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कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Election Results) की सभी 224 विधानसभा सीटों के रुझान आ गए हैं. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है. कांग्रेस ने 10 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. वहीं 126 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी को 4 सीटों पर जीत मिली है और वो 60 सीटों पर आगे चल रही है. जेडीएस ने 1 सीट पर जीत हासिल की है. रूझान बता रहे हैं बजरंग बली का आर्शीवाद बीजेपी को नहीं, बल्कि कांग्रेस को मिला है. कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात क्या की, बीजेपी ने इसे भगवान बजरंग बली का अपमान बताकर चुनावी मुद्दा बना दिया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों ने बजरंग बली के नाम के नारे भी लगवाए, लेकिन बीजेपी का ये दांव उल्टा पड़ गया.
खास बात ये है कि इधर कर्नाटक में वोटों की गिनती चल रही थी और उधर प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिमला के जाखू हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिए प्रार्थना की.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि लोगों ने बीजेपी के नकारात्मक अभियान को खारिज कर दिया है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के-
कांग्रेस ने अपने घोषणा में बजरंग दल को लेकर कहा था कि ' हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल, पीएफआई या उन जैसे अन्य व्यक्ति या संगठन (चाहे वे बहुसंख्यक से हों या अल्पसंख्यक से) दुश्मनी या नफरत फैलाने के लिए उसका उल्लंघन नहीं कर सकते. हम कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे, जिसमें ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. जब घोषणा पत्र जारी किया गया था, तब उसमें कहा गया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो ऐसे संगठनों को प्रतिबंध सहित कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.'
कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल का जिक्र क्या हुआ, बीजेपी को बैठे-बिठाए चुनावी मुद्दा मिल गया, फिर तो पार्टी ने असल मुद्दों को छोड़कर बजरंग दल को सीधे बजरंग बली के नाम से जोड़ दिया और कांग्रेस पर सीधे उनके अपमान का आरोप लगाने लगी. बीजेपी के कई नेता और खुद पीएम मोदी ने प्रचार के दौरान इस मुद्दे को खूब उछाला.
पीएम मोदी ने इस मुद्दे को अपनी रैलियों में उठाया. उन्होंने कई रैली में तो बजरंगबली के नारे भी लगवाए. कर्नाटक के होसपेट में 2 मई को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा-
पीएम ने बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़कर मुद्दा बनाया तो कांग्रेस ने भी पलटवार किया. कांग्रेस ने कहा, भगवान हनुमान पवित्रता, श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता और सेवा और बलिदान के प्रतीक हैं.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और बीजेपी के लिए हर चुनाव भ्रष्टाचार, कमरतोड़ महंगाई, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और नफरत के सर्वव्यापी माहौल के बुनियादी मुद्दों का जवाब देने के बजाय धर्म के आधार पर समाज को बांटने का मौका भर है. लगता है, कर्नाटक की जनता को भी चुनाव में यही मुद्दे नजर आए और उन्होंने कांग्रेस को मौका दिया और उन्हें वोट किया. बजरंग बली उनके लिए कोई मुद्दा ही नहीं रहा.
2 मई के बाद बीजेपी ने पूरे चुनाव का फोकस बजरंग बली पर कर दिया. पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस को मेरे जय बजरंग बली बोलने पर भी आपत्ति होने लगी हैं, कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति उसको हराएगी, लेकिन लगता है कि जनता को पीएम की बातें कुछ खास पसंद नहीं आई और जनता ने वोटिंग के दौरान इस मुद्दे को तवज्जो ही नहीं दिया और कांग्रेस को जीत का प्रसाद दे दिया.
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