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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन Ukraine पर हमला कर दिया है. राजधानी कीव के साथ-साथ पूरे यूक्रेन में रूसी सैनिकों ने धावा बोल दिया है. यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश यूक्रेन शिक्षा और तकनीक के मामले में काफी उन्नत देश है. आइए जानते हैं क्या कुछ खास है यहां...
यूरोप में रूस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश यूक्रेन है. 6 लाख 03 हजार 628 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले इस देश की राजधानी कीव है, जोकि यहां का सबसे बड़ा शहर भी है. इसके पूर्व-उत्तर में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी और दक्षिण में काला सागर है.
यूक्रेन की आबादी 44 मिलियन यानी लगभग 4.4 करोड़ है, यह आबादी के नजरिए से यूरोप का आठवां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है. देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा डोनेट्स्क के अलावा राजधानी कीव में रहता है.
एथनोलॉग Ethnologue के अनुसार यूक्रेन में 40 भाषाएं एवं बोलियां बोली जाती हैं. यहां की आधिकारिक भाषा यूक्रेनी है, इसके साथ ही कुछ जगहों पर रूसी भाषा भी बोली जाती है. इसके अलावा यहां पूर्वी येदिश, रुसिन, रोमानियाई, बेलारूसी, क्रीमियन तातार, बल्गेरियाई, हंगेरियन, पोलिश, अर्मेनियाई और कई अन्य भाषाएं एवं बोलियां सुनने को मिलती हैं.
यूक्रेन की बहुसंख्यक आबादी ईसाई है. PEW रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार यहां 83.9 फीसदी लोग (3 करोड़ 65 लाख 13 हजार 587) क्रिश्चियन धर्म को मानते हैं. जबकि 1.2 फीसदी (5 लाख 22 हजार 244) लोग इस्लाम के अनुयायी हैं. यहूदी धर्म को मानने वालों की संख्या 43 हजार 520 यानी कि 0.1 फीसदी है. यहां 14.8 फीसदी (64 लाख 41 हजार 14) लोग ऐसे हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि यूक्रेन की साक्षरता दर 99.8 फीसदी है. यह दुनिया के शीर्ष साक्षर आबादी वालों देश में शुमार है. 2016 के यूनेस्को के आंकड़े बताते हैं कि यूक्रेन में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के 99.76 लोग पढ़ने और लिखने में सक्षम हैं. वयस्क पुरुषों में साक्षरता दर 99.79 फीसदी है जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 99.74 फीसदी का है. जबकि युवाओं की साक्षरता दर 99.76 फीसदी है.
ट्रेवलर डाइजेस्ट Travelers Digest's की टॉप टेन मोस्ट ब्यूटीफुल कंट्री की लिस्ट के अनुसार यूक्रेन को दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़कियों वाला देश माना जाता है. यहां की महिलाएं खूबसूरती में ही सबके आगे नहीं है, बल्कि इसके अलावा यूक्रेनी महिलाएं पुरुषों के साथ काम करती हैं और अपनी भागीदारी के लिए जानी जाती हैं. यहां घर में किसी काम से लेकर संसद तक महिलाएं पुरुषों के साथ जिम्मेदारी निभाती हैं और खुद का प्रतिनिधित्व करती हैं. यहां लड़कियों और महिलाओं को अपनी पसंद से जीने की आजादी है.
टनल ऑफ लव उत्तर-पश्चिमी यूक्रेन के क्लावेन में एक रेलवे लाइन है, जिसे धरती पर सबसे रोमांटिक जगह के रूप में जाना जाता है. इस प्राकृतिक रेल टनल (सिंगल-ट्रैक रेलवे लाइन) के दोनों ओर पेड़ों से बने हरे मेहराबों (आर्च) से घिरी हुई है. स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, जो कपल यहां आते हैं उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
यूक्रेन को ऐतिहासिक धरोहरों का देश भी कहा जाता है. इस देश में 7 ऐसी जगहें हैं जो वर्ल्ड हेरिटेज साइट लिस्ट यानी कि विश्व विरासत सूची में शामिल हैं. इसमें सबसे प्रमुख है कीव का सेंट सोफिया कैथेड्रल और लवीव का ऐतिहासिक सेंटर.
दुनिया का सबसे लंबा संगीत वाद्ययंत्र यूक्रेन का ही है. यह पाइप के टुकड़े जैसा होता है जिसको ट्रेंबिटा Trembita कहते हैं.
शराब की खपत के मामले मे यह 6वें स्थान पर है. यहां प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 13.6 लीटर की दर से शराब खपत होती है.
मेहमान नवाजी के लिए यूक्रेनी लोग दुनियाभर में जाने जाते हैं, ये लोग अपने मेहमानों का दिल से सम्मान और आदर करते हैं.
यहां का लोकप्रिय खेल फुटबॉल है.
यहां झंडा दो रंगों से बना है नीला और पीला. पीला अनाज को दर्शाता है जबकि नीला आसमान का प्रतीक है.
यूक्रेन अपने परमाणु शस्त्रागार को छोड़ने वाला दुनिया के अगुआ देशों में रहा है.
यूक्रेन में शादी की अंगूठी दाये हाथ में पहनाई जाती है.
यहां की राष्ट्रीय पोशाक Vyshyvanka है. यह अपनी कढ़ाई यानी एम्ब्रॉयडरी के लिए खास पहचान रखती है.
यहां के ईस्टर एग काफी खास होते हैं. जिन पर हाथों से रंग-बिरंगी नक्काशी की जाती है.
यह एक ऐसा देश जहां पर सेना में भर्ती अनिवार्य है.
यूक्रेन खासकर अपनी तरह तरह की ब्रेड के लिए मशहूर है, जिनका वो बड़े पैमाने पर यूरोप के दूसरे देशों में निर्यात भी करता है.
दुनिया में तीसरा सबसे अधिक विजिटेड मैकडॉनल्ड्स कीव में ट्रेन स्टेशन के पास है. यह रेस्त्रां दुनिया के शीर्ष पांच सबसे अधिक भीड़ वाले मैकडॉनल्ड्स में से रहा है.
26 अप्रैल, 1986 को यूक्रेन के प्रिपयेट शहर में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में इतिहास का सबसे भयंकर हादसा हुआ था. चेर्नोबिल पावर स्टेशन में चार न्यूक्लियर रिऐक्टर्स थे. जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्त दो रिऐक्टर्स पर काम चल रहा था. हादसा का असर यहां पर आज भी है, हालांकि अब इस शहर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है लेकिन यहां कोई आबादी नहीं रहती है.
वैश्विक हथियारों के व्यापार पर नजर रखने वाली संस्था, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, साल 2020 में यूक्रेन का रक्षा बजट करीब 5.9 अरब अमेरिकी डॉलर था जोकि रूस के बजट से करीब 10 गुना कम है. ग्लोबल फायर पावर के अनुसार, रूस सैन्य रूप से दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली देश है, जबकि यूक्रेन 140 देशों में से 22 वें स्थान पर है.
2.5 लाख एक्टिव सैनिक
50 हजार अर्द्धसैनिक बल
318 एयकक्राफ्ट
69 लड़ाकू विमान
112 हेलिकॉप्टर
490 मोबाइल रॉकेट लॉन्चर
2,600 टैंक
12,000 हथियारों से लैस गाड़ियां
3,000 आर्टिलरी गन
38 विमानवाहक पोत
01 जंगी पोत
01 फ्रिगेट
1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पश्चिम और रूस के संबंध सुधरने लगे. सोवियत संघ के सदस्य रहे देश आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो चुके थे. उन्हें पश्चिम के आर्थिक व कारोबारी सहयोग की दरकार थी और बदले में शांति व लोकतंत्र का रास्ता चुनना था. रूस समेत ज्यादातर देश इस राह पर निकल पड़े. उसी दौर में यूक्रेन ने परमाणु हथियारों को खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी. कीव और मॉस्को दोनों को उम्मीद थी कि इस फैसले से आपसी रिश्ते अच्छे बने रहेंगे.
यूक्रेन के एक तरफ बेहद उपजाऊ मैदानी इलाक़ा है तो दूसरी ओर पूर्व में बड़े उद्योग हैं. यहां खेती लायक अच्छी जमीन और अनुकूल जलवायु है, जिसकी वह से अच्छी फसल होती है. यहां अनाज और आलू का उत्पादन यूरोप में सबसे अधिक है. यूक्रेन चुकंदर और सनफ्लावर ऑयल के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. इसके साथ ही यहां की काली मिट्टी गेहूं के साथ-साथ अन्य फसलों के लिए उपयुक्त है. गेहूं की फसल उत्पादन के लिए यूक्रेन को "ब्रेड बास्केट ऑफ यूरोप" कहा जाता है. यह दुनिया के शीर्ष गेहूं उत्पादक देशों में शामिल है.
यूक्रेन पूरे यूरोप का सबसे गरीब देश है. गरीबी के अलावा भ्रष्टाचार इस देश की सबसे बड़ी समस्या है. इसकी रैंकिंग विकासशील देश में होती है. यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े अनाज सप्लायर्स में शामिल है. जीडीपी GDP के आधार पर यूक्रेन की अर्थव्यवस्था दुनिया में 55वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. पीपीपी PPP के आधार पर यह 40वें पायदान पर है.
11वीं शताब्दी में के दौरान कीव पूर्वी यूरोप का अहम राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया था. इसके बाद 13वीं सदी की शुरुआत में रूसी राज्यों पर मंगोलों ने हमला किया, जिसमें कई शहर तबाह हो गए. इन हमलों ने कीव की शक्ति को खत्म कर दिया था.
