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मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) को एक बार फिर क्राइम ब्रांच नो नोटिस जारी किया है और 12 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है.
इससे पहले भी परमबीर सिंह को क्राइम ब्रांच ने कई बार नोटिस भेजा है, लेकिन उनके द्वारा ना तो नोटिस को रिसीव किया गया न ही परमबीर सिंह मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए.
मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में परमबीर सिंह और उनके करीबी माने जाने वाले सचिन वझे और अन्य लोगों पर अवैध वसूली का मामला दर्ज किया गया था जिसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपी गयी थी.
परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा इससे पहले भी तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन हर बार परमबीर सिंह या उनके परिवार में से किसी ने भी नोटिस रिसीव नहीं किया.
बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज कैलास उत्तमचंद चांदीवाल (Chandiwal) की अध्यक्षता में एक जांच आयोग ने सितंबर की शुरुआत में सिंह के खिलाफ पेश नहीं होने के लिए पहला जमानती वारंट जारी किया था.
मुंबई सीआईडी की एक टीम चंडीगढ़ और मुंबई में परमबीर सिंह के संभावित ठिकानो पर गई लेकिन परमबीर वहां नहीं मिले और सीआईडी की टीम वारंट की तामील नहीं कर सकी. जिसके कारण सिंह को 21 सितंबर को वारंट फिर से जारी किया.
आज जारी किए गए नोटिस को मिलाकर परमबीर सिंह को अब तक चार बार नोटिस जारी किया जा चुका है. लेकिन अब तक परमबीर सिंह की लोकेशन का कोई पता नहीं लग पाया है.
परमबीर सिंह के खिलाफ अलग अलग आरोपों में अब तक पांच मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें 2 मुंबई, 2 ठाणे और एक अकोला जिले में दर्ज हुआ है. परमबीर पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया और जबरन वसूली की.
अप्रैल 2021 में परमबीर सिंह और अन्य के खिलाफ इंस्पेक्टर भीमराव गाडगे द्वारा SC /ST एक्ट के अंर्तगत मामला दर्ज कराया गया.
जुलाई 2021 में परमबीर सिंह और पांच अन्य पुलिसवालों के खिलाफ बिल्डर श्यामसुन्दर अग्रवाल द्वारा 15 करोड़ का एक्सटॉर्शन करने के लिए मरीन ड्राइव थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया.
साल 2021 में परमबीर सिंह के खिलाफ अवैध वसूली के अन्य मामले भी दर्ज किए गए.
महाराष्ट्र में परमबीर सिंह को लेकर राजनीतिक घमासान भी जारी है जहां एक ओर विपक्ष महाराष्ट्र सरकार पर परमबीर सिंह के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता रहा है वहीं दूसरी ओर परमबीर सिंह के गायब हो जाने का कसूरवार महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार को ठहरा रही है.
उसके बाद से ही परमबीर सिंह गायब हो गए जिसे महाराष्ट्र सरकार ने बीजेपी की एक साजिश बताया.
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