उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट (Uddhav Thackeray's Shiv Sena) ने रविवार, 9 अक्टूबर को भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर नए चुनाव चिन्ह के लिए अपनी प्राथमिकता के रूप में तीन विकल्प दे दिए हैं- जिसमें त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल शामिल हैं. दरअसल चुनाव आयोग ने शनिवार, 8 अक्टूबर को आगामी उपचुनाव से पहले शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम को जब्त/फ्रीज कर दिया. साथ ही उद्धव ठाकरे गुट और उनके प्रतिद्वंदी एकनाथ शिंदे गुट को नए चुनाव चिन्ह और नाम के 3-3 विकल्प लेकर आने का निर्देश दिया था.
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के चुनाव चिन्ह पर उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने मीडिया से कहा कि
"चुनाव आयोग ने हमारे चुनाव चिन्ह को सील कर दिया है. उन्होंने हमें चिन्हों के सुझाव मांगे थे जिस पर उद्धव ठाकरे ने 'त्रिशूल', 'मशाल' और 'उगता हुआ सूरज' चिन्ह चुनाव आयोग को दिए हैं. चुनाव आयोग तय कर चुनाव चिन्ह देगा"
पार्टी के नए नाम पर उन्होंने कहा कि "हमारी पार्टी का नाम शिवसेना है, अगर चुनाव आयोग शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)', 'शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)' या 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' सहित शिवसेना से संबंधित कोई भी नाम देता है, तो वह हमें स्वीकार्य होगा".
1 अक्टूबर 1989 को बाला साहेब ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के लिए चुनाव चिन्ह के रूप में धनुष और तीर के सिंबल की रजिस्ट्री से पहले शिव सेना ने नारियल के पेड़, रेलवे इंजन, तलवार और ढाल, मशाल, कप और तश्तरी जैसे सिंबल पर चुनाव लड़ा था.
3 नवंबर को होगा उपचुनाव, नए सिंबल के साथ उतरेगा उद्धव ठाकरे गुट
चुनाव आयोग के चुनाव चिन्ह जब्त करने के फैसले के साथ ही उद्धव ठाकरे गुट को 3 नवंबर को होने जा रहे अंधेरी पूर्व सीट के आगामी उपचुनाव में एक अलग नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करना होगा. यह सीट पूर्व विधायक रमेश लटके के निधन के कारण खाली है. यहां ठाकरे गुट ने रमेश लटके की विधवा पत्नी रुतुजा लटके को मैदान में उतारने का फैसला किया है जबकि शिंदे की सहयोगी बीजेपी इस सीट पर मुर्जी पटेल को उतार रही है.
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