मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World AIDS Day 2023: एड्स अभी भी सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक क्यों है?

World AIDS Day 2023: एड्स अभी भी सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक क्यों है?

AIDS Early Signs: लंबे समय तक AIDS के लक्षणों का बने रहना और दूसरे इंफेक्शन का उभरना इसके गंभीर होने की ओर इशारा करता है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>World AIDS Day 2023: देश में युवा पीढ़ी खासतौर से किशोर एचआईवी/एड्स से ज्यादा प्रभावित हैं.</p></div>
i

World AIDS Day 2023: देश में युवा पीढ़ी खासतौर से किशोर एचआईवी/एड्स से ज्यादा प्रभावित हैं.

(फोटो: फिट हिन्दी) 

advertisement

World AIDS Day 2023: हर साल 1 दिसंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. एड्स ऐसी हेल्थ कंडीशन है, जो समाज के हर तबके के लोगों को प्रभावित करती है. इस विषय की भरपूर समझ और इसके बारे में संवेदनशील होना जरूरी है. समाज के कुछ समूहों को उनके यौन झुकावों या नशीले पदार्थों में लिप्त रहने के इतिहास की वजह से अलग-थलग करना न सिर्फ उल्टा असर डाल सकता है बल्कि यह नुकसानदायक भी होता है.

बीते सालों में एचआईवी और एड्स को ले लोगों में जागरूकता बढ़ी है और हाल के वर्षों में मामलों में कमी भी आई है. लेकिन भारत में अभी भी लगभग 24 लाख लोग इससे संक्रमित हैं. एचआईवी सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो आज भी दुनिया को परेशान कर रहा है.

फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात की और जाना एड्स से जुड़ी जरुरी जानकारियां के बारे में.

एड्स कैसे फैलता है?

एचआईवी और एड्स का प्रसार कई तरीकों से होता है, जिनमें हेट्रोसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल इंटरकोर्स, नशीले पदार्थों के सेवन के लिए सुइयों को शेयर करना और प्रसव के दौरान मां से शिशु को होने वाला ट्रांसमिशन शामिल हैं.

"इस बात को समझना महत्वपूर्ण है कि एचआईवी या एड्स को यौन झुकाव या नशीले पदार्थों के सेवन से जोड़कर नहीं देखा जा सकता."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर– इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पीटल (आर), दिल्ली

भारत में ब्लड स्क्रीनिंग टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुई प्रगति और सुरक्षा मानकों को लेकर बरती जा रही तमाम कड़ाई के बावजूद, एचआईवी का प्रसार एक बड़ी समस्या बना हुआ है.

एड्स के शुरुआती लक्षण

एड्स के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:

  • वेट लॉस

  • डायरिया की स्थिति

  • लगातार थकान रहना

  • ग्लैंड्स में सूजन

  • बुखार

  • गले में दर्द

  • मांसपेशियों में दर्द

"लेकिन लंबे समय तक इन लक्षणों का बने रहना और दूसरे इंफेक्शन का उभरना एड्स के गंभीर होने की ओर इशारा करता है."
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, कंसलटेंट– इंफेक्शियस डिज़ीज़ेस, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम

डॉ. राजीव गुप्ता फिट हिंदी से कहते हैं, "ऐसे में मानसिक स्थिति भी सामान्य नहीं रह पाती, मरीज डिमेंशिया का शिकार होने लगता है और तब खुद को संभालने-बचाने की क्षमता पर और भी असर पड़ता है. जब शरीर और दिमाग इस लड़ाई में उलझे होते हैं, तो मौका देखकर कई दूसरे किस्म के इंफेक्शन भी सिर उठाने लगते हैं और शरीर बैक्टीरियल, वायरल, पैरासाइटिक और फंगल हमलावरों की गिरफ्त में आ जाता है.

"कैंसर भी अपना भद्दा चेहरा उभारने लगता है और यह खासतौर से कापोसी सारकोमा और लिंफोमा की शक्ल में सामने आता है, जिससे मरीज की तकलीफ और बढ़ जाती है.
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर– इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एचआईवी/एड्स के लक्षण कब तक सामने नहीं आ पाते?

एचआईवी इन्फेक्शन के बाद, 2 से 4 सप्ताह तक एक्यूट सिंड्रोम दिखायी देते हैं, जिसमें बुखार, कंपकंपी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, रैश और लिंफ नोड्स के साइज में बढ़ोतरी शामिल हैं. ये लक्षण शरीर पर वायरस के हमले के जवाब में पैदा होते हैं. जब यह एक्यूट पीरियड खत्म होता है, तो एक लंबे समय तक कोई कोई लक्षण दिखायी नहीं देता, इसे क्रोनिक एचआईवी (HIV) इन्फेक्शन कहते हैं.

"यह समय संक्रमित व्यक्ति को सुरक्षा का भुलावा देता है, लेकिन यही वह समय होता है जब शरीर में एड्स पूरी तरह से घुसपैठ कर चुका होता है और इस दौरान मरीज का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है जिसके चलते समय-समय पर कोई न कोई और इन्फेक्शन हमला बोलता रहता है."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर– इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

एड्स के प्रसार से कैसे बचा जा सकता है?

एचआईवी वायरस ने पिछले कई दशकों से लोगों की जान ली है और अभी भी इसके मामले लाखों में हैं. एड्स की चपेट में आने से बचने के लिए ये सभी उपाय अपनाएं:

  • सेफ सेक्स प्रैक्टिस करें

  • बॉडी फ्लूइड से बचें

  • ड्रग के इंजेक्शन और सुई शेयर न करें

  • प्रेगनेंसी के दौरान एचआईवी (HIV) टेस्ट कराएं

  • जोखिमग्रस्त लोगों की जांच

  • प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) फॉलो करें 

  • सेफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर जोर दें

भारत में एड्स संबंधी आंकड़े

भारत में एड्स की महामारी, हालांकि अब भी काफी हद तक कायम है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी है. भारत में 2021 में 2.4 मिलियन लोग एचआईवी ग्रस्त थे. 2010 के बाद से एड्स के कारण होने वाली मौतों में 76.5% की कमी हुई है और नए संक्रमणों में भी 46.3% गिरावट आयी है.

"हालांकि इस क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं, तो भी एचआईवी से निपटने के भारत के प्रयास इस खतरनाक रोग से मुक्त भविष्य के लिए उम्मीद की किरण की तरह है."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पीटल (आर), दिल्ली

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT