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राजस्थान कांग्रेस की सियासत को लेकर आने वाले समय में एक बार फिर से भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर सीधा और तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि पायलट गद्दार हैं, उनका मुख्यमंत्री बनना किसी सूरत पर स्वीकार नहीं है. गहलोत ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पायलट बीजेपी के साथ मिलकर षड्यंत्र कर रहे थे. इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा हो. वहीं, अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने एनडीटीवी से कहा है कि, झूठ बोलने की कोई जरूरत नहीं है.
सीएम गहलोत ने कहा कि "जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दार नाम दिया गया है, उसे कैसे लोग स्वीकार कर सकते हैं". एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने कहा कि इसके बावजूद भी मैनें पायलट के साथ कोई भेदभाव नहीं किया.
अपने खेमे के तीन नेताओं के इस्तीफे पर सीएम गहलोत ने कहा कि आलाकमान को नाराजगी इस बात की थी, कि जब ऑब्जर्वर आए थे और मेरे नेतृत्व में सारा काम होना था तब उन्होंने इस आदेश को प्रस्तावित होने से रोक दिया,इसलिए उन्होंने ये नोटिस दिया. अब तीनों नेताओं ने क्या जवाब दिया है और आलाकमान क्या और कब कार्रवाई करेगी ये तो मैं नहीं बता सकता. माकन को लेकर कहा कि वे प्रभारी बनकर आए, उन्हें लेकर आलाकमान क्या फैसला सुनाता है. यह मैं कैसे बता सकता हूं.
सीएम गहलोत ने कहा कि "मेरी लीडरशिप में सरकार इस समय चल रही हैं. इस समय मैं ही यहां का लीडर हूं तो आगे भी मेरी लीडरशिप में ही सरकार बनेगी. आगे का तो आलाकमान ही संभालेगा, लेकिन अभी हाईकमान से मुझे किसी तरह का कोई संकेत नहीं मिला है. ये आलाकमान का अधिकार है, मेरा नहीं. पायलट ने खुद माहौल बनाया कि वे सीएम बनेंगे"
गहलोत ने कहा कि "सचिन पायलट गद्दारी कर चुके हैं, उन्हें हमारे 102 विधायकों ने झेला है. ऐसा तो कोई नहीं कर सकता कि जिसने इतनी गद्दारी वाला काम किया हो उसे कोई कैसे स्वीकार कर सकता है. आज तक ऐसा इतिहास में नहीं हुआ कि किसी ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अपनी ही सरकार गिराने का काम किया हो. तो फिर कोई कैसे उन्हें सीएम के रूप में स्वीकार कर सकता है.
गहलोत ने कहा कि "मैंने तो इसके बाद भी पायलट से कोई भेदभाव नहीं किया. पायलट ने गलती की तो मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है. यह माफी तो उन्हें मांगनी चाहिए थी. मेरी यह नैतिक जिम्मेदारी थी, कि मैं जब विधायक दल का नेता हूं और मेरे विधायकों ने ही आलाकमान का आदेश मानने से मना कर दिया, वो एक गद्दार को कैसे सहन कर सकते हैं. "
'आपके और पायलट के बीच में ऐसा क्या है जो आपके बीच विवाद का कारण बन रहा है'- इस सवाल पर गहलोत ने कहा कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है. लेकिन उनके कई ऐसे काम हैं जो मन से उन्हें मुझसे दूर करता गया. जब गुर्जर आंदोलन हुआ था, तो काफी संख्या में लगभग 70 गुर्जर मारे गए थे, तब मीणाओं और गुर्जरों में काफी तनाव हो गया था. इसलिए मैंने 2009 में सचिन पायलट को कमान दी थी और उन्हें मंत्री बनाने की सिफारिश की थी कि वे इस समाज से आते हैं तो वे गुर्जरों को संभाल सकते हैं. लेकिन उन्होंने तो खुद को नेता समझ कर ही सारे काम किए. उन्होंने गुजर्रों को सिर्फ अपने साथ जोड़ा पार्टी के साथ नहीं. 'अगर पायलट फिर से बगावत करते हैं तो पार्टी क्या करेगी'- इस पर गहलोत ने कहा कि इस बात का मैं कोई जवाब नहीं दे सकता. आगे चुनाव में काफी बहुत अच्छा होने वाला है.
गहलोत ने कहा कि पार्टी को लेकर राजस्थान में जो कुछ भी चल रहा है वो इतना बड़ा नहीं है जितना मीडिया दिखा रहा है. पिछले दिनों जिन 92 लोगों ने इस्तीफा पेश किए, वे हमारे सबसे ईमानदार साथी थे, ये वो लोग हैं जिन्होंने मुश्किल समय में हमारा साथ दिया. और हमारी सरकार बचाने में लगे थे.
गहलोत ने कहा कि "जिस आदमी के पास 10 विधायक भी न हो, तो फिर उसे कैसे कोई स्वीकार कर सकता है. पायलट पूरी तरह बीजेपी से मिले हुए थे. मुझे पता है कि बीजेपी ने पायलट के साथी विधायकों को 10-10 करोड़ बांटे हैं. ये बात मेरी जानकारी में आई है और ये सही है. और अब पायलट बोलते हैं कि मेरा बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है. उसके बाद भी वे पार्टी में हैं लेकिन मुझे पता है वे धर्मेंद्र प्रधान सहित कई बीजपी के बड़े नेताओं से मिले."
राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश मंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ट्वीटर पर लिखा,"अशोक गहलोत जी ने ये आंख सचिन पायलट को नहीं राहुल गांधी को दिखाई है.राजस्थान में घुसने से पहले टायर पंचर कर दिया".
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया तो समुदाय राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करेगा. विजय बैंसला ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया...
एनडीटीवी से बातचीत में बैंसला ने कहा- 2019 में जो फॉर्मुला बनाया गया था उसे मुख्यमंत्री ने लागू नहीं किया. उन्होंने कहा कि गुर्जर मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से पूरे समुदाय को नुकसान हो रहा है.
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