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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटे करीब एक महीना होने को है. सरकार लगातार सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रही है. लेकिन अभी तक वहां इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं हुई हैं.
श्रीनगर में मौजूद द क्विंट की संवाददाता निष्ठा गौतम ने टेलीफोन पर बातचीत में कश्मीर के ताजा हालातों की जानकारी दी.
दिल्ली से दिखाई देने वाली श्रीनगर की तस्वीर और वास्तविक तस्वीर में काफी अंतर है. श्रीनगर के अंदरूनी इलाकों में चहल-पहल काफी कम है. सड़कों पर भीड़ कम है और दुकाने बंद हैं. दुकान बंद होने से लोगों को लाखों का नुकसान हुआ है. टूरिज्म यहां के लोगों की आमदनी का मुख्य जरिया है लेकिन लोगों के नहीं आने से सब ठप है.
श्रीनगर के बाहरी इलाके परीमपोरा में एक दुकानदार की हत्या के बाद से इलाके में दुकानें बंद थीं. दो-तीन दिन बाद दुकानें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं लेकिन लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनसे पूछे बिना ही ये फैसला (आर्टिकल 370 हटाने का) ले लिया गया. लोगों को लग रहा है कि उनसे उनकी पहचान छीन ली गई है.
स्कूल खुले हुए हैं लेकिन कम्यूनिकेशन की व्यवस्था न होने की वजह से बच्चों से बातचीत नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. बच्चों के माता-पिता भी डरे हुए हैं.
इंटरनेट और मोबाइल सर्विस चालू नहीं होने से लोगों में निराशा बढ़ी है. किसी को कुछ अंदाजा नहीं है कि कब तक सर्विसेज चालू की जाएंगी. लोकल मीडिया से भी स्थानीय खबरें गायब हैं. अखबारों में लोकल खबरों के बदले राष्ट्रीय खबरें ही ज्यादा दिखाई दे रही हैं.
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