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Congress Manifesto: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले राजस्थान के बांसवाड़ा और टोंक में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुसलमानों को लेकर टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया है. प्रधानमंत्री ने राजस्थान के टोंक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है. इसके साथ ही उन्होंने रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा "आपको पता होगा कि उन्होंने मेनिफेस्टो में लिखा है कि आपकी संपत्ति का सर्वे करेंगे. हमारी माता-बहनों के पास जो स्त्री धन होता है, जो मंगलसूत्र होता है, उसका सर्वे करेंगे."
पीएम के सभी बयान में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस के घोषणापत्र की हो रही है, जिसको लेकर ये तमाम बातें कही गईं हैं. हम आपको बताएंगे कि असल में कांग्रेस के घोषणापत्र में है क्या? पीएम मोदी ने इसका क्या मतलब जनता को समझाया और कैसे ये दोनों बातें एक दूसरे से अलग हैं.
पहले जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मेनिफेस्टो से संबंधित क्या-क्या बयान दिया?
पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को जिस बांसवाड़ा में रैली को संबोधित किया है, वो आदिवासी बहुल इलाका है. गरीबी और अशिक्षा यहां चरम पर है.
पीएम ने राजस्थान के बांसवाड़ा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक पुराने भाषण का जिक्र करते हुए मुसलमानों पर टिप्पणी की, जिसकी अब आलोचना हो रही है.
उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में दर्ज सामाजिक न्याय को टारगेट किया और कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार आएगी तो वो आपका पैसा मुसलमानों में बांट देंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा..
प्रधानमंत्री ने टोंक की रैली में अपने बयान में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक भाषण का जिक्र किया. उन्होंने अपनी सुविधानुसार उस बयान को आधे-अधूरे संदर्भों में जनता को समझाते हुए दावा किया कि पूर्व पीएम ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसलिए कांग्रेस जब भी आएगी, मुसलमानों को संपत्ति बांट देगी.
PM यहीं नहीं रुके, उसके बाद की अपनी रैलियों में भी लगातार यही सब बातें वो दोहराते रहे हैं. अलीगढ़ में हुई रैली में उन्होंने कुछ इसी तरह की बातें कहीं.
इसके बाद टोंक में हुई रैली में भी पीएम इन बातों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस का पर्दाफाश किया है.
कांग्रेस के घोषणापत्र के 'हिस्सेदारी न्याय' के एक वादे से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस ने अपने वादे में कहा है कि अगर उनकी सरकार आती है तो वो 'आर्थिक सामाजिक जाति जनगणना करवाएंगे और प्राप्त आंकड़ों के आधार पर स्थिति में बेहतरी लाने की कोशिश करेंगे'.
आर्थिक आधार पर किए जाने वाले इसी सर्वे को मुद्दा बना कर PM मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और इसे आम लोगों की धार्मिक पहचान से जोड़ दिया. हालांकि, कांग्रेस के पूरे घोषणा पत्र में कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं मिलता है, जिसका आम लोगों की संपत्ति से कोई सरोकार हो.
कांग्रेस आर्थिक भेदभाव के मुद्दे पर बात करती तो दिखती है लेकिन आर्थिक समानता लाने के लिए आम लोगों की संपत्ति को जब्त कर उसे वितरित करने जैसी कोई बात कहती नहीं दिखती है.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वो जनता का धन लूट कर उसे मुसलमानों में बांट देगी, जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ऐसा कुछ भी नहीं दिखा. कांग्रेस समान भागीदारी का वादा जरूर करती है लेकिन किसी एक पक्ष को लेकर कोई वादा नहीं करती है.
हिस्सेदारी न्याय के प्वाइंट 7 में कांग्रेस ने कहा है कि जिनके पास जमीनें नहीं हैं, उन्हें जमीन वितरित की जाएगी. पर पार्टी ने यह कहीं नहीं कहा है कि जिनके पास है, उनसे लेकर जमीन भूमिहीनों को दी जाएगी. न ही ये कहा गया है कि जिनके पास सोना है, उनसे लेकर दूसरों को दिया जाएगा. न ही ये कहा है कि सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति की मॉनिटरिंग की जाएगी.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहा गया...
अगर कांग्रेस के घोषणापत्र के हिस्सेदारी न्याय की बात करें तो उसमें सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक, स्वास्थ्य और वरिष्ठ नागरिक, विकलांग व्यक्ति और LGBTQIA+ के संबंध में बराबर हिस्सेदारी को लेकर तमाम बातें कही गई हैं.
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