मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019PK का क्या है प्लान?'जन सुराज' का दफ्तर-ब्लूप्रिंट तैयार,टेस्ट लेकर चुनेंगे नेता

PK का क्या है प्लान?'जन सुराज' का दफ्तर-ब्लूप्रिंट तैयार,टेस्ट लेकर चुनेंगे नेता

Prashant kishor बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे, पटना में हो सकती है पार्टी की लॉन्चिंग, यूथ का रहेगा दबदबा

राजकुमार खैमरिया
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>प्रशांत किशोर</p></div>
i

प्रशांत किशोर

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

advertisement

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आखिरकार अपनी नई सियासी पारी के संकेत दे दिए हैं. हाल ही में कांग्रेस के साथ चर्चा फेल हो जाने के बाद इस चुनावी रणनीतिकार ने सोमवार को एक ट्वीट करके बिहार से अपनी नई राजनैतिक 'शुरुआत' करने की बात कह डाली है. लेकिन पीके का प्लान क्या है?

पीके ने दो मई को किसी निर्णय की डेड लाइन घोषित कर रखा था. भारतीय राजनीति में पिछले दस सालों से चाणक्‍य की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर के इस ऐलान से राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है. यहां 'क्विंट हिंदी' आपके लिए लाया है एक्सक्लूसिव खबर जिसमें पीके की इस पार्टी के फ्यूचर विजन को हम आपके सामने रख रहे हैं.

तैयार है पीके का प्लान

पीके की कंपनी आई-पैक के पॉलिटिकल इंटेलिजेंस सेक्शन से पिछले डेढ़ साल से जुड़े एक शख्स ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि प्रशांत की नई पार्टी का ब्लूप्रिंट उनके हर चुनावी अभियान की तरह कागजों पर पूरी तरह तैयार है. उनका कहना है कि प्रशांत किशोर की पार्टी का नाम भी वही होगा जिस शब्द का उन्हेांने ट्वीट में उल्लेख किया है-'जन सुराज'. इस नाम के बारे में प्रशांत की कोर टीम के कुछ चुनिंदा मेंबर्स के साथ पहले से कुछ चर्चाएं हुई थीं, हालांकि नाम खुद उन्होंने ही तय किया है. सूत्र ने आगे बताया-

वैसे तो इस आइडिया को सार्वजनिक करने की तारीख आगे की तय थी, पर कांग्रेस वाला एपिसोड आने के बाद इसके लिए एक ट्वीट में प्रशांत सर ने दो मई की डेडलाइन तैयार कर दी और राजनीति में उतरने के संकेत भी दे दिए. पिछले तीन दिन से ही वे अपने फैलान में भागीदार बनने वाली विंग्स पॉलिटिकल आपरेशंस, क्रिएटिव टीम, स्ट्रैटजिक रिसर्च, डाटा एनालिस्ट, सोशल मीडिया, पॉलिटिकल इंटेलिजेंस के मुख्य मेंबर्स से इस प्लान पर कई बार बात करते रहे. उनके पटना पहुंचने पर इस पर हलचल काफी तेज हो गई, मीडिया में इस बारे में काफी चीजें लीक होने लगी थीं, तो उन्होंने दो तीन दिन पहले ही दो मई का दिन डिसाइड करके यह ट्वीट करने का सोचा होगा.

इस सूत्र ने हमें बताया कि पार्टी की फॉर्मल लाॅन्चिंग पर भी उनकी साथियों से बात हुई है. इसकी भी तैयारी चल रही है. पटना में ही पार्टी की लांचिंग की जाएगी. पटना में ही पार्टी का तीन फ्लोर का शानदार ऑफिस तैयार हो गया है. इसमें कुछ लोगों की टीम बैठने भी लगी है, वे इसमें चुनावी विश्लेषण का काम कर रहे हैं या नई पार्टी से जुड़े फंक्शन देख रहे हैं. इस पार्टी में आई पैक से जुड़े उनके काफी साथी दिखेंगे.

 

 

केवल बिहार ही लक्ष्य नहीं

प्रशांत किशोर ने अपने आज के ट्वीट में स्पष्ट कर दिया है कि उनका अपनी पार्टी को केवल बिहार तक सीमित रखने का कोई इरादा नहीं है. वह इसे केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की तर्ज पर आगे पूरे देश में फैलाने का विजन रखते हैं.

उन्होंने ट्वीट में स्पष्ट लिखा है कि 'शुरुआत बिहार से', यानी अपनी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत बिहार से करके फिर आगे दूसरे राज्यों में भी इसका प्रसार करेंगे.

वैसे प्रशांत किशोर का अनुभव अकेले बिहार तक सीमित नहीं है. देश के एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में उन्होंने कई पार्टियों के कैंपेन संभालकर उनको चुनावी जीत दिलाने का काम किया है. वे देश के अधिकांश वोटर व मुद्दों की नब्ज समझते हैं, इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रशांत किशोर पूरे देश में अपनी पार्टी को फैलाने का विजन तैयार कर रहे हैं.

