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करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) खुलन के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ मत्था टेका. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि हम पंजाब से करतारपुर साहिब के लिए फ्री बसें चलाएंगे. उन्होंने कॉरिडोर दोबारा खोलने के लिए पीएम मोदी (Pm Modi) और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) का शुक्रिया अदा किया.
करीब 20 महीने बाद 17 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. इससे पहले कोरोना की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद काफी समय से पंजाब के लोग गुरू नानक के जन्मदिन 'प्रकाश पर्व' से पहले इसे खोलने की मांग कर रहे थे.
पंजाब में अगले साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस ने लंबी उथल-पुथल के बाद अपना सीएम बदला है. जिसमें कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका मानी जा रही है. नवजोत सिद्धू भी अब 20 नवंबर को करतारपुर साहिब जाएंगे. वैसे वो भी कैबिनेट के साथ जाना चाहते थे लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन्हें 20 नवंबर को जाने की इजाजत दी है.
दरअसल जब करतारपुर गलियारा तैयार किया गया तो इसके पीछे सिद्धू को हीरो बताया गया, जिसको लेकर उनकी बड़ी खातिर भी हुई. इससे पहले बाजवा को गले लगाने को लेकर बड़ा बवाल हुआ था. उनकी अपनी पार्टी तक ने इससे पल्ल झाड़ लिया था. फिर जब करतारपुर कॉरिडोर खोला गया तो सिद्धू ने कहा था कि, मैं सीना ठोककर कहूंगा कि मेरी झप्पी रंग लाई और गुरू के दर का दरवाजा खुल गया.
दरअसल करतारपुर साहिब सिखों के पहले गुरु, गुरु नानकदेव का निवास स्थान है और यहीं वो ज्योति लीन हुए. बाबा नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17-18 साल यहीं पर गुजारे. करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है जो इंटरनेशनल बॉर्डर से 4 किमी अंदर है.
भारत पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे नहीं थे तो श्रद्धालु बॉर्डर के पास लगी दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन किया करते थे. लेकिन पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार आने के बाद करतारपुर कॉरिडोर बनाया गया और लोगों के लिए खोला गया.
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