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कांग्रेस मेनिफेस्टो, मुसलमानों के 'पहले अधिकार' पर पीएम के दावों की पड़ताल

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस मेनिफेस्टो में महिलाओं का सोना लेकर समान रूप से बाकी लोगों में वितरित करने की बात कही गई है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 21अप्रैल 2024 को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कुछ दावे किए, जिनकी पड़ताल क्विंट हिंदी की फैक्ट चेकिंग टीम 'वेबकूफ' ने की है.

पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार का मानना था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाषण में पीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में कहा है कि सरकार बनने पर आदिवासियों, महिलाओं के जेवर, प्रॉपर्टी की जांच की जाएगी.

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पड़ताल में क्या सामने आया ? :

  • पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण को प्रधानमत्री ने अधूरे संदर्भ में पेश किया है. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में अल्पसंख्यकों के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग का जिक्र करते हुए कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला दावा इनका है.

  • कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ये कहीं नहीं कहा है कि महिलाओं, आदिवासियों के जेवर की जांच की जाएगी. ये जरूर कहा है कि पिछड़ी जातियों का आर्थिक सर्वे होगा, जिससे उनकी स्थिति को सुधारा जा सके. पर ये कहीं नहीं कहा कि महिलाओं के सोने को सबमें समान रूप से वितरित किया जाएगा.

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमने एक - एक कर प्रधानमंत्री के दावों की पड़ताल की.

कांग्रेस की सरकार में कहा गया देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का ?

भाषण में 36:44 मिनट पर पीएम मोदी कहते हैं...

"पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था. देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब ? ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे ? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे."
नरेंद्र मोदी
  • कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक भाषण को लेकर पहले भी ये दावा किया जाता रहा है. आइए, मनमोहन सिंह का पूरा भाषण देखते हैं. यहां तक कि जिस वक्त मनमोहन सिंह ने ये भाषण दिया था, तब भी ये दावा किया गया था कि उन्होंने कहा है 'देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.'The Times of India की 9 दिसंबर 2006 की रिपोर्ट के हेडलाइन में भी मुसलमानों के संदर्भ में यही दावा किया गया है.

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मनमोहन सिंह ने ये भाषण साल 2006 में हुई राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की 52वीं बैठक में दिया था. भाषण का टेक्स्ट भारत सरकार की ही ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है, देखते हैं कि पूर्व पीएम ने क्या-क्या कहा था?

भाषण के इस हिस्से का हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा

मेरा मानना है कि हमारी प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट हैं. कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण इंफ्रास्ट्र्क्चर में निवेश, और सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश. इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाओं और बच्चों का उत्थान. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं को पुनर्जीवित करने की जरूरत होगी. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास में शामिल होने का अधिकार मिले. संसाधनों पर पहला दावा उनका होना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

यहां स्पष्ट है कि मनमोहन सिंह ने सिर्फ मुसलमानों की नहीं बल्कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की भी बात की.

गौर करने वाली बात ये भी है कि मनमोहन सिंह ने यहां कहा कि इन वर्गों का देश के संसाधनों पर दावा होना चाहिए. ये नहीं कहा कि संसाधनों पर पहला अधिकार है, जैसा कि नरेंद्र मोदी ने दावा किया है. साफ है कि दावा होने और अधिकार होने में अंतर है.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Fact Crescendo के इस फैक्ट चेक वीडियो में मनमोहन सिंह के भाषण का ये हिस्सा सुना जा सकता है.

2006 में भी मनमोहन सिंह के भाषण के बाद तत्कालीन सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि प्रधानमंत्री के बयान को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. इस स्पष्टीकरण में साफ कहा गया है कि मनमोहन सिंह ने संसाधनों पर पहला दावा होने की बात, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को लेकर कही थी.

गौर करने वाली बात ये भी है कि अल्पसंख्यक वर्ग में सिर्फ मुस्लिम समुदाय नहीं ईसाई, सिख, मुस्लिम, बुद्ध, पारसी और जैन धर्म भी शामिल हैं.

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पीएम मोदी का अगला दावा -

कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में कहा महिलाओं के सोने की जांच कर उसे समान रूप से वितरित करेगी?

भाषण में 35:10 मिनट पर प्रधानमंत्री कहते हैं -

कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में कहा है सरकार बनी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा. हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी. हिसाब लगाया जाएगा. हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, सिल्वर कितना है उसका हिसाब लगाया जाएगा. सरकारी मुलाज़िमों के पास कितना पैसा है, नौकरी किस जगह है उसकी जांच की जाएगी. इतना ही नहीं, आगे क्या कहा है ? जो गोल्ड है बहनों का और जो संपत्ति है, ये सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी. क्या ये आपको मंजूर है क्या?
नरेंद्र मोदी
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अपने चुनावी घोषणा पत्र के हिस्सेदारी न्याय वाले भाग में ये कहा है कि कांग्रेस आर्थिक - सामाजिक जनगणना कराएगी. जातियों की आर्थिक स्थिति का पता लगाएगी, जिससे कि उनकी स्थिति को सुधारा जा सके. यहां ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि महिलाओं के जेवर और संपत्ति की जांच की जाएगी.

हिस्सेदारी न्याय के 7वें पॉइंट में कांग्रेस ने कहा है कि जिनके पास ज़मीनें नहीं हैं उन्हें ज़मीन वितरित की जाएगी. पर यहां ये नहीं कहा गया है कि जिनके पास है उनसे लेकर जमीन भूमिहीनों को दी जाएगी. न ही ये कहा गया है कि जिनके पास सोना है, उनसे लेकर दूसरों को दिया जाएगा.

कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहीं नहीं कहा है कि महिलाओं के, आदिवासियों के सोने की जांच की जाएगी. न ही ये कहा कि सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति की मॉनिटरिंग की जाएगी.

(हमने इन दावों पर स्पष्टीकरण के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से संपर्क किया है. उनका जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा)

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निष्कर्ष : प्रधानमंत्री मोदी का ये दावा सच नहीं है कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में महिलाओं का सोना लेकर बराबरी से वितरित करने की बात कही. वहीं बात करें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण की, तो उनकी स्पीच और अगले दिन सरकार की तरफ से जारी स्पष्टीकरण से पता चलता है कि मनमोहन सिंह ने संसाधनों पर दावा होने की बात अल्पसंख्यकों के अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर कही थी. इसका स्पष्टीकरण भारत सरकार की ही आधिकारिक वेबसाइट पर आज भी उपलब्ध है.

(अगर आपक पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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