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World Hepatitis Day 2022| हेपेटाइटिस है बेहद खतरनाक, ऐसे रखें अपना ख्याल

हेपेटाइटिस का पता अगर शुरुआत में ही लग जाए तो, काफी हद तक इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>World Hepatitis Day 2022|&nbsp;हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षणों को पहचाने.</p></div>
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World Hepatitis Day 2022| हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षणों को पहचाने.

(फोटो: iStock)

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World Hepatitis Day यानी 28 जुलाई दुनिया भर में लोगों को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर और खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. कई बार जानकारी के आभाव में लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता है. हेपेटाइटिस के लक्षणों को समय रहते पहचानना बेहद जरुरी है, नहीं तो यह जानलेवा भी हो सकता है.

क्या होते हैं हेपेटाइटिस के लक्षण? क्या है इलाज का तरीका? क्या इससे बच कर रहा जा सकता है?

ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानते हैं, हमारे विशेषज्ञ से.

आइए जानते हैं, मैक्स हॉस्पिटल, शालिमार बाग में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के कन्सल्टंट, डॉ. अंकित गुप्ता से लिवर से जुड़ी बीमारी हेपेटाइटिस के लक्षणों और उनसे निपटने के उपायों के बारे में.

हेपेटाइटिस क्या होता है और कितने प्रकार का होता है?

हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में लिवर में सूजन आ जाती है, यह एक वायरल इंफेक्शन है. एक ऐसी बीमारी है, जिससे बचाव के लिए लिवर को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है.

आमतौर पर हेपेटाइटिस किसी न किसी तरह के संक्रमण के कारण होता है, लेकिन वायरल संक्रमण और बहुत अधिक शराब के सेवन के कारण भी यह बीमारी हो सकती है.

हेपाटाइटिस में 5 प्रकार के वायरस होते हैं, जैसे- ए,बी,सी,डी और ई

  • हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों में लिवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है

  • हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण दूषित पानी और खाने से फैलता है।

  • हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के ब्लड या अन्य प्रकार के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है.

हेपाटाइटिस के कारण क्या हैं?

वायरल इन्फेक्शन, सिरिंज या सर्जरी के उपकरणों का बिना स्ट्रलाइजेशन इस्तेमाल करना, शराब अधिक मात्रा में पीना, गलत तरीके से खून देना या चढ़वाना और दूषित खानपान हेपेटाइटिस के मुख्य कारण हैं.

इसके शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

  • बुखार

  • भोजन में अरुचि

  • पेट में दर्द

  • जी मिचलाना

  • मांसपेशियों में दर्द

  • आंखों और त्वचा की रंगत में पीलापन (जॉन्डिस /पीलिया)

  • पैरों में सूजन एवं

  • अनावश्यक थकान महसूस होना

किन लोगों में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है?

डॉ अंकित कहते हैं, "अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होता है कि वे हेपेटाइटिस बी या सी से संक्रमित हैं. आमतौर पर वह वर्षों बाद ही जान पाते हैं. यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जो कि आमतौर पर उन लोगों को ज्यादा जल्दी होता है, जो नियंत्रित तरह से जीवन नहीं जीते जैसे कि जो लोग ज्यादा मात्रा मे शराब का सेवन करते हैं, अस्वस्थ खाना खाते हैं, जिसमें ज्यादा मात्रा मे घी एवं तेल का इस्तेमाल किया जाता है, शरीर व अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते".

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इससे कैसे बचें?

  • पानी उबालकर या फिल्टर कर पिएं

  • अच्छी तरह हाथ धोकर ही कुछ खाएं-पिएं

  • हेपटाइटिस ए और बी का टीका जरूर लें

  • इन्फेक्शन का खतरा कम करने के अपना रेजर, टूथब्रश और सूई को किसी के भी साथ से शेयर न करें

  • सिरिंज या सर्जरी के उपकरणों का बिना स्टरलाइजेशन इस्तेमाल नहीं करें

  • स्वस्थ खानपान लें

  • रोज योग करें और शरीर को स्वस्थ रखें

  • शराब का सेवन न करें

  • दूषित और गंदगी भरे इलाकों से दूरी बनाए रखें

यह कब खतरनाक हो जाता है?

"ज्यादातर मामलों मे अगर शुरुआत में ही इसका पता चल जाए तो, काफी हद तक इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है. हेपेटाइटिस के ज्यादातर रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, जिससे उन्हें इस बीमारी का पता ही नहीं चल पाता और धीरे धीरे ये बीमारी गंभीर स्टेज तक पहुंच जाती है. इसके अलावा यदि व्यक्ति अपने खानपान और शराब के सेवन पर कंट्रोल नहीं करता, तब भी यह बीमारी काफी खतरनाक साबित हो सकती है" ये कहना है डॉ अंकित का.

हेपेटाइटिस का इलाज क्या है?

वायरल हेपेटाइटिस का उपचार संक्रमण के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है. हालांकि, यदि आपको गंभीर हेपेटाइटिस है, तो आपको डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता हो सकती है.

अगर एक्यूट हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं, तो कुछ हफ्तों में ही लक्षण कम होने लगते हैं और मरीज को राहत मिल सकती है. लेकिन अगर क्रॉनिक हेपेटाइटिस हो जाए, तो दवाएं लेने की जरूरत होती है. वहीं गंभीर स्थिति में लिवर खराब होने पर लिवर ट्रांसप्लांटेशन कराने की जरूरत भी पड़ सकती है.

डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करने से इस संक्रमण को आसानी से कम किया जा सकता है.

लिवर को शरीर का वर्कहाउस भी कहा जाता है, जो हमारे शरीर में खून को साफ करने से लेकर दूसरे अंगों तक पोषण पहुंचाने का काम करता है. यह हमारे खाने में मौजूद फैट और कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मदद करता है.

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