Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है. महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. महाराष्ट्र की सियासत गुजरात से होती हुई असम शिफ्ट हो गई है. शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुजरात से निकलकर गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 40 विधायक हैं. वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है.
शिवसेना के 40 विधायक मेरे साथ- शिंदे
गुवाहाटी पहुंचने पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना के 40 विधायक मेरे साथ हैं.
"40 विधायक यहां मौजूद हैं और हम सब बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और उनकी भूमिका को आगे ले जाना चाहते हैं."एकनाथ शिंदे
इससे पहले बीती रात करीब 2.15 बजे गुजरात पुलिस की गाड़ियों के साथ 3 बसों में एकनाथ शिंदे एंड टीम सूरत एयरपोर्ट पहुंची. सूरत में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि, "हम बाला साहेब के शिव सैनिक हैं. हम कहीं जाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे. हम शिवसेना में ही रहेंगे. हम बाला साहेब और आनंद दिघे साहब की विचारधारा पर चलेंगे. सत्ता के लिए समझौता नहीं करेंगे. हिंदुत्व के मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे."
शिवसेना के विधायकों को बीजेपी MLA ने रिसीव किया
गुवाहाटी पहुंचने पर बीजेपी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना विधायकों को रिसीव किया. बीजेपी विधायक सुशांत बोरगोहेन (Sushanta Borgohain) शिवसेना के विधायकों को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे. सुशांत ने कहा कि, "मैं यहां इन्हें लेने आया हूं. मैं व्यक्तिगत रिश्ते की वजह से इन्हें यहां लेने आया हूं."
कितने विधायक पहुंचे हैं इस सवाल पर सुशांत बोरगोहेन ने कहा कि, "मैंने गिनती नहीं की है कि कितने विधायक यहां आए हुए हैं. मुझे उन्होंने अपने कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया है."
जानकारी के मुताबिक शिवसेना के विधायक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में रुके हैं. होटल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
दोपहर 1 बजे महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक
सियासी उथल-पुथल के बीज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है. दोपहर करीब 1 बजे ये बैठक होगी. माना जा रहा है कि बैठक में सरकार बचाने की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. साथ ही बागी विधायकों को कैसे मनाया जाए इस पर भी मंथन हो सकता है.
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