Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'कांग्रेस हटाएगी हिजाब बैन': कर्नाटक की एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक कनीज फातिमा

'कांग्रेस हटाएगी हिजाब बैन': कर्नाटक की एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक कनीज फातिमा

Kaneez Fatima गुलबर्गा उत्तर सीट से विधायक हैं. उन्होंने कहा कि अधिक मुस्लिम महिलाओं को राजनीति में आना चाहिए.

फातिमा खान
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>कनीज फातिमा कर्नाटक की इकलौती मुस्लिम महिला विधायक हैं.</p></div>
i

कनीज फातिमा कर्नाटक की इकलौती मुस्लिम महिला विधायक हैं.

(द क्विंट/विभुशिता सिंह)

advertisement

कनीज फातिमा को कांग्रेस ने 2018 में कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था. उस वक्त कांग्रेस की तरफ से आये ऑफर से फातिमा काफी चकित हो गई थीं. क्योंकि उनके पति कमर उल इस्लाम. जो छह बार विधायक और दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके थे, उनके निधन को एक साल भी नहीं हुआ था.

हालांकि, कनीज गुलबर्गा उत्तर सीट से चुनाव लड़ीं-वह सीट जिस पर उनके दिवंगत पति ने तीन दशकों तक कब्जा किया था, और लगभग 6,000 मतों से जीत गईं. वह कर्नाटक की एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक बन गईं.

पांच साल बाद, 2023 में मुकाबला कड़ा था. बीजेपी ने न केवल इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से प्रचार किया, बल्कि कनीज को JDS, AIMIM और कई स्वतंत्र उम्मीदवार सहित मुस्लिम समुदाय के नौ उम्मीदवारों से भी मुकाबला करना पड़ा.

इस बार वह लगभग 3,000 वोटों के अंतर से जीतीं और लिंगायत नेता बीजेपी चंद्रकांत पाटिल को हराने में कामयाब रहीं.

चुनाव प्रचार के दौरान कनीज फातिमा.

(कनीज़ फातिमा/ट्विटर)

जीत के बाद द क्विंट से बात करते हुए कनीज ने कहा, "जब कई मुस्लिम एक महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी वाली सीट पर चुनाव लड़ते हैं, तो यह हमेशा कठिन होता है. लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. बीजेपी भी यहां अपने अभियान में काफी सक्रिय थी, खासकर जब उन्होंने देखा कि मैं हिजाब प्रतिबंध के मुद्दे पर कितनी मुखर थी. उन्हें पता था कि वोटरों के ध्रुवीकरण के लिए यह एक अच्छा विषय हो सकता है."

कांग्रेस हिजाब बैन हटाएगी, 2B वापस लाएगी: कनीज फातिमा

कनीज के पति चार दशक तक राजनीति में सक्रिय रहे जबकि वह ज्यादातर घरेलू कामों और अपने बेटे को पालने में लगी रहीं.

64 वर्षीय कनीज ने कहा...

"मैं कमर साब के चुनाव प्रचार में शामिल होती , खासकर तब जब हमें विशेष रूप से महिला मतदाताओं से मिलना होता था. कई महिलाएं भी अपनी समस्याएं लेकर मेरे पास आती थीं जो वे उन्हें (कमर) बताना चाहती थीं. लेकिन वह अलग था. यह राजनीति में मेरा सीमित अनुभव था."

कनीज ने कहा, "2018 में विधायक बनने के बाद मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया. लोगों ने मुझे पहचानना शुरू कर दिया और मुझे स्थानीय लोगों से इतना सम्मान मिला कि परिवर्तन आसानी हो गया."

कनीज ने बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार का 2022 में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया था. इससे पहले, वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में भी सक्रिय थीं और राज्य के गुलबर्गा क्षेत्र में धरने का नेतृत्व किया था. वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में COVID-19 राहत कार्य में भी शामिल थीं.

हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करतीं कनीज फातिमा.

(कनीज फातिमा/ट्विटर)

कनीज ने कहा, "आज मैं एक विधायक और राजनेता अपने अधिकारों से हूं. जब भी कर्नाटक के लोगों को हिजाब प्रतिबंध या CAA-NRC द्वारा उत्पीड़ित किया गया है, तब मैं मुखर रही हूं."

द क्विंट से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार बनने के तुरंत बाद "हिजाब प्रतिबंध हटा देगी और मुसलमानों के लिए 2बी आरक्षण वापस लाएगी."

इस साल अप्रैल में, राज्य में चुनाव से पहले, कर्नाटक BJP सरकार ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर दिया था, जो '2बी श्रेणी' के अंतर्गत आता था. आरक्षण राज्य के उन मुसलमानों के लिए फायदेमंद था, जिनके परिवारों की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम थी। सरकारी कॉलेजों और नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण लागू था.

द क्विंट ने कर्नाटक से रिपोर्ट की थी कि कैसे आरक्षण खत्म करने से राज्य के मुस्लिम समुदाय में अपने भविष्य को लेकर डर पैदा हो गया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

उन्होंने दावा करते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि कैबिनेट की पहली बैठक में हम हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने और 2बी आरक्षण को वापस लाने का प्रस्ताव पारित किया जायेगा."

