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सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष और यूनाइटेड लेफ्ट (AISA, SFI, AISF और DSF की स्टूडेंट विंग) की सदस्य आइशी घोष 'नकाब पहने लड़कों' के साथ जेएनयू कैंपस में घूम रही थीं. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया कि आइशी ही नकाबपोश लोगों को लीड और गाइड कर रही थीं. कई लोगों ने 5 जनवरी की शाम जेएनयू कैंपस में छात्रों पर हुए हमले में उनके रोल पर भी सवाल उठाए.
बीजेपी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी, जिसपर जेएनयू में हिंसा कराने का आरोप लग रहा है, उसने भी इस वीडियो को ट्विटर पर इसी दावे के साथ शेयर किया. एबीवीपी ने लिखा कि छात्रों पर हमला करने और फिर उसका दोष एबीवीपी पर डालने का षडयंत्र एक बार फिर सामने आ गया है.
एबीवीपी ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा कि वीडियो में आइशी घोष को 'लाल गुंडों' का नेतृत्व करते देखा जा सकता है.
JNU ABVP अध्यक्ष विजय ने क्विंट से कहा, 'आइशी घोष साफ भीड़ को लीड करती दिख रही हैं, न कि उन्हें रोकने की कोशिश करती.'
ABVP के सदस्य मनीष जांगिड़ ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा है कि हमलावरों को JNUSU अध्यक्ष घोष ही लीड कर रहीं थीं. उन्होंने कहा कि AISA के सतीश चंद्र यादव की अगुवाई में भीड़ ने उन पर हमला किया था. जांगिड़ ने बताया है कि वो FIR दर्ज कराएंगे.
जेएनयू छात्र संघ ने वीडियो को लेकर पैदा हुए विवाद पर कहा कि राइटविंग मीडिया के तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का एक प्रयास है. JNUSU ने कहा कि नकाब पहने एबीवीपी के लोगों के हॉस्टल में घुसने के बाद आइशी और दूसरे लोग उन्हें बाहर निकालने गए.
क्विंट ने JNUSU की सदस्य अर्पणा प्रियदर्शिनी से बात की, जो उस वक्त वहां मौजूद थीं. उन्होंने बताया,
रविवार शाम जेएनयू में हिंसा के बाद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष का घायल अवस्था में एक वीडियो सामने आए, जिसमें वो हमले के पीछे एबीवीपी का हाथ बता रही हैं.
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई है. पुलिस इसे दो ग्रुप्स के बीच झड़प का नतीजा बता रही है. वहीं, जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों और प्रोफेसरों पर हमले के पीछे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का हाथ होने का आरोप लगाया है. उधर, एबीवीपी लेफ्ट विंग एक्टिविस्ट्स पर जेएनयू में हिंसा के आरोप लगा रहा है.
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