केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने और बीजेपी के अन्य सदस्यों ने झारखंड में हुए एक मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपियों को आर्थिक मदद पहुंचाई थी, ताकि वे कानूनी फीस के खर्चों को उठा सकें.
सिन्हा उस घटना पर अपने रुख को साफ कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 2017 में झारखंड में पशु व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी पर लिंचिंग कर हत्या के आरोपी लोगों को माला पहनाकर सम्मानित किया था. इस वजह से वो विवादों में आये थे और उनकी खूब आलोचना हुई थी.
सिन्हा का सफाईनामा
झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में लिंचिंग की घटना की निंदा की, और इसे गैरकानूनी करार देते हुए कहा, "किसी को ये अधिकार नहीं है कोई कानून अपने हाथ में ले. अगर कोई कानून हाथ में लेता है तो हमारी सरकार इस पर पूरी सख्ती से कानूनी कार्रवाई करेगी. मैं इसके बिल्कुल विरोध में हूं."
लेकिन साथ उन्होंने ही ये भी कहा कि मामले के आरोपी निर्दोष थे और उन्हें एक साल तक जेल में रहना पड़ा था. सिन्हा ने कहा, "मैं मरियम खातून (पीड़ित की विधवा) और अलीमुद्दीन अंसारी के लिए बहुत हमदर्दी रखता हूं. लेकिन जो लोग मेरे घर आए, वे निर्दोष थे और बहुत गरीब थे. यह एक निजी कार्यक्रम था. वे (आरोपी और उसका परिवार) मेरे घर आए और मुझे बताया कि मैंने उसे एक नयी जिंदगी दी और उन्होंने मुझसे उसे माला पहनाने की गुजारिश की, और मैंने उनकी बात मान ली.”
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सिन्हा ने कहा कि किसी ने उस वाकये के फुटेज को फेसबुक पर अपलोड कर दिया और मीडिया ने इसे मुद्दा बनाते हुए तोड़-मरोड़कर गलत ढंग से पेश किया. सिन्हा ने इस बात से इनकार किया कि उनका कदम गलत था. साथ ही उन्होंने मीडिया के एक धड़े को पक्षपाती बताया.
आरोपियों की आर्थिक मदद की
इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आपने उन लोगों को किस तरह की मदद की, और क्या मरियम खातून के परिवार की भी आपने मदद की, तो इस पर उनका कहना था, "उनके परिवार के लोगों ने कहा कि आपसे अगर आर्थिक सहयोग हो सकता है तो करें. बहुत सारे लोगों ने उनको आर्थिक सहयोग दिया तो हमने भी दिया. पार्टी के हमारे एक सदस्य थे, जिनको सहयोग की जरूरत थी और वो गरीब थे, तो पार्टी के कई लोगों ने उनकी मदद की और वो आर्थिक मदद सीधे उनके वकील के फीस के तौर पर गई."
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क्या था मामला?
29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में गोमांस ले जाने के शक में भीड़ की पिटाई से अलीमुद्दीन अंसारी नाम के शख्स की मौत हो गई थी. इस मामले में रामगढ़ की फास्ट ट्रैक अदालत ने पिछले साल 21 मार्च को 12 आरोपियों में से 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. इनमें से 9 आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
जयंत ने झारखंड के अपने निर्वाचन क्षेत्र हजारीबाग स्थित अपने आवास पर इन आठ दोषियों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया था.
घटना की तस्वीर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन शेयर की गई और विपक्ष और जयंत सिन्हा के पिता और पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने उनकी निंदा की. कांग्रेस ने जयंत के इस्तीफे की मांग की थी और कहा था कि इससे साफ हो गया है कि बीजेपी ऐसे अपराधों के आरोपियों और दोषियों का परोक्ष समर्थन करती है. मामला तूल पकड़ने पर जयंत सिन्हा ने मामले पर खेद जताते हुए माफी मांगी थी.
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