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दो गुटों में बंट चुकी दिवंगत रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. उपचुनावों से पहले चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति पारस (Pashupati Paras) गुट को अलग-अलग नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किया है. आगामी उपचुनाव में चिराग पासवान (Chirag Paswan) गुट की पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और सिंबल 'हेलीकॉटर' होगा. जबकि पशुपति पारस गुट की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी होगा और वो 'सिलाई मशीन' सिंबल पर चुनाव लड़ सकेंगे.
चुनाव आयोग के फैसले पर चिराग गुट के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमको रामविलास पासवान के नाम की इजाजत दे दी है. अब हम दोगुनी ऊर्जा के साथ बिहार में दो सीटों के उपचुनाव में जाएंगे. चंदन सिंह ने पशुपति पारस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर साजिश के तहत पार्टी सिंबल को फ्रीज कराने का आरोप लगाया. हालांकि उनका दावा है कि वो दोनों उपचुनाव जीतेंगे.
वहीं पशुपति पारस गुट के प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए जो लोग भी चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें उसका सम्मान करना चाहिए. जिस तरह दिवंगत रामविलास पासवान ने पार्टी को चलाया था, उसी तरह पशुपति पारस भी पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं. लोगों ने उन्हें ही असली नेता माना है, इसलिए हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग का अंतिम फैसला भी हमारे ही पक्ष में होगा.
दरअसल रामविलास पासवान की मौत के बाद भतीजे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी पर अधिकार की लड़ाई चुनाव आयोग में चल रही है. हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक इसपर कोई अंतिम फैसला नहीं दिया है. लेकिन उपचुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने 2 अक्टूबर को लोक जनशक्ति पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न 'बंगला' को फ्रीज कर दिया था. चुनाव आयोग ने अंतरिम उपाय के तौर पर दोनों पक्षों को नया नाम और चिह्न चुनने को कहा था.
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