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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली बागी शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार ने सोमवार, 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण की चुनौती को आसानी से पार कर किया. 288 विधायकों वाली सदन में नई गठबंधन सरकार 164 वोट हासिल करने में सफल रही. यह बहुमत के जादुई आंकड़े 144 से 20 वोट से अधिक है. जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन को केवल 99 वोट मिले.
महाराष्ट्र में बुलाए गए दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन, रविवार को बीजेपी के राहुल नार्वेकर विधानसभा नए अध्यक्ष चुने गए थे. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए इस चुनाव में जहां नरवेकर को 164 वोट मिले, वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार राजन साल्वी को केवल 107 वोट मिले.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस के विधायक जीशान सिद्दीकी आज सदन में वोट डालने ही नहीं पहुंचे, जबकि कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार वोटिंग की प्रक्रिया खत्म होने के बाद सदन में पहुंचे. एनसीपी के विधायक संग्राम जगताप भी गायब थे. ये चारों रविवार को हुई वोटिंग में मौजूद थे.
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी, रईस शेख और AIMIM के विधायक शाह फारुख अनवर भी महाराष्ट्र विधानसभा में आज वोट डालने नहीं पहुंचे.
साथ ही उद्धव ठाकरे कैंप के शिवसेना विधायक संतोष बांगर विश्वास मत से कुछ मिनट पहले ही पाला बदलकर एकनाथ शिंदे खेमे के साथ हो लिए. याद रहे कि विधायक संतोष बांगर ही करीब एक हफ्ते पहले ही उद्धव ठाकरे के समर्थन में सार्वजनिक रूप से रो पड़े थे. अब एकनाथ शिंदे खेमे में शिवसेना के कुल 40 विधायक हैं.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे ने पार्टी के लिए नए व्हिप (भरत गोगावाले) को मान्यता देने के विधानसभा के नए अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की.
इससे पहले बागी शिवसेना के चीफ व्हिप भरत गोगावाले ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक याचिका देकर पार्टी के 16 विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने पर निलंबित करने की मांग की थी. इसपर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने पुष्टि की है कि 16 विधायकों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया जाएगा.
खास बात है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी भरत गोगावाले द्वारा जारी किए गए व्हिप के खिलाफ मतदान किया है और उन्हें अयोग्यता की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है.
फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद सूबे के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि "मैंने एक बार कहा था कि मैं वापस आऊंगा. लेकिन जब मैंने ऐसा कहा तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया. मैं आज वापस आया हूं और उन्हें (एकनाथ शिंदे) अपने साथ लाया हूं. "
उन्होंने आगे कहा कि "लोग ताना मार रहे हैं कि यह ED की सरकार है. हां यह एकनाथ देवेंद्र की ED सरकार है."
देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के उन विधायकों को भी शुक्रिया कहा जिन्होंने आज वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने कहा कि "मैं उन सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने शिंदे सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया. मैं उन सभी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने सदन से बाहर रहकर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी-शिंदे गठबंधन की मदद की"
आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के कई विधायक विश्वास मत के बाद सदन से चले गए थे.
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Published: 04 Jul 2022,01:02 PM IST