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महबूबा मुफ्ती से कब हटेगा PSA? फैसल की रिहाई के बाद उठ रहे सवाल

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती PSA के तहत हिरासत में हैं

क्विंट हिंदी
भारत
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती PSA के तहत हिरासत में हैं
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती PSA के तहत हिरासत में हैं
(फोटो: PTI)

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आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाए जाने से ठीक पहले सभी स्थानीय नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. जिसमें जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल थे. इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल थीं.

इसके बाद महबूबा मुफ्ती समेत तमाम बड़े नेताओं पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज हुआ, लेकिन धीरे-धीरे 6 महीने के बाद नेताओं को छोड़ने की कार्यवाही शुरू हुई. अब महबूबा मुफ्ती को छोड़कर बाकी लगभग सभी बड़े नेताओं से पीएसए हटा दिया गया है. जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर महबूबा को क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है?

महबूबा मुफ्ती का जिक्र आज फिर एक बार इसलिए हो रहा है क्योंकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल समेत पीडीपी नेताओं पीर मंसूर और सरताज मदनी से पीएसए हटा दिया गया है.

इन नेताओं से पीएसए हटाए जाने के बाद फिर महबूबा मुफ्ती को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है. बड़ा सवाल ये है कि जिस बीजेपी ने महबूबा की पार्टी के साथ मिलकर घाटी में सरकार बनाई थी, उसी महबूबा मुफ्ती को छोड़ने में सबसे ज्यादा देर क्यों लग रही है? 

महबूबा समेत बाकी नेताओं की रिहाई की मांग

शाह फैसल और अन्य नेताओं की रिहाई को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में महबूबा मुफ्ती की रिहाई का भी जिक्र किया और कहा कि उन्हें दुख है कि उनकी हिरासत जारी रहेगी. अब्दुला ने ट्विटर पर लिखा,

"शाह फैसल, पीर मंसूर और सरतार मदनी की अन्यायपूर्ण पीएसए के तहत रिहाई के बारे में सुनकर अच्छा लगा. लेकिन महबूबा मुफ्ती, सागर एसबी और हिलाल लोन की हिरासत जारी रहेगी, इसे लेकर निराश हूं. अब उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए."

शाह फैसल और बाकी अन्य नेताओं से पीएसए हटाए जाने को लेकर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी ट्विटर पर अपना रिएक्शन दिया और अन्य नेताओं की रिहाई की मांग की. महबूबा मुफ्ती का अकाउंट चला रहीं इल्तिजा ने ट्विटर पर लिखा,

“शाह फैसल, सरताज मदनी और पीरजादा मंजूर से गैरकानूनी पीएसए आखिरकार हटा दिया गया है. हालांकि राजनीतिक बंधक सजाद लोन, अली मोहम्मद सागर, हिलाल लोन, नईम अख्तर और वहीद परा और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अब तक हिरासत में रखा गया है. उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए.”
इल्तिजा मुफ्ती

इन लोगों के अलावा घाटी के कई लोगों ने ट्विटर पर महबूबा की रिहाई को लेकर ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने महबूबा समेत अन्य नेताओं की भी जल्द रिहाई की बात कही.

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तीन महीने बढ़ाया गया था PSA

जहां करीब 8 महीने बाद अब जम्मू-कश्मीर के नेताओं को छोड़ा जा रहा है, वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर लगाया गया पीएसए हाल ही में तीन महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया. 5 मई को बताया गया कि मुफ्ती अगले तीन महीने तक पीएसए के तहत नजरबंद रहेंगीं. वहीं इससे पहले सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया था. दोनों पर पीएसए लगाया गया था, जिसे वापस ले लिया गया. फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने कई बार महबूबा मुफ्ती समेत अन्य नेताओं की रिहाई को लेकर सरकार से अपील की है.

हाल ही में लॉकडाउन के बीच 7 अप्रैल को महबूबा मुफ्ती को अस्थायी जेल से उनके घर पर शिफ्ट किया गया था. लेकिन हिरासत से छूट नहीं दी गई. उन्हें फिलहाल घर पर ही नजरबंद किया गया है. उनके आधिकारिक निवास स्थान ‘फेयरव्यू गुपकर रोड’ को ही अस्थायी जेल घोषित कर दिया गया है.

सरकार ने क्यों लगाया है PSA?

दरअसल पब्लिक सेफ्टी एक्ट उस शख्स पर लगाया जाता है, जिससे लोगों को या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है. इसमें सरकार शक के आधार पर ही किसी को भी हिरासत में ले सकती है. इस कानून की सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार चाहे तो दो साल तक बिना किसी ट्रायल के आरोपी को हिरासत में रख सकती है. हिरासत में लिए गए व्यक्ति का मामला सरकार को एडवाइजरी बोर्ड के सामने भेजना होता है. बोर्ड को अपना सुझाव आठ हफ्तों में देना होता है. अगर बोर्ड हिरासत को सही ठहराता है, तो सरकार बिना ट्रायल हिरासत बढ़ा सकती है.

आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद नेताओं की हिरासत को लेकर सवाल उठने लगे थे, पूछा गया कि किस कानून के तहत इतने महीनों तक नेताओं को हिरासत में रखा गया है. जिसके बाद सरकार ने नेताओं पर पीएसए लगाने की जानकारी दी.

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