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स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) का नेतृत्व करने वाले पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के पूर्व सचिव परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) को नीति आयोग (Niti Aayog) का नया CEO नियुक्त किया गया है. शुक्रवार, 24 जून को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उनकी नियुक्ति की घोषणा की है. मौजूदा CEO अमिताभ कांत (Amitabh Kant) का कार्यकाल 30 जून 2022 को पूरा होने पर अय्यर का कार्यकाल शुरू होगा और वह 2 वर्षों तक इस पद पर सेवाएं देंगे.
उत्तर प्रदेश कैडर के 1981 बैच के IAS अधिकारी परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) एक प्रसिद्ध स्वच्छता विशेषज्ञ हैं. 2016 से 2020 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख योजना- स्वच्छ भारत मिशन का नेतृत्व करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को गति दी और चार साल के रिकार्ड समय में अभियान को पूरा किया. यह योजना न केवल मोदी सरकार के लिए 'मील का पत्थर' साबित हुई, बल्कि खुद परमेश्वरन को भी इसका श्रेय मिला.
16 अप्रैल 1959 को श्रीनगर में जन्में परमेश्वरन अय्यर के IAS बनने का किस्सा बहुत ही दिलचस्प है. अय्यर टेनिस में अपना करियर बनाना चाहते थे लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वो कोई रेगुलर जॉब करें. अय्यर ने DCM में नौकरी के लिए अप्लाई किया. इंटरव्यू में जब भरत राम ने उनसे मुद्रास्फीति (Inflation) के बारे में पूछा तो वो इसका जवाब नहीं दे सके. उन्हें ये नौकरी नहीं मिली.
इसके बाद कलकत्ता में ITC के इंटरव्यू में भी उनका सिलेक्शन नहीं हुआ. बाद में उन्हें ओबेरॉय होटल में नौकरी मिली. पीआरएस ओबेरॉय (PRS Oberoi) ने खुद उनका इंटरव्यू लिया था. 10 दिन में ही उन्होंने होटल की भी नौकरी छोड़ दी.
अय्यर से बड़ा 'एक्सीडेंटल ब्यूरोक्रेट' शायद ही कभी हुआ हो. नौकरी की तलाश में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और पास किया. इस दौरान उन्होंने 'द इंडियन एक्सप्रेस' में उप-संपादक के रूप में भी काम किया, तब अरुण शौरी संपादक थे.
पानी और स्वच्छता क्षेत्र में उन्हें 25 वर्षों से अधिक का वैश्विक अनुभव है. वह संयुक्त राष्ट्र (UN) में वरिष्ठ ग्रामीण जल स्वच्छता विशेषज्ञ के रूप में भी काम कर चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने वियतनाम, चीन, मिस्र और लेबनान सहित कई देशों में काम किया है.
15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण ने अय्यर की जिंदगी को बदल दिया. स्वच्छ भारत मिशन की बात सुनकर अय्यर स्वदेश वापस लौट आए. अय्यर ने 60 महीनों के समय में पूरे भारत में 11 करोड़ शौचालय बनाए. स्वच्छ भारत के विचार को आगे बढ़ाने के लिए 6 लाख स्वच्छग्रहियों की एक सेना बनाई और 600 से अधिक कुशल युवा पेशेवरों (जिला स्वच्छ भारत प्रेरक) को प्रेरित किया.
अभियान के दौरान उन्होंने एक बार शौच के लिए इस्तेमाल की जाने वाले गड्ढे में उतरकर सफाई भी की थी. उस वक्त पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में उनके का की तारीफ की थी. परमेश्वरन अय्यर को 'टॉयलेट मैन' भी कहा जाता है.
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