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'INDIA' गठबंधन की दिल्ली बैठक में सीट बंटवारे पर बनेगी बात? चौथी मीटिंग क्यों है खास?

INDIA alliance Delhi Meeting: विपक्ष गठबंधन 'इंडिया' अब तक तीन बैठक- पटना, बेंगलुरू, मुंबई- में कर चुका है.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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'INDI' गठबंधन की बैठक में मुद्दों पर बनेगी बात, चौथी मीटिंग क्यों है खास?

( फाइल फोटो: क्विंट हिंदी)

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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष दलों के 'INDI' गठबंधन की बैठक मंगलवार, 19 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में होने जा रही है. बैठक दोपहर तीन बजे प्रस्तावित हैं, जिसमें 'INDIA' गठबंधन के प्रमुख नेता शामिल होंगे. पांच राज्यों के आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ये विपक्षी दलों की पहली आधिकारिक बैठक होगी. आइये आपको बैठक का एजेंडा, कौन-कौन दल शामिल होंगे और किसने क्या कहा और मीटिंग के क्या मायने हैं, के बारे में विस्तार से बताते हैं.

6 दिसंबर को बुलाई गई थी बैठक

इससे पहले, 6 दिसंबर को गठबंधन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित गठबंधन के शीर्ष नेताओं के फैसले के बाद बैठक 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

बैठक का क्या एजेंडा है?

विपक्षी दलों की बैठक का क्या एजेंडा होगा, ये आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है. लेकिन उम्मीद है कि पार्टियां सीट-बंटवारे का रोडमैप तैयार करेंगी, संयुक्त रैलियों और चुनावी अभियान कार्यक्रमों को अंतिम रूप देंगी.

इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा कि पार्टियां लोक चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वैकल्पिक, सकारात्मक एजेंडे पर चर्चा करेंगी. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टियां एकता प्रदर्शित करने के, 'मैं नहीं, हम,' के नारे साथ आगे बढ़ने का इरादा रखती हैं.

हालांकि, यह देखना होगा कि क्या अन्य दल इस विषय पर सहमत होते हैं, जो कांग्रेस के 2014 लोकसभा चुनाव अभियान के नारों में से एक था. उस समय इस नारे ने राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था.

कांग्रेस का एक विज्ञापन, जो उस समय सभी प्रमुख अंग्रेजी और भारतीय भाषा के अखबारों में छपा था, उसमें राहुल गांधी के पीछे वाक्यांश "मैं नहीं, हम" लिखा हुआ था.

तब बीजेपी ने दावा किया था कि यह टैगलाइन नरेंद्र मोदी ने 2011 में मेहसाणा में अपने चिंतन शिविर के दौरान बनाई और इस्तेमाल की थी.

कांग्रेस के एक नेता ने कहा, विपक्षी दलों के सामने अब चुनौती वैकल्पिक एजेंडे के साथ सामने आने की है. सूत्रों ने कहा कि पार्टियां गठबंधन के लिए एक साझा कार्यक्रम को भी अंतिम रूप देंगी.

कौन-कौन दल शामिल होंगे?

'INDIA' गठबंधन की बैठक में कौन-कौन से राजनीतिक दल शामिल होंगे, इसका भी अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को होने वाली बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी और DMK समेत सभी प्रमुख दलों और उनके शीर्ष नेताओं के आने की उम्मीद है.

बैठक को लेकर किसने क्या कहा?

'INDIA' गठबंधन की बैठक पर RJD प्रमुख लालू यादव ने कहा, "बैठक के लिए हम सब लोग यहां आए हैं. इस बार INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी. सब एकजुट हैं और इसी एकता के साथ हम मोदी सरकार को उखाड़ फेकेंगे."

सभी चीजों पर बात होगी. कमेटी का काम कमेटी देख रही है. चुनाव को लेकर जो तैयारियां होनी चाहिए, वो हम कर रहे हैं. INDIA गठबंधन एक है, जिसकी जो जिम्मेदारी बनेगी उसे हम निभाएंगे. ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां INDIA गठबंधन के साथ हैं. सब का मकसद एक ही है कि सत्ता परस्त शक्तियों को सत्ता से बेदखल करना.
तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार

BJP सांसद सुशील मोदी ने 'INDIA' गठबंधन की बैठक पर कहा, "नीतीश कुमार का समय चला गया, जबसे उन्होंने विधानमंडल में दलित और महिलाओं के बारे में ओछी टिप्पणी की उसके बाद से संयोजक पद के लिए उनकी जो दावेदारी थी वह भी चली गई. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना तो दूर की बात उनकी तो संयोजक की दावेदारी भी गई."

