मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Google बताएगा चुनाव के विज्ञापन में बहा कितना पैसा, सबको होगी खबर

Google बताएगा चुनाव के विज्ञापन में बहा कितना पैसा, सबको होगी खबर

गूगल मार्च से राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक करना शुरू करेगा

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
(फोटो: Reuters)
i
null
(फोटो: Reuters)

advertisement

आम चुनाव की तैयारी में सिर्फ राजनीतिक पार्टियां ही तैयारी में नहीं जुटी हैं, बल्कि सबसे बड़े सर्च इंचन गूगल ने भी इसके लिए कमर कस ली है. गूगल मार्च से राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक करना शुरू करेगा. इसमें लोगों को चुनावी विज्ञापन से जुड़ी हर जानकारी मुहैया करवाई जाएगी. गूगल की तरफ से चुनावी विज्ञापन खरीदने वाले व्यक्ति और संबंधित विज्ञापन की पूरी जानकारी दी जाएगी.

जरूरी है चुनाव आयोग का सर्टिफिकेट

गूगल ने आने वाले लोकसभा चुनावों में ट्रांसपेरेंसी के लिए यह कदम उठाया है. इससे पहले सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भी इसी तरह का एक कदम उठाया था. गूगल ने इसके साथ ही जानकारी दी है कि वो भारत के लिए अपनी चुनावी विज्ञापन नीति में भी बदलाव करने जा रहा है. जिसके तहत विज्ञापन देने वालों को विज्ञापन छापने या फिर दिखाने के लिये चुनाव आयोग की तरफ से जारी सर्टिफिकेट देना होगा. हर राजनीतिक विज्ञापन के लिए मंजूरी लेनी जरूरी होगी.

पता लगेगा, कितना पैसा बहाया

अब गूगल के इस फैसले के बाद साफ तौर पर पता चल पाएगा कि किस राजनीतिक पार्टी ने विज्ञापन के लिए कितना पैसा बहाया है. चुनावों में राजनीतिक पार्टियां करोड़ों रुपये विज्ञापन में बहा देती हैं. इसके लिए गूगल की तरफ से एक रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसे लोग सर्च कर पाएंगे. इसमें चुनावी विज्ञापन खरीदने वाले की पूरी जानकारी होगी, साथ ही इस बात की जानकारी भी होगी कि उसने विज्ञापन पर कितना पैसा खर्च किया है.

गूगल ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है कि जब डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर ट्रांसपेरेंसी लाने का दवाब है. सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से कहा कि किन्हीं साधनों के जरिए अगर देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

फरवरी से शुरू होगा वेरिफिकेशन

राजनीतिक विज्ञापन देने वाले की वेरिफिकेशन 14 फरवरी से शुरू हो जाएगी. जिसके बाद पूरी रिपोर्ट और विज्ञापन की पूरी लाइब्रेरी मार्च 2019 से सभी के लिए उपलब्ध होगी. गूगल इंडिया के सार्वजनिक नीति के निदेशक चेतन कृष्णास्वामी ने कहा, '2019 में 85 करोड़ से ज्यादा भारतीय देश की नई सरकार चुनने के लिए अपना वोट डालेंगे. हम चुनावों को लेकर गंभीर विचार कर रहे हैं और भारत समेत पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करना जारी रखेंगे.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हुए अलर्ट

चुनाव नजदीक आते ही लगभग सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चुनावी विज्ञापन को लेकर सतर्क हो चुके हैं. गूगल से पहले ट्विटर ने भी इसी तरह का कदम उठाया था और कहा था राजनीतिक दलों की तरफ से विज्ञापनों पर होने वाले खर्च को दिखाने के लिये वह डैशबोर्ड पेश करेगा. इसके अलावा फेसबुक ने पिछले महीने कहा था कि वह राजनीतिक विज्ञापन देने वालों की पहचान और लोकेशन की जानकारी देने को अनिवार्य बनाएगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 22 Jan 2019,08:28 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT