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3 नवंबर को 6 राज्यों की जिन 7 सीटों पर मतदान होना है उसमें महाराष्ट्र की ईस्ट अंधेरी विधानसभा (East Andheri Assembly Constituency) भी शामिल है. जहां चुनाव से पहले ही राजनीतिक दांव-पेंचे देखने को मिल रहे हैं. दरअसल यहां से शिवसेना के ठाकरे गुट (Thackeray faction) ने दिवंगत विधायक रमेश लटके (Ramesh Latke) की पत्नी ऋतुजा लटके (Rutuja Latke) को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के शिंदे गुट (Shinde Faction) ने मुर्जी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन बीजेपी ने अपनी उम्मीदवारी चुनाव से पहले ही वापस ले ली है.
दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नाम एक खत लिखा था. जिसमें उन्होंने बीजेपी से रमेश लटके की पत्नी के खिलाफ चुनाव ना लड़ने की अपील की थी. अब ये रोचक है कि शिवसेना की उम्मीदवार के लिए राज ठाकरे ने बीजेपी से अपील की. जो दोनों ही आजकल ठाकरे गुट के धुर विरोधी हैं. और बीजेपी के साथ ठाकरे के नए विरोधी शिंदे गुट भी है.
दरअसल पहले ऋतुजा लटके की उम्मीदवारी पर ही सवाल था क्योंकि वो बीएमसी में कर्मचारी के तौर पर काम कर रही थीं और बीएमसी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं कर रही थी. मामला हाईकोर्ट तक गया और वहां से आदेश मिलने के बाद बीएमसी ने लटके का इस्तीफा मंजूर किया. इसके बाद वो नामांकन कर पाईं. लेकिन इससे पहले कि 3 नवंबर को मतदान का दिन आता, 16 अक्टूबर को राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिख दिया कि आप ऋतुजा लटके के सामने अपना उम्मीदवार ना उतारें.
ऋतुजा लटके शिवसेना के दिवंत विधायक रमेश लटके की पत्नी हैं. जिनके निधन की वजह से अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस चुनाव से पहले ऋतुजा लटके कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रहीं. वे मुंबई नगर निगम के सर्कल तीन कार्यालय में सहायक के तौर पर नौकरी कर रही थीं. अब शिवसेना में ठाकरे गुट की ओर से उम्मीदवार हैं. जिनका समर्थन कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, भीम पार्टी पहले से ही कर रही थीं. और अब MNS, बीजेपी और शिवसेना के शिंदे गुट का समर्थन भी उन्हें हासिल हो गया है.
बीजेपी ने क्यों कि ठाकरे गुट की उम्मीदवार का समर्थन?
दरअसल ऋतुजा लटके के पति की मौत के बाद ही अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट खाली हुई है. वो वहां से 2015 से लगातार विधायक थे. उससे पहले यहां से कांग्रेस के सुरेश शेट्टी ने जीत दर्ज की थी. क्योंकि ये सीट 2008 में ही वजूद में आई तो बीजेपी यहां से कभी चुनाव नहीं जीती. इसलिए उसकी जीत यहां आसान तो नहीं होती. दूसरा फिलहाल विधानसभा में ऋतुजा लटके के लिए स्वाभाविक सहानुभूति है.
राज ठाकरे की एमएनएस के लिए भी हालात वैसे ही हैं. उन्हें इस सीट पर सबसे ज्यादा वोट 2009 में मिले थे. उस चुनाव में एमएनएस उम्मीदवार को 25052 वोट मिले थे. उसके बाद से इनकी पार्टी इस सीट पर 10 हजार वोट लेने में भी कामयाब नहीं हुई है. इसीलिए अंगूर खट्टे भी हो सकते हैं.
बीबीसी से बात करते हुए वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक विजय चोरमारे ने कहा कि,
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने अपने पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा था कि,
बीजेपी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद राज ठाकरे ने उनका आभार जताया.
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