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Eknath Shinde: महाराष्ट्र के नए सीएम, आसान नहीं ऑटो ड्राइवर से CM बनने का सफर

Eknath Shinde ने 1997 में ठाणे नगर निगम का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत हासिल हुई और वे पार्षद बने.

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<div class="paragraphs"><p>Eknath Shinde:ऑटो चालक रहे एकनाथ शिंदे- ठाणे में राजनीति अब बने महाराष्ट्र के CM</p></div>
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Eknath Shinde:ऑटो चालक रहे एकनाथ शिंदे- ठाणे में राजनीति अब बने महाराष्ट्र के CM

फोटो- क्विंट

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महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Updates) जोरों पर हैं, एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व में बागी हुए शिवसैनिक नेता बीजेपी के समर्थन से सरकार बना रहे हैं और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलाना किया.

लेकिन शिवसेना से बागी हो कर रातोरात गुजरात और फिर असम जाने वाले एकनाथ शिंदे का राजनीतिक जीवन कहा से शुरू हुआ और वे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक कैसे पहुंचे?

शिवसेना के 25 विधायकों को लेकर एक दिन अचानक एकनाथ शिंदे गुजरात निकल गए, वहां से वे सभी विधायकों को लेकर असम पहुंचे जिसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पैदा हो गया. एक लंबे असरे बाद बीजेपी के समर्थन से वे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं.

उन्होंने कहा कि, वे महाराष्ट्र के विकास के लिए बीजेपी के साथ आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एमवीए सरकार में रहते हुए कई तरह के मसले थे और सरकार में रहते हुए वे सही से काम नहीं कर पा रहे थे, इसलिए यह फैसला लेना पड़ा.

शिंदे बोले “बीजेपी के साथ हमारा प्राकृतिक गठबंधन था. मैं तो मंत्री था और मुझे किसी तरह की कमी नहीं थी लेकिन जब लोगों ने अपनी चिंता मुझे बताई तब जाकर मुझे यह फैसला लेने के लिए सोचना पड़ा." उन्होंने कहा कि, कई बार उद्धव ठाकरे को अपनी चिंता बताने की कोशिश की थी, लेकिन बात बनी नहीं.

देवेंद्र फडणवीस की तारीफ में शिंदे बोले कि, "फडणवीस ने अपना बड़ा दिल दिखाया है. बीजेपी ने बड़ी पार्टी होने के बावजूद उन्हें मौका दिया है, यह बड़ी बात है."

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कौन हैं एकनाथ शिंदे जो कभी ऑटो चालक भी रहे

महाराष्ट्र के सातारा में जन्मे एकनाथ शिंदे का परिवार 1970 में ठाणे पहुंचा जहां शिंदे ने अपनी पढ़ाई पूरी की. 58 वर्षीय नेता, 1980 में शिवसेना के बालासाहेब ठाकरे से प्रभावित हुए थे, जिसके चलते वे शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए. उस समय उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया, जैसे कि बेलगौवी की स्थिति को लेकर महाराष्ट्र-कर्नाटक आंदोलन, जिसके बाद उन्हें 40 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया था.

कभी ऑटो चालक के रूप में काम करने वाले एकनाथ शिंदे ने 1997 में ठाणे नगर निगम का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत हासिल हुई और वे पार्षद बने. उस समय ठाणे पार्टी के अधय्क्ष आनंद दिघे थे जिनके एकनाथ शिंदे काफी करीबी माने जाते थे.

साल 2001 में आनंद दिघे की मौत के बाद ठाणे में दिघे की जगह एकनाथ शिंदे ने ली. 2004 में पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया. ठाणे के कोपारी-पछपाखड़ी से एकनाथ शिंदे अब तक लगातार चार बार विधायक चुने जा चुके हैं. विधायक बनने के बाद 2005 में उन्हें शिवसेना ने ठाणे जिला प्रमुख बना दिया.

2014 के चुनावों के बाद, उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया. लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे लंबे समय से पार्टी से नाराज रहे जिसके बाद उन्होंने एक ऐसा कदम उठाया जिसने उन्हें सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया.

बता दें कि एकनाथ शिंदे की पत्नि का नाम लता शिंदे है और उनके बेटे, डॉ श्रीकांत शिंदे, एक आर्थोपेडिक सर्जन हैं, जो कल्याण से लोकसभा से संसद हैं.

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Published: 30 Jun 2022,07:40 PM IST

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