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Udaipur Murder: कन्हैयालाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा,पाकिस्तान से जुड़े हैं तार

Kanhaiyalal killing: प्राथमिक जांच के मुताबिक आरोपियों ने 10-15 जून के आसपास वारदात की योजना बनानी शुरू कर दी थी.

क्विंट हिंदी
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Udaipur Murder: कन्हैयालाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा,पाकिस्तान से जुड़े हैं तार

(फोटो:क्विंट हिंदी)

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उदयपुर हत्याकांड (Murder Case) में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. NIA की जांच में सामने आया है कि कन्हैयालाल हत्याकांड (Kanhaiyalal Murder) के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं. आरोपी मोहम्मद गौस (Mohammad Ghouse) पाकिस्तान में 'सलमान भाई' नाम के आदमी के संपर्क में था. उसने ही आरोपी को 'कुछ बड़ा करने के लिए' उकसाया था. इसके साथ ही जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने कन्हैयालाल की हत्या की पूरी प्लानिंग की थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद गौस और रियाज (Riyaz) ने पिछले महीने की शुरुआत में निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग भी लिया था.

सूत्रों के मुताबिक, गौस मोहम्मद दिसंबर 2014 में 'दावत-ए-इस्लामी' के निमंत्रण पर 45 दिनों के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गया था. दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान में एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है. 2015 में लौटने के बाद वह कुछ व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पाकिस्तान में 'सलमान भाई' और 'अबू इब्राहिम' नाम के एक अन्य व्यक्ति के संपर्क में था.

'10-15 जून को बनाई थी हमले की योजना'

NIA की प्रारंभिक जांच के अनुसार, गौस और रियाज ने '10 से 15 जून के आसपास' हमले की योजना बनाना शुरू कर दिया था. जांच में ये भी सामने आया है कि धानमंडी इलाके में रहने वाले 'बबला भाई' नाम के एक शख्स ने 10-11 लोगों की लिस्ट तैयार की थी. और अलग-अलग लोगों को हमले की जिम्मेदारी सौंपी थी.

सूत्रों के मुताबिक, पूरे मामले में 'बबला भाई' की भूमिका और अन्य डिटेल्स की जांच की जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गौस और रियाज से शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि हमले से 2-3 हफ्ते पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ लोगों की तस्वीरें शेयर की गई थी. सूत्रों का कहना है कि उसमें कन्हैयालाल की तस्वीर भी थी.

सूत्रों के मुताबिक गौस और रियाज ने कन्हैयालाल को अपने टारगेट के रूप में चुना, क्योंकि उनकी दुकान कन्हैयालाल की दुकान के नजदीक थी. जांच में ये भी सामने आया है कि इस हत्याकांड में कुछ स्थानीय युवकों ने गौस और रियाज की 'सक्रिय रूप से सहायता' की थी. सूत्रों ने बताया कि वसीम और मोहसिन खान ने 28 जून को हुए हमले से पहले दर्जी की दुकान की रेकी की थी.

मोहसिन और आसिफ हुसैन नाम के एक अन्य शख्स को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था.

अजमेर भागने की फिराक में थे आरोपी

सूत्रों ने बताया कि घटना वाले दिन गौस और रियाज अलग-अलग वाहनों से मालदा बाजार आए थे, जहां कन्हैयालाल की दुकान थी. आरोपियों ने मोहसिन की दुकान के पास अपनी गाड़ी खड़ी की थी और उससे नजर रखने को कहा था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि, गौस और रियाज वारादत के बाद 'शोएब भाई' नाम के शख्स के ऑफिस गए थे. जहां उन्होंने अपना वीडियो रिकॉर्ड किया था. रियाज ने उस वीडियो को कई व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया था.

NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि वारदात के बाद आरोपी अजमेर भागने की फिराक में थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें राजसमंद के भीम से गिरफ्तार कर लिया था.

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