लोकसभा चुनाव 2024: रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों में बांट देगी. पीएम ने अपने भाषण में दावा किया, "जब पहले कांग्रेस की सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये लोग संपत्ति इकट्ठा करके, जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे."
पीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक खेमे में हंगामा मच गया है.असदुद्दीन औवेसी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मोदी की बस एक गारंटी रही है, भारत के मुसलमानों को गालियां दो और वोट बटोरो. उन्होंने लिखा-
इससे पहले ओवैसी ने 21 अप्रैल, रविवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था,"तुम सीमांचल की जनता को घुसपैठिए कहते हो इसलिए तुम CAA-NRC को लागू कराना चाहते हो. यह बयान देकर पीएम ने अपनी असलियत दिखा दी." ओवैसी ने आगे कहा कि जब आप 26 अप्रैल को वोट डालने जायेंगे तो ये सोच कर जाइये कि हम भारत के नागरिक हैं, हम घुसपैठिए नहीं हैं. जो हमको घुसपैठिए कहेगा, हम उस पार्टी का साथ हरगिज नहीं देंगे.
कांग्रेस के कहा, "पीएम मोदी नफरत के बीज बो रहे हैं"
कांग्रेस का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और देश का संविधान यहां सभी धर्म और जाति के नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम के इस भाषण को हार की बौखलाहट बताया. उन्होंने लिखा आज मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में INDIA जीत रहा है. कांग्रेस का न्याय पत्र सच की बुनियाद पर टिका है पर लगता है गोएबल्स रूपी तानाशाह की कुर्सी अब डगमगा रही है.
आपको बता दें कि पॉल जोसेफ गोएबल्स वह शख्स है जिसने जर्मनी के लाखों लोगों को विश्वास दिला दिया था कि यहूदी उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि आज प्रधानमंत्री ने वही किया जो उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कार मिले हैं.
वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोजगार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा. भारत का ध्यान नहीं भटकाया जाएगा."
तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने भी पीएम मोदी के भाषण की आलोचना की, उन्होंने एक्स पर लिखा, अगर आप भी मोदी के भाषण से निराश हैं तो यह मौका है अपने पावर के इस्तेमाल का. उन्होंने चुनाव आयोग पर भी पक्षपात करने का आरोप लगाया.
चुनाव आयोग विपक्ष की अनदेखी करता रहा है. ये मोदी और भाजपा को खुली छूट देता रहा है. चुनाव के दौरान, चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के प्रति जवाबदेह नहीं होता है पर वह जनता के प्रति जवाबदेह होता है.- तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले
उन्होंने अपने संदेश में भारत के चुनाव आयुक्त का ई-मेल आईडी शेयर कर लिखा कि क्या कम से कम 1000 जिम्मेदार नागरिक भी चुनाव आयुक्त को मेल लिखकर कल शाम तक मोदी पर कार्यवाही करने की मांग कर सकते हैं?
साकेत गोखले के इस आह्वान के बाद कई लोगों ने चुनाव आयुक्त को मेल कर सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें शेयर की.
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने पीएम पर "झूठ" बोलने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने पीएम को चुनौती दी कि वह कांग्रेस के घोषणापत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें.
सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग के कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणी पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी पीएम को घेरे में लिया है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ''आप भाषण दे रहे हो कि महिलाओं के गहने और संपत्ति कांग्रेस पार्टी घुसपैठियों को देगी. क्या 20 करोड़ लोग इस देश के मायने नहीं रखते?''
सिब्बल ने आगे कहा कि देश की राजनीति में ऐसी गिरावट आ जाए ऐसा कभी नहीं हुआ है और ना ही मैं चाहता हूं कि ऐसा हो.
"चुनाव आयोग ने तुरंत कदम क्यों नहीं उठाया? ये जो भाषण है इसकी आपको निंदा करनी चाहिए. मोदी को नोटिस भेजना चाहिए. चैनलों को ये आदेश भी देना चाहिए कि इस भाषण का प्रसारण को दोहराया ना जाए.चुनाव आयोग को ये नहीं भूलना चाहिए कि उसने संविधान की शपथ ली है. भेदभाव के साथ ऐसे भाषण का साथ देंगे?''-राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल
क्या असल में मनमोहन सिंह ने 'मुसलमानों को पहला अधिकार देने की' बात की?
पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के जिस बयान का जिक्र किया, वो मनमोहन सिंह ने साल 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाषण दिया था.
बीबीसी के रिपोर्ट के मुताबिक, मनमोहन सिंह ने कहा था,"मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं- कृषि, सिंचाई-जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक सार्वजनिक निवेश की जरूरतें. साथ ही अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों के उत्थान के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाएं और बच्चों के लिए कार्यक्रम."
"अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है. हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए. केंद्र के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं और ओवर-ऑल संसाधनों की उपलब्धता में सबकी जरूरतों का समावेश करना होगा."- 2006 के भाषण में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
बीबीसी ने लिखा है कि सिंह ने अपने भाषण अंग्रेजी में दिया था जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के कहे अनुसार अधिकार या हक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था बल्कि अंग्रेजी में 'क्लेम' शब्द का प्रयोग किया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)