advertisement
लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने वायुसेना में 27 मई को तेजस लड़ाकू विमानों का नया स्क्वाड्रन शामिल किया है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर लड़ाकू विमान तेजस को 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा. वायुसेना प्रमुख ने खुद सिंगल सीटर तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया.
एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस से लैस होगी. तेजस को उड़ाने वाली एयरफोर्स की ये दूसरी स्क्वॉड्रन होगी. इससे पहले 45वीं स्क्वाड्रन इसे उड़ा चुकी है.
तेजस विमान भारत में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)ने बनाया है. भारतीय वायुसेना में से पुराने होते हुए मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए बनाया गया है. ऐसा एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है, जो साल 1980 में शुरू किया गया था. तेजस एक सिंगल इंजन, डेल्टा विंग, मल्टीरोल लाइट फाइटर हैं जिसे ऐरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड(HAL) ने बनाया है.
तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल हमला कर सकता है. इसमें बम, रॉकेट और एंटीशिप मिसाइल लगाए जा सकते हैं. तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है. ये 54 हजार फिट की ऊचाई तक उड़ान भर सकता है. साथ ही एक बार में 3 हजार किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम है.
बता दें कि, तेजस विमान की जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी की बात की गई थी तो पाकिस्तान और चीन ने अपने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था. ये थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है. इस विमान का नाम तेजस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)