Nitish Kumar ने कभी प्रशांत किशोर को JDU का उपाध्यक्ष बनाया था, फिर पार्टी से निकाला भी था. (फाइल फोटो: PTI)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

टेस्ट, इंटरव्यू से तलाशेंगे फ्यूचर लीडर्स

प्रशांत किशोर ने तीन चार महीने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. सोशल मीडिया पर बने 'यूथ इन पॉलिटिक्स' पेज पर उन्हेांने युवाओं से अपने साथ राजनीति में जुड़ने की अपील करके पहले ही अपने इस महत्वांकांक्षी प्लान के संकेत दे दिए थे.

इस पेज पर युवाओं को सक्रिय राजनीति मे प्रशांत किशोर के मार्गदर्शन में जुड़ने के लिए एक मंच देने का वादा कर उनसे एक ऑनलाइन फॉर्म भरवाया जा रहा था. इस कैंपेन के साथ प्रशांत किशोर की तस्वीर भी लगी थी. यह फॉर्म प्रशांत किशोर से जुड़े कुछ और सोशल मीडिया पेजेस पर भी मौजूद हैं.इस कैंपेन से जुड़े टीम पीके के एक अन्य सदस्य बताते हैं कि,

वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने वालों को हम खुद कॉल करके बुलाएंगे. उनका टेस्ट लिया जाएगा. जिसकी जैसी क्षमता या रुचि होगी, उसको वैसे ही काम की ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशांत किशोर कुछ बेहद संभावनाशील युवाओं से वन टू वन भी मिलेंगे और युवाओं को ही कैंपेन में प्रमुख भूमिका में रखा जाएगा.

जब प्रशांत किशोर जेडीयू के साथ थे तब 2018 में उन्हेांने राजनीति में 1 लाख युवाओं को जोड़ने के लिए इसी तरह का प्रयोग किया था. इसके लिए उन्होंने लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लेकर बिहार के युवाओं को पार्टी में शामिल करने की शुरुआत की थी, संभवत: वह अपने इस पार्टी प्लान में इस बार भी टैलेंट ऐसे ही तलाशने की कोशिश करेंगे.

हाल ही में प्रशांत किशोर ने कई बैठकों के बावजूद कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

 

फरवरी में ही दे दिए थे संकेत

आज का ट्वीट पढ़कर चौंकने वालों के लिए प्रशांत की यह घोषणा नई बात हो सकती है, पर उनकी एक्टविटीज को फॉलो करने वालों के लिए यह कोई नई बात नहीं है. पटना में आईपैक के दफ्तर में फरवरी में हुई एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में तो उन्होंने अपनी रणनीति बहुत कुछ खुलासा कर दिया था. उन्होंने वहां "बात बिहार की" नाम की अपनी एक प्रस्तावित यात्रा के बारे में चर्चा की. वहां उन्हेांने राजनीतिक पार्टी बनाने की बात तो अस्वीकारी थी, पर संकेत सारे इसी दिशा में दिख रहे थे.

उन्होंने अपने पॉलिटिकल एक्टिविज्म का विजन देते हुए कहा था

हम बिहार के ऐसे युवाओं का संगठन तैयार कर रहे हैं जिनका सपना बिहार को देश के टॉप टेन राज्यों में लाने का है. अभी तक ऐसे दो लाख 93 हजार युवाओं को अपने साथ जोड़ा है. अगले तीन महीनों में हमारा लक्ष्य एक करोड़ युवाओं को जोड़ना है.
-प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

जब पूछा गया कि ये युवा आपसे जुड़कर करेंगे क्या? तब प्रशांत किशोर ने कहा था कि हम सबको नेता बनाएंगे. इसकी शुरुआत हम पंचायत स्तर से कर रहे हैं.

ये युवा पहले मुखिया, सरपंच और जिला पार्षद बनेंगे फिर अपने आप सांसद, विधायक मंत्री बन जाएंगे. हमारा मकसद बिहार के सभी पंचायतों से 10 हजार मुखिया को चुनवाना है. अगले तीन महीने तक हमारा फोकस इसी पर रहेगा कि कम से कम एक करोड़ युवाओं को जोड़ लें. पूरे बिहार में यात्रा करनी है और फिर तीन महीने के बाद हम घोषणा करेंगे कि कहां तक सफल हुए.
-प्रशांत किशोर

उनकी उस प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंटरनेट पर मौजूद वीडियो देखें तो उनके तेवर व नेताओं वाले अंदाज से स्पष्ट दिख रहा है कि वे चुनावी रणनीतिकार का पेशा छोड़ राजनीति के मैदान में उतरना चाहते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT