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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अवैध खनन घोटाला मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता से लेकर हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के रडार पर चल रहे हैं. हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद ‘पिंटू’ को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने समन भेजा है. 01 अगस्त को अभिषेक प्रसाद को ईडी ऑफिस में पेश होना है. इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य और हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जब पूछताछ की तो उन्होंने अभिषेक प्रसाद ‘पिंटू’ का नाम लिया जिसके बाद ईडी ने अभिषेक को समन भेजा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ED ने 19 जुलाई को बुलाया था. लेकिन करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद पंकज मिश्रा को जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी ने साल 2020 में बरहरवा थाने में टेंडर विवाद मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में साल 2022 में प्राथमिकी दर्ज की थी. इसी मामले में ईडी ने दो बार समन भेजा था लेकिन पंकज गैरहाजिर रहे थे. वहीं गिरफ्तारी के बाद ईडी की विशेष अदालत ने पंकज मिश्रा को छह दिनों के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति दी थी. हालांकि रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी की विशेष अदालत ने रिमांड अवधि को छह दिनों के लिए और बढ़ा दिया.
बता दें कि संथाल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई और टेंडर मैनेज करने से जुड़े खेल में पंकज मिश्रा से ईडी ने पूछताछ की थी.
अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामले में पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कई और लोगों का नाम भी सामने आया था, जिसमें से एक है पंकज मिश्रा का करीबी दाहू यादव और दूसरा बच्चू यादव. ईडी ने दाहू यादव और बच्चू यादव से भी पूछताछ की थी.
अगर देखा जाए तो सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें तब ही बढ़ना शुरू हो गई थी जब मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने झारखंड खनन विभाग की सचिव और साल 2000 बैच की झारखंड कैडर की IAS अधिकारी पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था.
पूजा सिंघल पर खूंटी जिले में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगा है. सरकारी ऑडिट के बाद झारखंड पुलिस ने करप्शन एक्ट के तहत 16 मामले दर्ज किए थे. ईडी की पड़ताल के मुताबिक मनरेगा योजना में फंड की मंजूरी के संबंध में राम बिनोद सिन्हा और दूसरे इंजीनियरों की ओर से पूजा सिंघल को भुगतान किया गया था, जो उस समय खूंटी जिले की उपायुक्त थीं.
ईडी के मुताबिक पूजा सिंघल की गिरफ्तारी से पहले 6 मई 2022 को देशभर में करीब 27 अलग-अलग जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया था, जिस दौरान पूजा सिंघल से जुड़े लोगों के पास से 19 करोड़ 76 लाख रुपए जब्त किए गए थे.
बता दें कि खनन से जुड़े मामले को लेकर ईडी की कार्रवाई से हेमंत सोरोने की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ती नजर आ रही हैं क्योंकिहेमंत सोरेन के पास खनन का प्रभार भी है.
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