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ये बातें हैदराबाद में डॉक्टर के गैंगरेप और मर्डर केस में आरोपी मोहम्मद की मां मोलान्बी ने द क्विंट को बताईं.
मोहम्मद के घर आने के कुछ घंटों बाद, सुबह के करीब 3 बजे, मोहम्मद को छह पुलिसवाले पकड़ कर ले गए.
बुधवार, 27 नवंबर की रात, हैदराबाद में एक सरकारी वेटनरी डॉक्टर का रेप कर उसका मर्डर कर दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने डॉक्टर के शव को आग के हवाले कर दिया. इस मामले में पुलिस ने 29 नवंबर को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें मोहम्मद भी शामिल है.
25 साल का मोहम्मद उर्फ आरिफ, नारायणपेट जिले में ट्रक ड्राइवर का काम करता है. उसने अपनी पूरी जिंदगी जक्कुलर गांव में बिताई है.
मोहम्मद ने अपनी मां को बताया था कि उसने एक्सीडेंट में एक महिला को मार दिया है, लेकिन पुलिस को कुछ और ही शक है.
मोहम्मद के साथी और मामले के दूसरे आरोपी, जोलू शिवा ने साजिश के तहत पीड़िता की स्कूटी का टायर पंक्चर किया था.
मोहम्मद तीसरे आरोपी जोलू नवीन और चौथे आरोपी चिंताकुंता चेन्नकेशवुल्लू के साथ मिलकर पीड़िता को जबरन पास के कंपाउंड में ले गया. आरोप है कि चारों ने बारी-बारी से पीड़िता का रेप किया. पुलिस की जांच के मुताबिक, वो मोहम्मद ही था, जिसने पीड़िता का मुंह और नाक बंद कर दिया था, जिससे दम घुटकर उसकी मौत हो गई.
उस रात के बारे में बताते हुए मोहम्मद की मां ने कहा, 'उसके ये बताने से पहले कि उसने एक्सीडेंट में एक महिला की जान ले ली है, मैंने उससे पूछा कि क्या वो खाना खाएगा. लेकिन उसने मना कर दिया.'
कुछ देर बाद मोहम्मद के परिवार ने अपने परिवार को घटना के बारे में बता दिया. मोहम्मद की मां ने बताया, 'हमने उससे सवाल नहीं पूछे. वो डरा हुआ और परेशान लग रहा था और वो बस सोना चाहता था. इसलिए हम सभी सो गए.'
हालांकि मोहम्मद के पिता हुसैन ने उसे कई बार समझाया कि गाड़ी सावधानी से चलानी चाहिए थी.
मोहम्मद की मां परेशान थी. उसने अपने बेटे की बताई बात पर यकीन तो कर लिया था, लेकिन उसपर गुस्सा होने की हिम्मत उसमें नहीं थी.
मोलान्बी ने बताया, 'पिछले साल मुझे ऑपरेशन की जरूरत थी. यूट्रस निकालना था. मेरे इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए उसने बहुत मेहनत की थी.'
जब कुछ घंटों बाद छह पुलिसवाले आम कपड़ों में आए और घर में घुसकर बेटे को ले गए, तो वो टूट गई. वो आखिरी बार था जब उसने अपने बेटे को देखा था.
मोलान्बी और हुसैन, दोनों अपने बेटे मोहम्मद पर निर्भर हैं. पैसे कमाने के लिए मोहम्मद ने 10वीं में स्कूल छोड़ दिया था.
अपने बारे में बताते हुए मोलान्बी ने बताया, 'मेरे ऑपरेशन के बाद से मैं ज्यादा काम नहीं कर पाती हूं. कभी-कभी दर्द होता है. मैं ज्यादा काम नहीं कर सकती. मेरे पास पैसा कमाने का कोई जरिया नहीं है.'
मोहम्मद ने अपने गांव के पास ही एक पेट्रोल पंप पर दो सालों तक काम किया. पिछले तीन सालों से वो ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था. उसका रूट कर्नाटक से हैदराबाद का था. महीने में उसकी 20,000 से 25,000 रुपये के बीच कमाई हो जाती थी.
उसके माता-पिता हालांकि अपने बेटे के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे. उन्हें नहीं मालूम था कि वो कैसे अपनी जिंदगी जी रहा है, कहां पैसे खर्च कर रहा है या उसके दोस्त कौन हैं.
बेटे पर लगे गैंगरेप और मर्डर के आरोप सुनकर मोलान्बी रोने लगीं. रोते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे रेप के बारे में नहीं पता. मुझे इसके बारे में नहीं पता अम्मा.'
वो इस जघन्य अपराध के बारे में नहीं सुनना चाहतीं. वो इसके बारे में बात भी नहीं करना चाहतीं. पड़ोसियों ने बताया कि वो मोलान्बी का ध्यान रख रहे हैं. हर वक्त कोई उनके साथ रहता है. उन्हें डर है कि से बेहोश न हो जाएं या अपनी जान न ले लें.
मोहम्मद को बाकी तीन आरोपियों के साथ डॉक्टर के गैंगरेप और मर्डर केस में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
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