महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) लगता है कि 80 के दशक वाली किसी बॉलीवुड फिल्म के क्लाइमेक्स की तरह ट्विस्ट और टर्न ले रही है. जब लग रहा था कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के समर्थन से बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सीएम बनेंगे. बीजेपी ने ऐलान किया है कि एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे. ये ऐलान खुद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने है. शाम 7.30 बजे शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. फडणवीस ने पहले यह बताया है कि वो सरकार में कोई पद नहीं लेंगे जबकि बीजेपी के बाकी लोग सरकार में मंत्री बनेंगे. हालांकि बीजेपी हाईकमान के निर्देश के बाद फडणवीस डिप्टी सीएम बनने को तैयार हैं.
इससे पहले शिंदे और फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकत कर सरकार बनाने की पेशकश की. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया.
बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक
शिंदे को सीएम बनाकर लगता है बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. इससे बीजेपी को कई फायदे हो सकते हैं
1. भले शिंदे सीएम रहेंगे लेकिन जाहिर है सरकार की लगाम देवेंद्र फडणवीस के पास रहेगी.
2. शिंदे को सीएम बनाकर बीजेपी ने पुख्ता कर लिया है कि वो पलटी ना मारें.
3. इससे शिवसैनिकों के संभावित गुस्से को कम किया जा सकता है
4. अगर कल को जाकर शिंदे गुट का बीजेपी में विलय होता है तो उसके साथ शिवसैनिकों का बड़ा काडर भी बीजेपी में आ जाएगा
राज्यपाल से मुलाकात के बाद क्या बोले फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2019 में बीजेपी की सरकार बननी चाहिए थी कि लेकिन MVA ने जनादेश का मजाक उड़ाया. जिस दाऊद के खिलाफ बाला साहेब ठाकरे थे, उसे से MVA सरकार के एक मंत्री ने साठगांठ किया.
शिंदे ने किया 50 एमएलए के साथ होने का दावा
राज्यपाल से मुलाकात के बाद क्या बोले एकनाथ शिंदे
इस मौके पर शिंदे ने कहा-'' महाराष्ट्र के विकास के लिए उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाया है. हमने जो फैसला किया है वो बालासाहेब के हिंदुत्व की राह पर है और ये महाराष्ट्र के विकास के लिए है. मेरे लिए प्राथमिकता मेरे साथी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों और राज्य का विकास है.''
शिंदे ने बताया कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से कई बार बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन की चर्चा की थी लेकिन वो नहीं माने.
बगावत पर शिंदे ने कहा कि उनके साथ जितने भी विधायक हैं, उनमें से किसी ने भी पद के लिए पाला नहीं बदला है. ये पहली बार है कि सत्ता में रहने वाले विधायक पाला बदलकर विपक्ष के साथ चले गए हों. जब 50 विधायक आपके खिलाफ हैं तो आपको आत्ममंथन करना चाहिए.
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