रहें, अगर आप इसके संपर्क में आते हैं, तो स्किन को तुरंत अच्छी तरह धोएं. इससे इन्फेक्शन की आशंका कम हो जाती है.

  • ड्रग के इंजेक्शन और सुई शेयर न करें: कई देशों में ड्रग्स के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज को शेयर करना एचआईवी फैलने का मुख्य कारण है. यह एचआईवी के अलावा हेपेटाइटिस का भी कारण हैं. हमेशा साफ, नई सुई इस्तेमाल करें.

  • असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं: दुनिया भर में एचआईवी मुख्य रूप से असुरक्षित वजाइनल और एनल सेक्स से ट्रांसमिट होता है. ऐसे में हमेशा कंडोम का सही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. डॉक्टरों के मुताबिक कंडोम एचआईवी/एड्स की रोकथाम के बेस्ट तरीकों में से एक है.

  • प्रेगनेंसी के दौरान एचआईवी (HIV) टेस्ट कराएं: एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे में एचआईवी इन्फेक्शन हो सकता है. इसके अलावा स्तनपान कराने से भी एचआईवी का वायरस बच्चे में जा सकता है. हालांकि अगर मां उचित दवाएं ले रही है, तो यह आशंका कम हो जाती है.

  • खून चढ़ाने के दौरान सुरक्षा बरतें: स्वयंसेवी ब्लड डोनर के खून की जांच के बाद किसी को खून देना एचआईवी को फैलने से रोकने का सुरक्षित तरीका है.

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