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'अकाली दल INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं'

शिरोमणी अकाली दल (SAD) सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, "केजरीवाल और भगवंत मान पंजाब के पैसे लूट रहे हैं. इनके मंत्री नाजायज खनन कर रहे हैं. हम INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं और न होना चाहते."

इस बीच, बैठक से पहले एक बार जेडीयू की तरफ से बिहार के सीएम नीतीश कुमार को 'INDIA' गठबंधन का संयोजक और पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग तेज कर दी गई है. वाल्मीकिनगर से जेडीयू विधायक रिंकू सिंह ने कहा, "नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार 'INDIA' गठबंधन को बनाना ही पड़ेगा इसके सिवा को कोई चारा नहीं है गठबंधन के पास."

अगर बीजेपी को 2024 में शिकस्त देना है तो नीतीश कुमार से बेहतर उम्मीदवार इस पद के लिए इस वक्त देश में कोई दूसरा चेहरा नहीं है.
रिंकू सिंह, MLA, JDU

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, "नीतीश कुमार में वो तमाम गुण है जो इंडिया गठबंधन को लीड करने वाले नेता में होना चाहिए."

अब तक हुई बैठकों में क्या हुआ?

27 विपक्षी दलों के सयुंक्त 'INDIA' गठबंधन की अब तक कुल तीन बैठक हुई है. आखिरी बैठक मुंबई में आयोजित की गई, जिसकी मेजबानी शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने की और इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पांच राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे.

दो दिवसीय विचार-विमर्श में, गठबंधन ने आगामी आम चुनावों के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों पर चर्चा की, समन्वय समिति बनाई, और 2024 के भारतीय आम चुनावों को 'जहां तक संभव हो' एक साथ लड़ने के लिए तीन सूत्री प्रस्ताव पारित किया.

बेंगलुरु में दूसरी बैठक के दौरान विपक्षी गठबंधन के नाम - भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) की घोषणा की गई.

पहली बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में की. यहीं पर पार्टियों ने "बीजेपी को सत्ता से हटाने" के लिए आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने का संकल्प लिया.

चौथी बैठक क्यों खास?

'INDIA' गठबंधन की चौथी बैठक कई मायनों में खास है. पहला ये बैठक पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार आयोजित हो रही है, जहां भगवा दल ने तीन राज्यों में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है, तो वहीं कांग्रेस दो राज्यों में सत्ता गंवाने के साथ सिर्फ तेलंगाना में 'हाथ' मजबूत कर पाई है.

ऐसे में अगर विपक्ष इस बैठक में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का संकल्प नहीं ले पाता है तो, उसका बीजेपी से मुकाबला करना आसान नहीं होगा. इसके अलावा, एमपी चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की कांग्रेस से नाराजगी भी इस बैठक में दूर करनी होगी.

कांग्रेस को सभी दलों को अपने साथ बांधने और उन्हें सम्मानपूर्वक हिस्सेदारी देने पर भी कुछ सहमति देनी होगी, वरना बात बिगड़ी सकती है.

बैठक में किन मुद्दों को लेकर चुनाव में जाना है और बचे हुए समय में उसे कैसे जनता के सामने रखना है, इस पर जल्द फैसला करना होगा. गठबंधन बनने के बाद से आज तक 'INDIA' की कोई एक साथ कोई सार्वजनिक रैली नहीं हो पाई, इस पर स्थिति साफ करना होगा, नहीं तो जनता के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहेगी.

इसके अलावा, राज्यों में क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस के साथ विवाद भी सुलझाना होगा, तभी कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा. साथ ही, गठबंधन की रूपरेखा क्या होगी और ये कैसा काम करेगा, इस पर कुछ ठोस फैसला बैठक में लेना जरूरी है.

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