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महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली जिले (Sangli District) में सामूहिक खुदकुशी (Sangli mass suicide) मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को मिले सुसाइड नोट के मुताबिक परिवार साहूकारों की प्रताड़ना से परेशान था. इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि, सोमवार को एक ही परिवार के 9 लोगों की आत्महत्या से मौते हो गई थी. इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी कांड (Burari Deaths Case) की कड़वी यादों को ताजा कर दिया था.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि वनमोरे बंधु भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे और उन पर पैसा वापस करने का भारी दबाव था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने दो सुसाइड नोटों का हवाला देते हुए बताया कि साहूकार लगातार वनमोरे परिवार को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे.
इसके साथ ही सुसाइड नोट से खुलासा हुआ है कि परिवार स्टील आइटम्स की फैक्ट्री खोलना चाहता था, जिसके लिए उन्होंने कई लोगों से पैसे उधार लिए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वनमोर परिवार के करीबी मित्र अश्विनी सावंत ने बताया कि माणिक ने किसी योजना में निवेश किया था और उन्हें अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी. जिससे वो अपना कर्ज चुकाने वाले थे. वहीं पुलिस अब इस एंगल से भी मामले की जांच में जुटी है.
मृतक परिवार के घर से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस 10 अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है. जानकारी के मुताबिक सुसाइड नोट में कई आरोपी साहूकारों के नाम लिखे हुए हैं.
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और महाराष्ट्र मनी लेंडिंग रेगुलेशन एक्ट भी लगाया है.
जानकारी के मुताबिक मृतकों के शव म्हैसाल गांव में एक-दूसरे से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो अलग-अलग घरों में मिले थे. माणिक वनमोरे के घर से उसका, उसकी पत्नी रेखा (45), दो बच्चों- अनीता (28) और आदित्य (15), माणिक की मां अक्काताई (72) और पोपट के बेटे शुभम (28) का शव मिला था. वहीं करीब डेढ़ किलोमीटर दूर पोपट के घर से उसका, उसकी पत्नी संगीता (48) और बेटी अर्चना (30) का शव मिला था.
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