इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे उदयपुर हत्याकांड (Udaipur Murder) को बढ़ावा देने, महिमामंडित करने या उसे सही ठहराने वाली सभी पोस्ट और कंटेंट को "सक्रिय रूप से और तुरंत" अपने प्लेटफॉर्म से हटा दें.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भेजे गए नोटिस में मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन अपलोड किए गए हत्या के वीडियो के अलावा, कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां सोशल मीडिया हैंडल ने हत्या का महिमामंडन किया या उसे सही ठहराया. MeitY ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को अपने दायित्व के तहत ऐसी सामग्री को हटा देना चाहिए.
क्या है उदयपुर हत्याकांड?
दरअसल, 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े एक दर्जी कन्हैयालाल (Kanhaiyalal) की हत्या कर दी गई. हत्यारों ने पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाली बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने की वजह से कन्हैयालाल की हत्या की थी. हत्यारे रियाज और गोस मोहम्मद ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था.
मंत्रालय का यह नोटिस 29 जून को जारी किया गया. नोटिस में लिखा है,
"इस नोटिस के जरिए, आपको यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि उचित परिश्रम, सुरक्षा और विश्वास के अपने दायित्व के हिस्से के रूप में, आप सक्रिय रूप से तुरंत सभी सामग्री को हटा दें (चाहे वो टेक्स्ट मैसेज, ऑडियो, वीडियो, फोटो के रूप में हो) जो किसी भी तरह से इस हत्या को प्रोत्साहित/ महिमा/न्यायोचित ठहराता है.
द इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब में, फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमने घटना को उल्लंघन के रूप में नामित किया है और अपने कम्यूनिटी सटैंडर्ड के मुताबिक इससे जुड़ी सामग्री को हटा रहे हैं.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)