1349 से 1430 के बीच पोलैंड और बाद में पॉलिश-लिथुएनियाई राष्ट्रमंडल ने धीरे-धीरे आज के यूक्रेन के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से को अपने क़ब्जे में ले लिया.
1441 में क्रीमियाई खनैत गोल्डन हॉर्ड से अलग हो गई और उसने आज के दक्षिणी यूक्रेन के अधिकतर हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया.
1596 में पोलैंड ने रोम के साथ मिलकर ग्रीक-कैथलिक या संयुक्त चर्च की स्थापना की, जिसने पश्चिमी यूक्रेन पर प्रभाव जमा लिया.
1648-1657 में पोलिश शासन के विरोध में कजाख विद्रोह हुआ और हेतमन शासन की स्थापना हुई. इसे यूक्रेन में आधुनिक स्वतंत्र देश की शुरुआत माना जाता है.
1772 से लेकर 1795 तक पूर्वी यूक्रेन का अधिकतर हिस्सा पोलैंड से विभाजन के बाद रूसी साम्राज्य में शामिल कर लिया गया.
1783 में रूस ने क्रीमियाई खनैत के माध्यम से दक्षिणी यूक्रेन पर नियंत्रण कर लिया.
19वीं सदी में राष्ट्रीय सांस्कृतिक पुनर्जागरूकता से यूक्रेन में साहित्य, शिक्षा और इतिहास के शोध का विकास हुआ.
1918 में यूक्रेन ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी. लेकिन कई सारी प्रतिस्पर्धी सरकारों ने पूरे यूक्रेन पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की और नतीजा यह रहा कि गृहयुद्ध छिड़ गया.
कुछ साल बाद ही रूस की रेड आर्मी ने दो-तिहाई यूक्रेन को जीत लिया और 1921 में यूक्रेनियन सोवियत स्पेशलिस्ट रिपब्लिक की स्थापना कर दी. यूक्रेन का एक तिहाई बचा हुआ हिस्सा पोलैंड में शामिल हो गया.
1932 में स्टालिन के सामूहिकीकरण अभियान के कारण यूक्रेन में इरादतन अकाल जैसे हालात पैदा किए गए. इस मानव जनित अकाल के कारण यूक्रेन में लाखों लोगों की मौत हो गई.
1939 में सोवियत संघ ने नाजी-सोवियत संधि की शर्तों के तहत पश्चिमी यूक्रेन का भी अपने में विलय कर लिया, यह हिस्सा पहले पोलैंड के पास था.
1941 में यूक्रेन पर नाजियों ने कब्जा कर लिया. 1944 तक यहां नाजियों का कब्जा रहा जिस कारण यूक्रेन को युद्ध के कारण काफी नुकसान हुआ था.
1954 में सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्रीमियाई प्रायद्वीप को यूक्रेन में शामिल कर दिया.
1991 में मॉस्को में तख्तापलट की कोशिश हुई. इसके बाद यूक्रेन ने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया. क्रैवचुक राष्ट्रपति चुने गए. ये देश पश्चिमी यूरोप के साथ करीबी रिश्ते बनाना चाहता है, लेकिन रूस को ये पसंद नहीं. रूस के लगता है कि यूक्रेन का पश्चिमी पाले में जाना ठीक नहीं है.
1994 में लियोनिद कुचमा ने क्रैवचुक को हरा दिया और राष्ट्रपति बने. उनकी नीति थी कि पश्चिम और रूस से संबंध बने रहे. 1996 में यूक्रेन ने नया लोकतांत्रिक संविधान अपनाया और नई मुद्रा राइवन्या जारी की.
2004 में रूस की नीतियों के समर्थक माने जाने वाले विक्टर यानुकोविच को राष्ट्रपति चुना गया, लेकिन चुनाव में धांधली का आरोप लगा और फिर से चुनाव हुआ. तब पूर्व प्रधानमंत्री विक्टर युशचेंको राष्ट्रपति बने.
2014 में यूक्रेन ने अपने रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को पद से हटा दिया और अमेरिका और यूरोप समर्थक नेता पेट्रो पोरोशेंको को राष्ट्रपति चुना. बदले में रूस ने दक्षिण यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया. अलगाववादियों को भी समर्थन दिया और पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया.
2016 तक यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी.
2017 जुलाई में यूरोपीय संघ एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर हुए और एक सितंबर से यूक्रेन ने यूरोपीय संघ के साथ रिश्ते स्थापित कर लिए.
2018 मई में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दक्षिणी रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले एक पुल का उद्घाटन किया. यूक्रेन इस कदम को गैरकानूनी बताता आया है.
इसके बाद दोनों देश कई मौकों पर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं. आजोव सागर में जलसीमा को लेकर दोनों में विवाद उठ खड़ा हुआ और रूसी सेना ने यूक्रेन की नौकाओं पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद यूक्रेन ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगा दिया.
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