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'INDIA' संकल्प पर साथ, सीट शेयरिंग पर असमंजस..मुंबई में विपक्ष की कितनी बनी बात?

INDIA Mumbai Meet: विपक्षी गठबंधन 'INDIA' की तीसरी बैठक शुक्रवार, 1 सितंबर को मुंबई में संपन्न हुई.

आशुतोष कुमार सिंह
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>'INDIA' की मुंबई बैठक</p></div>
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'INDIA' की मुंबई बैठक

(फोटो: कांग्रेस/ट्विटर)

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INDIA Mumbai Meet: जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, चुनावी बिसात एक के बाद एक बिछती जा रही है. भले ही नतीजे अभी भी धुंधले नजर आ रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष की हर अगली रणनीतिक बैठक के बाद यह कुछ हद तक साफ हो रहा है कि कौन-किस तरफ से कैसे दांव लगाएगा.

इसी कड़ी में विपक्षी गठबंधन 'INDIA' की तीसरी बैठक शुक्रवार, 1 सितंबर को मुंबई में संपन्न हुई. पिछले दो दिनों के विचार-मंथन के बाद 'INDIA' गठबंधन ने जहां तक संभव हो सके, आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने का संकल्प ले लिया है.

एक तरफ तो इस बैठक के बाद 'INDIA' को अपनी आगे की तैयारियों से जुड़ें कई सवालों के जवाब मिलें लेकिन दूसरी तरफ कई मोर्चे पर संशय बरकरार है. आइए इसी को समझने की कोशिश करते हैं.

'INDIA' ने अपनी तीसरी बैठक से क्या हासिल किया?

संकल्प पर सहमति

गठबंधन के लिए अपनी मुंबई बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक है- तीन संकल्प पर मुहर लगना. ये संकल्प हैं:

  • हम, INDIA के सभी दल, जहां तक संभव हो सके, आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं. विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी और विचार-विमर्श की सहयोगात्मक भावना के साथ इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

  • हम, INDIA के सभी दल, जनता की समस्याओं एवं उनसे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर देश के विभिन्न भागों में जल्द से जल्द सार्वजनिक सभाएं आयोजित करने का संकल्प लेते हैं.

  • हम, INDIA के सभी दल, विभिन्न भाषाओं में “जुडेगा भारत, जीतेगा INDIA” थीम के साथ अपने संचार और मीडिया रणनीतियों एवं अभियानों के समन्वय का संकल्प लेते हैं.

28  विपक्षी दल एकसाथ नजर आए.

(फोटो: PTI)

विपक्षी गठबंधन के थीम पर मुहर

मुंबई बैठक में पूरा विपक्षी गठबंधन एक बैनर के नीचे था, जिसका थीम था 'जुडेगा भारत, जीतेगा INDIA'. विपक्ष के इस थीम में 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उसका विश्वास भी झलक रहा है.

सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया पर तेजी

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विपक्षी गठबंधन के कई ऐसे सदस्य दल है जो आपस में चुनावी प्रतिस्पर्धी रह चुके हैं और यहां तक कि आगामी विधानसभा चुनावों में भी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के सदस्य दलों के बीच सीट बंटवारे पर सबकी नजर है.

मुंबई बैठक के बाद पारित संकल्प में गठबंधन ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी और विचार-विमर्श की सहयोगात्मक भावना के साथ इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

अखिलेश यादव से बात करती हुईं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

(फोटो: PTI)

को-ऑर्डिनेशन कमिटी बनी

बैठक में कोऑर्डिनेशन कमेटी के नामों पर मुहर लग गई है. कोऑर्डिनेशन कमेटी में शरद पवार, तेजस्वी यादव, संजय राउत समेत 13 नाम शामिल हैं. जबकि सीपीआई-एम की ओर एक नाम बाद में बताया जाएगा.

'INDIA' की कोऑर्डिनेशन कमेटी

(फोटो: क्विंट हिंदी)

'INDIA' की कोऑर्डिनेशन कमेटी में कौन शामिल?

(फोटो: क्विंट हिंदी)

'हमने मतभेद मिटा दिया' का नारा बुलंद

INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक में शामिल तमाम नेताओं ने 'हमने मतभेद मिटा दिया' का नारा बार-बार बुलंद किया. यह कुछ हद तक बीजेपी और कुछ पॉलिटिकल कमेंटेटर को विपक्ष का जवाब नजर आ रहा था, जो उसकी एकजुटता पर कई बार सवाल उठाते रहे हैं.

बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मतभेद हैं लेकिन उन्हें कम किया जा रहा है और दूर किया जा रहा है. अगर इस मंच पर पार्टियां एकजुट हो गईं तो बीजेपी के लिए चुनाव जीतना नामुमकिन है. 

राहुल गांधी

(फोटो: PTI)

दूसरी तरफ आरजेडी प्रमुख लालू यादव विपक्षी एकता के लिए खुद नुकसान उठाने को भी तैयार दिखे. उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं और एक होकर यह लड़ाई लड़ेंगे. हम राहुल गांधी को विश्वास दिलाते हैं कि हम सब एक होकर सभी लोगों को समायोजित करके आगे सीट शेयरिंग अब शुरू करेंगे. कोई दिक्कत-कठिनाई नहीं होगी, अपना नुकसान करके भी हम INDIA को जिताएंगे.

शरद पवार अभी भी साथ ही हैं

अगर 2024 में बीजेपी को टक्कर देनी है तो यूपी के बाद महाराष्ट्र सबसे बड़ा मैदान होगा. और विपक्ष महाराष्ट्र में 'खेला' करना चाहता है तो उसे किसी भी कीमत पर शरद पवार को अपने पाले में रखने की जरूरत है. एनसीपी में 'फूट' और बागी भतीजे अजीत से सीनियर पवार की गाहे-बगाहे बैठक 'INDIA' को सकते में डाल देती है कि कहीं खेला उसी के साथ न हो जाए. लेकिन शरद पवार मुंबई बैठक में न सिर्फ शामिल हुए बल्कि उन्होंने साफ शब्दों में मोदी सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि मैं वादा करता हूं कि हम रुकेंगे नहीं और गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे. हम देश में एक स्वच्छ प्रशासन देने के लिए सब कुछ करेंगे.

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'INDIA' की मुंबई बैठक में किन मुद्दों पर नहीं बनी सहमति?

गठबंधन का कन्वीनर कौन होगा? जवाब अभी भी नहीं

'INDIA' गठबंधन अपनी मुंबई बैठक के बाद भी अपना कन्वीनर नहीं खोज पाया है, जबकि इस बैठक से सबसे बड़ी उम्मीद इसी नाम के फाइनल होने की थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बार बार इस भूमिका से इनकार करते रहे थे लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में उनका नाम सबसे आगे था.

INDIA गठबंधन की बैठक की तस्वीर

(फोटो: कांग्रेस/ट्विटर)

सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला नहीं

भले ही 'INDIA' गठबंधन ने अपने संकल्प पत्र में लिखा है कि विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी और विचार-विमर्श से इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा लेकिन ये सीट-बंटवारा किस लाइन पर होगा, क्या फॉर्मूला अपनाया जाएगा? इसपर कुछ स्पष्ट नहीं बताया गया है.

अरविंद केजरीवाल को संभालते हुए नेतागण

(फोटो: PTI)

'INDIA' गठबंधन के सिंबल पर सहमति नहीं?

जिस 'INDIA' गठबंधन के संयुक्त लोगो का सबको इंतजार था, उसके अनावरण को फिलहाल टाल दिया गया है. सिंबल एक प्रकार से सभी पार्टियों और इस गठबंधन के संयुक्त विचारधारा का प्रतिनिधित्व करेगा, ऐसे में गठबंधन चाहेगा कि मतभेद दूर हो और इसके अंतिम रूप पर सभी पार्टियों के बीच सहमति बन जाए.

ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी को शॉल देकर  सम्मानित किया.

(फोटो: PTI)

कॉन्फिडेंस ज्यादा लेकिन आगे चुनौतियां भी 

मुंबई बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी नेता आत्मविश्वास से लबरेज नजर आये. गठबंधन की नई थीम के तर्ज पर उनके भाषण में भी 'जीतेगा INDIA' का विश्वास झलक रहा था. चाहे वो अरविंद केजरीवाल हों या राहुल गांधी, लालू यादव हों या नीतीश कुमार, सबके भाषण में बीजेपी की हार का दावा था.

उद्धव ठाकरे, शरद पवार और सोनिया गांधी.

(फोटो: PTI)

हालांकि इसके साथ-साथ गठबंधन के लिए आगे कई चुनौती भी नजर आ रही है. इसमें से एक है केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बुलाया गया संसद का विशेष सत्र. ये सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा, जिसमें पांच बैठकें होंगी. चर्चा किस मुद्दे पर होगी अभी तक इसकी जानकरी नहीं दी गयी है.

सवाल है कि क्या विपक्षी गठबंधन इस विशेष सत्र के लिए तैयार है? मुंबई बैठक में इसपर विमर्श हुआ? क्या विपक्ष मोदी सरकार के इस बाउंसर के लिए तैयार है या इसकी नेट प्रैक्टिस मुंबई बैठक के दौरान की गयी? इसका जवाब संसद के विशेष सत्र के दौरान तो मिल ही जाएगा.

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