'हिजाब वाली महिलाओं को निशाना बनाया जा सकता है'

कनीज हिजाब प्रतिबंध के विरोध में सक्रिय थीं. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने वाली महिला होने के बावजूद उन्हें खुद किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे अपने हिजाब के कारण व्यक्तिगत रूप से किसी मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ा. ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे साथ हर समय सुरक्षा गार्ड होते थे. लेकिन मुझे एहसास है कि कर्नाटक में अधिकांश हिजाब वाली महिलाओं के पास यह विशेषाधिकार नहीं है.”

उन्होंने कहा, "पिछले एक साल में, हिजाब पहनी छात्रों के सहपाठियों, साथियों, और दक्षिणपंथी समूहों के सदस्यों द्वारा गाली दिए जाने के कई वीडियो वायरल हुए हैं. जब मैं उन वीडियो को देखती हूं, तो यह मुझे परेशान कर देता है. मैं उन महिलाओं की पहचान कर सकती हूं. मुझे कांग्रेस के सत्ता में वापस आने की आवश्यकता के बारे में तत्काल भावना महसूस हुई, ताकि हम यह सब होने से रोक सकें."

कनीज ने कहा कि इस समय बहुत कुछ दांव पर था.

समाज, मुस्लिम समुदाय को अधिक मुस्लिम महिला नेताओं को स्वीकार करने की आवश्यकता है: कनीज फातिमा

कनीज़ कर्नाटक में 2018 और अब 2023 में एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक हैं. कर्नाटक के इतिहास में एकमात्र अन्य मुस्लिम महिला विधायक मुख्तार उन्नीसा बेगम थीं- वह भी 1985 में. कर्नाटक की राजनीति में प्रतिनिधित्व के मामले में महिलाओं का सामान्य रूप से इतिहास खराब रहा है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2023 के कर्नाटक चुनावों में 2,000 से अधिक उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से केवल 185 महिलाएं थीं. इनमें से केवल 11 ने कर्नाटक विधानसभा में जगह बनाई. कर्नाटक ने अपनी विधानसभा में महिलाओं के 10 प्रतिशत प्रतिनिधित्व को भी कभी नहीं छुआ है.

यह इस तथ्य के बावजूद है कि महिला मतदाता चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस साल राज्य की 52 विधानसभा सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया.

मुसलमानों को भी, राज्य की आबादी का 13 प्रतिशत होने के बावजूद, पारंपरिक रूप से कर्नाटक विधानसभा में कम प्रतिनिधित्व दिया गया है. कनीज सहित कुल नौ मुसलमानों ने इस वर्ष विधानसभा में जगह बनाई, जिससे वे विधानसभा का चार प्रतिशत हो गए. 2013 में कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों की अब तक की सबसे अधिक संख्या 11 थी.

2018-2023 के कार्यकाल में अन्य महिला विधायकों के साथ कनीज फातिमा।

(कनीज फातिमा/फेसबुक)

कनीज ने कहा कि वह यहां खेल में कम प्रतिनिधित्व को पहचानती हैं.

उन्होंने कहा, "मुस्लिमों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, और न ही महिलाएं हैं. मुस्लिम महिलाओं को बहुत कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है. इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं. समाज को राजनीति में मुस्लिम महिलाओं को अधिक स्वीकार करने की आवश्यकता है. और यहां तक कि समुदाय को भी इसे एक बुरी चीज के रूप में देखना बंद करने की जरूरत है. उन्हें इसका स्वागत करने की जरूरत है."

कांग्रेस नेता ने कहा, "मुस्लिम महिलाएं अपने विशिष्ट दृष्टिकोण से आती हैं, जिसके बारे में वे राजनीति में प्रवेश करने पर अधिक मजबूती से बात कर सकती हैं. मुस्लिम महिलाओं को राजनीति में आना चाहिए."

कनीज ने यह भी कहा कि उन्हें न केवल कांग्रेस से बल्कि अपने समुदाय से भी समर्थन मिला.

कनीज ने कहा, "मुस्लिम निवासी और यहां तक कि उलेमा (विद्वान) भी बहुत उत्साहजनक थे." हर कुछ वर्षों में, उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न मस्जिदों के इमाम यह कहते हुए बयान जारी करते हैं कि इस्लाम राजनीति में महिलाओं को अनुमति नहीं देता है. हाल ही में अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने 2022 के गुजरात चुनाव से पहले ऐसा बयान दिया था

उन्होंने कहा, "कर्नाटक में उलेमा और आम तौर पर दक्षिणी राज्यों में दीनी (धार्मिक) शिक्षा के साथ-साथ दुनिया (सांसारिक) शिक्षा के मामले में कहीं अधिक शिक्षित हैं. इसलिए वे राजनीति में मुस्लिम महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं."

कनीज की जीत के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मक्का में उमरा करते हुए उनकी एक पुरानी तस्वीर शेयर कर उन्हें ट्रोल किया.

'कर्नाटक में बढ़ी सांप्रदायिकता'

कनीज ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक में सांप्रदायिकता बढ़ी है."

उन्होंने कहा, "बीजेपी की हरकतों से, पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक में सांप्रदायिकता और नफरत काफी हद तक बढ़ी है. हमारा पारंपरिक रूप से एक समन्वयवादी समाज रहा है लेकिन हाल ही में चीजें खराब हो गई हैं. उम्मीद है कि अब हम चीजों को बेहतर बनाने के लिए काम कर सकते हैं."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT