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दिल्ली पुलिस द्वारा हाल ही में फाइल की गई कई चार्जशीट में, निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन पर फरवरी में 'उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा की योजना बनाने" में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया है. (आप दिल्ली हिंसा और IB अफसर अंकित शर्मा की हत्या में उनके रोल को लेकर चार्जशीट क्या कहती है, यहां पढ़ सकते हैं.)
हालांकि, ताहिर हुसैन की भूमिका और हिंसा में शामिल होने के बारे बात करने वाली दो चार्जशीट में, किसी भी महिला के शव या कपड़ों का कोई जिक्र नहीं है, जैसा कि पहले कई न्यूज चैनलों, खासकर सुदर्शन टीवी ने दावा किया था.
27 फरवरी को, हिंसा के दो दिन बाद, सुदर्शन टीवी के ऑफिशियल हैंडल ने ताहिर हुसैन के घर से दो मिनट की 'ग्राउंड रिपोर्ट' का एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें रिपोर्टर एक शख्स से बात करती दिख रही है, जिसे वो 'चश्मदीद' बता रही हैं. वीडियो में 'चश्मदीद' का नाम नहीं बताया गया है
'चश्मदीद' कहता है कि "जिस लड़की शव नाले से मिला था, उसे पहले हुसैन के घर लाया गया, उसकी हत्या हुई और फिर उसका शव नाले में फेंका गया." इसके बाद कैमरा जमीन पर पड़े कुछ कपड़ों की तरफ मुड़ता है और रिपोर्टर कहती हैं, "देखिए यहां जमीन पर जले हुए कपड़े दिख रहे हैं, यहां लड़की का बैग, अंडरगार्मेंट्स मौजूद है. सोचिए उस लड़की के साथ क्या घटना हुई होगी कि उसको मौत के घाट उतारा गया." रिपोर्टर ने कहा कि पुलिस ने शव बरामद कर लिया है और उसे जांच के लिए ले गए हैं.
सुदर्शन न्यूज ने अगले ट्वीट में लिखा, "ताहिर हुसैन के घर पर मिले एक लड़की के जले कपड़े, जले बैग और अंडरगार्मेंट्स. अनुमान है कि लड़की के साथ हुई है अनहोनी. सूत्रों के अनुसार पुलिस को नाले में मिली लड़की की लाश. लड़की को घसीट कर ताहिर के घर में बेरहमी से कत्ल की आशंका."
इस आर्टिकल को पब्लिश करने तक, इस ट्वीट पर 10 हजार से ज्यादा रीट्वीट्स और लाइक्स थे. कई बीजेपी नेताओं, राइट-विंग वेबसाइट और पत्रकारों ने भी इस 'खबर' को फैलाने में मदद की कि 'एक महिला का ताहिर हुसैन के घर में रेप और मर्डर किया गया.' बीजेपी सदस्यों में पार्टी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा शामिल थे, जिनकी हिंसा से एक दिन पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में दिए भाषण ने कई सवाल खड़े किए थे.
जहां दिल्ली पुलिस ने पहले ताहिर हुसैन के घर के पास से महिला का शव मिलने से इनकार किया था, दोनों चार्जशीट ने सुदर्शन न्यूज और दूसरों के दावों को खारिज कर दिया गया. पुलिस के इनकार के बावजूद, चैनल ने न ही ट्वीट को हटाया है और न ही कोई करेक्शन जारी किया है.
क्विंट ने दोनों चार्जशीट को स्कैन किया और पाया कि पुलिस ने ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम मिलने का जिक्र कई बार किया है, लेकिन उनके घर में या आसपास किसी महिला के कपड़ों या सामान का जिक्र नहीं है.
चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा:
“ताहिर हुसैन की बिल्डिंग यावी ई-7, खजुरी खास, मेन करावल नगर रोड, दिल्ली और आस-पास के क्षेत्र का इंस्पेक्शन एफएसएल टीम द्वारा किया गया था. परिसर का फिजिकल इंस्पेक्शन भी किया गयाय मेन करावल नगर रोड पर ढेर सारा मलबा और पत्थर, ईंटें, टूटी बोतलें, लिक्विड के साथ कुछ कांच की बोतलें, गोलियां और जले हुए सामान बिखरे पड़े थे. ताहिर हुसैन की बिल्डिंग का दंगाइयों/उपद्रवियों/आरोपियों ने ईंट फेंकने, पथराव, पेट्रोल बमों और एसिड बमों को फेंकने के लिए उपयोग किया था. ये बेसमेंट के साथ चार मंजिला इमारत है. पहली मंजिल पर, ताहिर हुसैन "शो इफेक्ट एडवर्टाइजमेंट प्राइवेट लिमिटेड" के नाम से अपना ऑफिस चलाते हैं. दूसरी और तीसरी मंजिल पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. एफएसएल टीम ने बेसमेंट और परिसर की सभी तीन मंजिलों का इंस्पेक्शन किया था. परिसर के पीछे की ओर, पहली मंजिल पर एक आवासीय परिसर है, जिसका इस्तेमाल ताहिर हुसैन आवास के लिए करते थे. कपड़े और दूसरे सामान के साथ पत्थर, ईंटें, पेट्रोल से भरी कांच की बोतलें तीसरी और इमारत की छत पर पड़ी थीं. एफएसएल टीम के इंस्पेकशन पर, किसी भी बायोलॉजिकल नमूने को इमारत से और इस इमारत के आवासीय परिसर से नहीं ट्रेस किया गया.”
इससे पहले, क्विंट ने उस दावे की सच्चाई बताई थी, जिसमें एक लड़की की फोटो को ये कहकर शेयर किया जा रहा था कि उसकी 'ताहिर हुसैन के घर हत्या' कर दी गई. कई राइट-विंग यूजर्स ने दावा किया था कि फोटो दिख रही लड़की का नाम ज्योति पाटीदार है और उसकी उम्र 13 साल थी. क्विंट ने पाया था कि वायरल फोटो में दिख रही लड़की मध्य प्रदेश की थी और उसका इस घटना से कोई संबंध नहीं था.
इसके अलावा, सुदर्शन न्यूज के ट्वीट किए वीडियो में, जब रिपोर्टर 'चश्मदीद' से पूछती है कि लड़की कौन थी, तो शख्स खुद कहता है, "उसका शव पुलिस ले गई. उसे देखा नहीं है." तो सुदर्शन टीवी ने एक ऐसे शख्स के आधार पर 'न्यूज ग्राउंड रिपोर्ट' पेश की, जिसे उन्होंने 'चश्मदीद' कहा, लेकिन उसने असल में अपराध को होते नहीं देखा. इसके अलावा, न ही उनके और न ही सोशल मीडिया पर राइट-विंग यूजर्स के दावों का पुलिस या ऑफिशियल रिकॉर्ड में कोई जिक्र है.
दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से संबंधित अलग-अलग मामलों में कुल 88 चार्जशीट फाइल की हैं, जिनमें से तीन ताहिर हुसैन की भूमिका पर केंद्रित हैं.
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