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दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी का विवाद आज खत्म हो सकता है. सरकार की तरफ से बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी आज जेएनयू पहुंचेगी और छात्रों से मुलाकात करेगी. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद छात्र अपना आंदोलन वापस ले सकते हैं. हालांकि अगर पूरी तरह फीस वापसी नहीं हुई तो छात्र अपने आंदोलन को आगे बढ़ा भी सकते हैं. इसी बीच जेएनयू की तरफ से भी एक बयान सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि यूनिवर्सिटी को करोड़ों का घाटा हो रहा है.
जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि पिछले कई दिनों से गलत जानकारी फैलाने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है. प्रशासन ने कहा, बताया जा रहा है कि हॉस्टल फीस कई गुना बढ़ा दी गई है. सर्विस चार्ज वसूला जा रहा है. जो अभी तक जीरो था. लेकिन बजट को सुधारने के लिए जो भारी घाटे में चल रहा है, हॉस्टल में सर्विस चार्ज वसूलना जरूरी है.
बुधवार को हुई मीटिंग के बाद एक बार फिर तीन सदस्यीय कमेटी छात्रों से बातचीत करेगी. बताया जा रहा है कि ये बातचीत शाम करीब 4 बजे जेएनयू में ही होगी. इससे पहले शास्त्री भवन में इस कमेटी ने छात्रों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद जेएनयू छात्रों की तरफ से इसे पॉजिटिव बताया गया था. लेकिन आंदोलन खत्म करने की बात नहीं की. अब इस बैठक के बाद उम्मीद है कि कई हफ्तों से चल रहा छात्र आंदोलन खत्म होगा.
अब फीस बढ़ोतरी के इस आंदोलन का देशव्यापी बनने के बाद छात्र राजनीति भी शुरू हो चुकी है. जहां पिछले कई हफ्तों से जेएनयू के लेफ्ट समर्थक छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, वहीं अब बीजेपी और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने भी इस मुद्दे पर प्रोटेस्ट शुरू कर दिया है. एबीवीपी ने मंडी हाउस से लेकर एचआरडी मिनिस्ट्री तक प्रोटेस्ट किया. जिसमें कई छात्रों को हिरासत में लिया गया. लेकिन इसी बीच एबीवीपी ने राजनीति भी शुरू कर दी. उनकी तरफ से जारी बयान में जेएनयू छात्रसंघ पर हमला बोला गया. कहा गया कि जेएनयू छात्रसंघ ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकीं और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया.
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