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कतर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों से भारतीय राजदूत की मुलाकात हुई है. जानकारी के अनुसार, भारतीय राजदूत 3 दिसंबर को दोहा की जेल में बंद आठों नौसेना कर्मियों से मिले. बता दें कि 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को कतर में मौत की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद अक्टूबर से सभी लोग जेल में बंद हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 दिसंबर को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले "भारतीय समुदाय की भलाई" पर चर्चा की थी. इसके कुछ ही दिनों बाद जेल में बंद नौसेना कर्मियों के कांसुलर पहुंच प्रदान की गई.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार यानी 7 दिसंबर को कहा, "हम मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता दे रहे हैं. हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को जेल में बंद सभी आठ लोगों से मिलने के लिए राजनयिक पहुंच मिली."
भारत सरकार ने 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत द्वारा जासूसी के कथित आरोप में आठ लोगों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील करने के कुछ सप्ताह बाद राजनयिक ने जेल में बंद लोगों से मुलाकात की. कतर में एक अपीलीय अदालत के समक्ष दायर की गई अपील को पिछले सप्ताह नवंबर में स्वीकार कर लिया गया था.
वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार (6 दिसंबर) को कहा कि कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर लोकसभा में उनका सवाल 'अस्वीकार' कर दिया गया है और उन्होंने इस कार्रवाई को 'बेतुका' करार दिया.
संसद के बाहर बोलते हुए, तिवारी ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व नौसैनिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार क्या कर रही है, इस बारे में तारांकित प्रश्न को अस्वीकार कर दिया गया है.
दोहा स्थित दहरा ग्लोबल के सभी कर्मचारियों, भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में हिरासत में ले लिया गया था. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया था. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों ने कहा कि भारतीय इतालवी छोटी स्टील्थ पनडुब्बियों U2I2 के प्रेरण की देखरेख के लिए डहरा ग्लोबल के साथ अपनी निजी क्षमता में काम कर रहे थे.
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