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झारखंड में भीड़ द्वारा मुस्लिम युवक को खंभे से बांधकर पीटे जाने और उसके बाद युवक की मौत के मामले में मृतक युवक के एक परिजन का बयान आया है. उनका कहना है कि मृतक तबरेज अंसारी पर किया गया हमला एक सांप्रदायिक हमला था. परिजन का साफ तौर पर कहना है कि भीड़ ने तबरेज को इसलिए पीटा, क्योंकि वो मुस्लिम था.
मृतक तबरेज अंसारी के रिश्तेदार मकसूद आलम ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया:
झारखंड के खरसावां जिले में बीते 18 जून को 24 वर्षीय तबरेज अंसारी को पहले चोरी के शक में पकड़ा गया. बाद में उसे खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया. मौके पर जमा भीड़ इस पर भी नहीं रुकी. भीड़ ने मुस्लिम युवक से जबरन 'जय श्री राम' के नारे लगवाए. जब मुस्लिम युवक मरने की हालत में पहुंच गया, तो भीड़ ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद पुलिस ने युवक को गंभीर हालत में एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने 22 जून को दम तोड़ दिया. घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए हैं.
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तबरेज अंसारी पुणे में वेल्डर का काम करता था. वह ईद के मौके पर अपने परिवार के पास खरसावां स्थित अपने गांव आया था. ईद की छुट्टियों में ही परिवार वालों ने उसकी शादी करा दी.
18 जून की रात को वह दो लोगों के साथ अपने गांव से जमशेदपुर के लिए निकला था. झारखंड के एक सामाजिक कार्यकर्ता औरंगजेब अंसारी ने दावा किया कि तबरेज इस बात से अनजान था कि दोनों व्यक्ति उसे कहां ले जा रहे हैं. रास्ते में दोनों लोग जब उसे छोड़कर कहीं चले गए तो तबरेज अकेला रहा गया और लोगों ने चोर समझकर उसे पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया.
हालांकि जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें तबरेज आरोपों से इनकार करते हुए लोगों से बार-बार कह रहा है कि उसे दो अन्य लोगों ने मोटरसाइकिल के पास इंतजार करने को कहा था, उसे और कुछ नहीं पता है. लेकिन भीड़ ने उसे पीटना जारी रखा. वीडियो के आखिर में एक शख्स उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगाने के लिए कहता दिख रहा है.
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